प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए अपने संबोधन में देश की युवा शक्ति और बढ़ती आबादी का जिक्र किया। उन्होंने इस दौरान जनसंख्या विस्फोट की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये ऐसी समस्या है, जिस पर समय रहते समाधान करना जरूरी है। उन्होंने छोटे परिवार को भी देशभक्ति का प्रदर्शन ही बताया। प्रधानमंत्री के इस बात की प्रशंसा कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी की।
Majority of India is young & productive, but this advantage will only last till 2040@PMOIndia is clueless about what how to utilise this advantage, so he’s coming up with discarded & intrusive ideas of governance that shirk his own responsibilityhttps://t.co/ac7oZL7NiF
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 15, 2019
मगर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को ये बातें पसंद नहीं आई। उन्होंने इस पर असहमति जताते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उनका कहना है कि सरकार को पता ही नहीं है कि बढ़ती आबादी का फायदा कैसे उठाया जाए।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री के विचार को खारिज किया जा चुका और बेवजह दखलंदाजी वाला बताते हुए कहा कि भारत की अधिकांश आबादी अभी युवा है, लेकिन इसका फायदा 2040 तक ही मिलने वाला है। सरकार युवा आबादी का फायदा उठाने की बजाए ऐसे आइडिया लेकर आ रही है जिससे वो अपनी जिम्मेदारी से बच सके।
ओवैसी के इस बयानबाजी को शिवसेना ने आड़े हाथों लिया और जनसंख्या नियंत्रण नीति पर प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों को धर्मांध मुस्लिम बताया। सामना के 16 अगस्त के संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री ने ठीक ही कहा लेकिन देश का एक बड़ा वर्ग परिवार के आकार और जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम को लेकर बेफिक्र है।
सामना के संपादकीय में लिखा गया कि यहाँ के धर्मांध मुस्लिम तो ‘हम दो, हमारे पच्चीस’ की मानसिकता से बाहर निकलने को ही तैयार नहीं हैं। छोटे परिवार को प्रधानमंत्री ने देशभक्ति कहा है, ऐसे में क्या देश के समुदाय विशेष के लोग कुछ बोध लेंगे? ‘हम दो, हमारे पच्चीस’ की मानसिकता से वे कब बाहर निकलेंगे? छोटा परिवार व्यक्तिगत, पारिवारिक और राष्ट्रीय विकास में किस प्रकार लाभदायक है, यह बात धर्मांध मुस्लिमों के दिमाग में कब घुसेगी?
इसके साथ ही सामना के 17 अगस्त के संपादकीय में तीन तलाक को अपराध बनाने वाले कानून की बात करते हुए लिखा है, “मुस्लिम समाज में एक से अधिक पत्नी रखने की धार्मिक ‘छूट’ है। इसलिए ‘हम पाँच हमारे पच्चीस’ की जनसंख्या बढ़ाने वाली जो फैक्ट्री शुरू थी, उस फैक्ट्री पर ‘तालाबंदी’ घोषित कर दी गई।”
आपको बता दें कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी के जनसंख्या नियंत्रण पर कहे गए भाषण के बाद ओवैसी ने कुल चार ट्वीट को रिट्वीट किया था। इन सभी का सार यह है कि जनसंख्या नियंत्रण समय की माँग नहीं बल्कि विदेशी और विकसित देशों की एक चाल है, उनका एजेंडा है। ओवैसी द्वारा किए गए चारों रिट्वीट को आप नीचे देख सकते हैं।