Sunday, December 22, 2024
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सफाईकर्मियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी तमिलनाडु सरकार, लेकिन रवीश ने केंद्र को किया बदनाम: NDTV के झूठ का हुआ पर्दाफाश

दरअसल, एक व्यक्ति तमिलनाडु के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्वीपर की पोस्ट पर 22 सालों तक पार्ट टाइम काम कर रहा था। राज्य सरकार ने यह तर्क दिया था कि नई भर्ती के अभाव में व्यक्ति को नियमित कर्मचारी के लाभ नहीं दिए जा सकते हैं। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने सफाई कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

केंद्र की भाजपा सरकार के विरोध में NDTV के पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) इतने आगे निकल चुके हैं कि वे मोदी सरकार (Modi Government) को घेरने के लिए लोगों को झूठी खबरें देने लगे हैं। रवीश कुमार ने 9 नवंबर 2022 के अपने प्राइम टाइम शो में कुछ ऐसा ही किया।

रवीश कुमार अपने शो में एक सफाई कर्मचारी के मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार पर बरसते हैं। वे कहते हैं, “भारत के मुख्य न्यायधीश के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज से अपना कार्यभार संभाल लिया। केंद्र सरकार एक सफाई कर्मचारी के खिलाफ अपील लेकर कोर्ट में आई। मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र को ही फटकार लगा दी और कहा कि ये क्या हो रहा है। केंद्र सरकार एक सफाईकर्मी के खिलाफ अपील में यहाँ तक आई है? इतनी शक्तिशाली सरकार और एक सफाईकर्मी के खिलाफ यहाँ तक आ गई? सॉरी, डिसमिस, अपील खारिज हो गई।”

रवीश कुमार आगे कहते हैं, “यह फैसला कहीं से सामान्य नहीं है। कानून मंत्रालय को जानने वाले और समझने वाले ही बता सकेंगे कि ऐसे कितने कमजोर लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मुकदमा लड़ रही हैं और अपील में सुप्रीम कोर्ट तक आ रही हैं। तब जाकर पता चलेगा कि इस फैसले का कितना महत्व और इसका कितना दूरगामी है।”

रवीश कुमार के प्राइम टाइम के इस शो का वीडियो यूट्यूब पर भी उपलब्ध है। NDTV के हैंडल से इस शो के वीडियो को Youtube पर अपलोड किया गया है। इसके कैप्शन में वीडियो का डेट 9 नवंबर 2022 लिखा हुआ है। रवीश कुमार की इस झूठ को वीडियो के 12वें मिनट से सुना जा सकता है।

दरअसल, जिस सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले की बात रवीश कुमार अपने शो में करके केंद्र सरकार को लताड़ रहे हैं, वह फैसला केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि तमिलनाडु सरकार के खिलाफ है। तमिलनाडु में DMK की सरकार है और वहाँ के मुख्यमंत्री एमके स्टालीन (MK Stalin) हैं।

दरअसल, बुधवार (9 नवंबर 2022) को अपना पद ग्रहण करने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने तमिलनाडु सरकार की एक अपील पर सुनवाई की। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की सरकार को फटकार लगाते हुए कहा याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु सरकार को फटकारते हुए कहा, “एक व्यक्ति ने स्कूल में 22 साल तक नौकरी की। इन 22 सालों के बाद वह बिना ग्रैच्युटी और पेंशन के घर लौटता है। यह समाज का सबसे निचला वर्ग है। आखिर सरकार एक स्वीपर के खिलाफ कैसे जा सकती है? इतनी शक्तिशाली सरकार और एक अदने से सफाई कर्मचारी के खिलाफ यहां तक आ गई गई? एक सरकार सफाई कर्मचारी के खिलाफ अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रही है? सॉरी, हम इस अर्जी को खारिज करते हैं।”

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई

दरअसल, एक व्यक्ति तमिलनाडु के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्वीपर की पोस्ट पर 22 सालों तक पार्ट टाइम काम कर रहा था। राज्य सरकार ने यह तर्क दिया था कि नई भर्ती के अभाव में व्यक्ति को नियमित कर्मचारी के लाभ नहीं दिए जा सकते हैं। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने सफाई कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

तमिलनाडु सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रवीश कुमार ने अपने शो में केंद्र सरकार का मुद्दा बताकर झूठी स्टोरी लोगों को परोसी है। ऐसा नहीं है कि रवीश कुमार ये पहली बार कर रहे हैं। इसके पहले भी वे कई बार फेक न्यूज फैला चुके हैं। रवीश कुमार ने 14 जनवरी 2021 की प्राइम टाइम में भारत सरकार पर आरोप लगाया कि कृषि उत्पाद खरीद के संबंध में सरकार ने गलत डेटा प्रस्तुत किया। इसके बाद उनका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था और सरकार ने कहा था कि रवीश के कार्यक्रम में पेश किए गए आँकड़े गलत हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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