Sunday, December 22, 2024
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17 सीटें, 5 ही आईं BJP की झोली में: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के लोकसभा क्षेत्र का कुछ ऐसा रहा हाल, पिता के इलाके में भी मिली हार

हिमाचल प्रदेश में भाजपा की हार के प्रमुख कारणों में क्षत्रिय महापुरुषों को लेकर समाज में टकराव उत्पन्न करने वालों के प्रति लोगों का गुस्सा, वर्तमान विधायकों के टिकट में कटौती, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं देने से उपजा असंतोष और टिकट बँटवारे में खामियाँ आदि शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की सत्ता भाजपा (BJP) के हाथ से निकल गई है। अभी तक सामने आए नतीजों में राज्य में भाजपा के खाते में 25 सीटें आई हैं, जिनमें 18 सीटों पर वह जीत हासिल कर चुकी है और 7 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।

राज्य के 68 सदस्यीय विधानसभा में कॉन्ग्रेस (Congress) को बहुमत हासिल करते हुए 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें से 39 पर कॉन्ग्रेस जीत चुकी है और एक सीट पर वह बढ़त बनाए हुए है। वहीं, 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद और नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) के लोकसभा क्षेत्र हमीरपुर में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। हालाँकि, इसके कई कारण हैं। विधायकों के टिकट में कटौती, बागियों का रूख आदि।

हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 10 सीटों पर कॉन्ग्रेस ने जीत दर्ज की है। वहीं, पाँच सीटें ही भाजपा के खाते में आई हैं, जबकि दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। जिन सीटों पर भाजपा हारी है, उनमें अनुराग ठाकुर के पैतृक क्षेत्र भोरंज, आवासीय क्षेत्र हमीरपुर और उनके पिता प्रेमसिंह धूमल की सीट सुजानपुर भी शामिल है।

जिन 10 सीटों पर कॉन्ग्रेस जीती है, उनमें धरपुर, भोरागंज, सुजानपुर, बड़सर, नदवाँ, चिंतापूर्णी, गगरेट, हरोली, कुटलहर और घुमरवीन सीट शामिल है। धरपुर में कॉन्ग्रेस के चंद्र शेखर भाजपा के रजत ठाकुर को हराया। भोरांज में कॉन्ग्रेस के सुरेश कुमार ने भाजपा के अनिल धीमन को 60 वोटों से हरा दिया है। सुजानपुर में कॉन्ग्रेस के राजिंदर सिंह ने भाजपा के रणजीत सिंह राणा को 401 वोटों से हरा दिया। बड़सर में कॉन्ग्रेस के इंद्रदत्त लखनपाल ने भाजपा की माया शर्मा को हराया। नदावँ में कॉन्ग्रेस के सुखविंदर सिंह ने भाजपा के विजय कुमार को हराया।

चिंतापूर्णी सीट पर कॉन्ग्रेस के सुदर्शन सिंह बबलू ने भाजपा के बलबीर सिंह को हराया। गगरेट में कॉन्ग्रेस के चैतन्य शर्मा ने भाजपा के राजेश ठाकुर को हराया। हरोली में कॉन्ग्रेस के मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा के रामकुमार को हटाया। कुटलहर में कॉन्ग्रेस के दविंदर कुमार ने भाजपा के विरेंदर कंवर को हराया। घुमरवीन से कॉन्ग्रेस के राजेश धर्मानी ने कॉन्ग्रेस के राजिंदर गर्ग को हराया।

जसवान-परागपुर में भाजपा के विक्रम सिंह ने कॉन्ग्रेस के सुरिंदर सिंह को हराया है। ऊना सीट पर भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती ने कॉन्ग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा को हराया। झंडुटा सीट पर भाजपा के जीतराम कटवाल ने कॉन्ग्रेस के विवेक कुमार को हराया। बिलासपुर से भाजपा के त्रिलोक जमवाल ने कॉन्ग्रेस के बंबर ठाकुर को करीब 250 वोटों से हराया। श्रीनैना देवीजी सीट से भाजपा के रणधीर शर्मा ने कॉन्ग्रेस के रामलाल ठाकुर को लगभग 190 वोटों से हराया।

हमीरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत डेहरा और हमीरपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। डेहरा से निर्दलीय होशियार सिंह ने भाजपा के रमेश चंद को लगभग 6500 वोटों से हराया है। हमीरपुर में आशीष शर्मा ने कॉन्ग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को लगभग 12000 वोटों से हराया। यहाँ भाजपा तीसरे नंबर पर रही।

हिमाचल प्रदेश में भाजपा के हार की प्रमुख कारणों में क्षत्रिय महापुरुषों को लेकर समाज में टकराव उत्पन्न करने वालों के प्रति लोगों का गुस्सा, वर्तमान विधायकों के टिकट में कटौती, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं देने से उपजा असंतोष और टिकट बँटवारे में खामियाँ आदि शामिल हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में क्षत्रियों की आबादी लगभग 35 प्रतिशत है।

भाजपा ने 11 विधायकों के टिकट काट दिए थे। इसके कारण भाजपा से 21 नेता बागी हो गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का टिकट काटने के बाद उनके समर्थकों के खेमे में असंतोष था, जिसका खामियाजा पार्टी को राज्य में सत्ता गँवाकर चुकानी पड़ी। चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर अपने पिता को याद करके मंच पर ही भावुक हो गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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