Sunday, November 17, 2024
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‘कॉन्ग्रेस के समय चीन ने हड़पी हजारों हेक्टेयर जमीन, नेहरू ने भेंट कर दी UN सुरक्षा परिषद की सीट’: तवांग संघर्ष पर बोले अमित शाह – एक इंच जमीन नहीं देंगे

उन्होंने आगे कहा कि 'राजीव गाँधी फाउंडेशन' ने अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था और उसे जो फंड चीनी दूतावास से मिला, बताया गया कि वह भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए मिला है। अमित शाह ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी बताए कि इन्होंने शोध तो जरूर किया होगा।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर कॉन्ग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने संसद में जमकर हंगामा किया। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कॉन्ग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस के शासन में चीन ने हजारों किलोमीटर जमीन हड़प ली थी। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अमित शाह ने कॉन्ग्रेस के ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ को चीन से मिलने वाले फंड को लेकर भी निशाना साधा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के हंगामा की निंदा की। उन्होंने कहा, “विपक्ष ने अरुणाचल में घटी घटनाओं का हवाला देते हुए बहुमूल्य प्रश्नकाल को स्थगित करवा दिया। यह निंदनीय है। इसका कोई औचित्य नहीं था। जब रक्षा मंत्री ने इस विषय पर अपना बयान रखने की बात कर ही दी, तो इसका कोई औचित्य ही नहीं था। मुझे आश्चर्य लगा, लेकिन जब प्रश्नकाल की सूची देखा तो 5 नंबर का प्रश्न देखकर मैं इनकी चिंता समझ गया था।”

उन्होंने यह भी कहा, “पाँचवा प्रश्न राजीव गाँधी फाउंडेशन के FCRA रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के बारे में था। राजीव गाँधी फाउंडेशन को 2005-6 और 2006-7 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो FCRA कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था। इस पर नोटिस देकर पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गृह मंत्रालय ने इसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ ने अपना रजिस्ट्रेशन सामाजिक कार्यों के लिए करवाया था और उसे जो फंड चीनी दूतावास से मिला, बताया गया कि वह भारत-चीन संबंधों के विकास पर शोध करने के लिए मिला है। अमित शाह ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी बताए कि इन्होंने शोध तो जरूर किया होगा।

गृह मंत्री ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए आगे कहा, “क्या उनके शोध में 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर जमीन चीन ने हड़प ली, वो शामिल था क्या? यदि शोध किया तो रिपोर्ट क्या आई है? नेहरू जी के प्रेम के कारण सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता बलि चढ़ गई। इस विषय को उन्होंने शोध का विषय बनाया था क्या? अगर बनाया था तो इसका नतीजा क्या हुआ?”

अमित शाह ने यह भी कहा, “जिस समय गलवान घाटी में हमारे सेना के वीर जवान चीनियों से भीड़ रहे थे, उस समय चीनी दूतावास के अधिकारियों को कौन रात्रि भोज दे रहा था? वो उनकी शोध का विषय था क्या? अगर था तो उसका नतीजा क्या हुआ?”

उन्होंने यह भी कहा कि वह कॉन्ग्रेस को बताना चाहते हैं, दोहरा और दोगला चरित्र जनता के सामने नहीं चलता है, जनता सब देख रही है। उन्होंने कहा, “आपके परिवार (गाँधी परिवार) द्वारा चलाया गया फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन चीनी दूतावास द्वारा लिए गए फंड के कारण कैसिंल किया गया। कॉन्ग्रेस के समय में ही, देश की हजारों हेक्टेयर जमीन हड़प ली गई। कॉन्ग्रेस की सरकार के समय में ही निजी संबंधों को बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता चीन को भेंट कर दी गई।”

अमित शाह ने यह भी कहा है कि ये बीजेपी की सरकार है मोदी इसके पीएम हैं जब तक बीजेपी की मोदी सरकार चल रही है एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। चीनी सेना के विरुद्ध भारतीय सेना के जवानों ने जो वीरता दिखाई है और घुसपैठ कर रहे सैनिकों को कुछ ही घण्टों में भगा दिया, वह उसकी प्रशंसा करते हैं। इसके अलावा उन्होंने, कहा है कि राजीव गाँधी फाउंडेशन ने भगोड़े जाकिर नाइक की संस्था से भी 50 लाख रुपए लिए थे, इसलिए भी रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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