सुशांत सिंह राजपूत की हत्या को लेकर कूपर हॉस्पिटल की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारी रूप कुमार शाह ने दावा किया है कि सुशांत के पोस्टमार्टम के समय वह वहाँ मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सुशांत की बॉडी पर चोट के निशान थे, जिन्हें देखने से उसे लग रहा था कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनकी हत्या हुई है। रूप कुमार के इस बयान के बाद सुशांत की बहन ने उनकी सुरक्षा की माँग की है।
सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने ट्विटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए कहा है, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि रूप कुमार शाह को सुरक्षा उपलब्ध हो। सीबीआई सुशांत के केस को समय सीमा में सुलझाए।”
We have to make sure safety of RoopKumar Shah is insured. 🙏 CBI Make SSRCase TimeBound @narendramodi @AmitShah #SushantSinghRajput https://t.co/suY8sCuwrU
— Shweta Singh Kirti (@shwetasinghkirt) December 26, 2022
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही कूपर हॉस्पिटल की भूमिका सवालों के घेरे में रही है। कूपर हॉस्पिटल पर पहला सवाल तब खड़ा हुआ था जब सुशांत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती हॉस्पिटल के मोर्चरी में गई थी। कहा गया था कि रिया हॉस्पिटल में करीब 45 मिनट रहीं। वहीं, उन्होंने मोर्चरी में भी करीब 7 मिनट का समय बिताया था। नियम के अनुसार, मोर्चरी में केवल मृतक के परिवार वाले ही जा सकते हैं। ऐसे में, सवाल उठा था कि हॉस्पिटल ने उन्हें मोर्चरी में कैसे जाने दिया।
इसे लेकर महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी कूपर हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया था। मानवाधिकार आयोग का सवाल था कि आखिर किस नियम के तहत रिया को मोर्चरी में जाने की अनुमति दी गई। बता दें, सुशांत की मौत को लेकर रिया चक्रवर्ती ही मुख्य आरोपित हैं। उन पर सुशांत की हत्या से लेकर ड्रग्स तक देने के आरोप लगाए गए हैं।
इसके बाद जब, सुशांत की ऑटोप्सी (पोस्टमार्टम) रिपोर्ट सामने आई तब एक बार फिर कूपर हॉस्पिटल की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। इस सवाल का कारण यह था कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में सुशांत की मौत के समय का जिक्र नहीं था। रिपोर्ट में मौत के समय का जिक्र नहीं होने से फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी हैरान रह गए थे।
यही नहीं, कई चश्मदीद यह दावा कर चुके हैं कि सुशांत के शरीर में चोट के निशान थे। वहीं, 7 पन्नों की ऑटोप्सी रिपोर्ट में कहा गया था कि सुशांत के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं थे। गौरतलब है कि कूपर हॉस्पिटल के एक कर्मचारी ने अगस्त 2020 में भी दावा किया था कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या हुई है। इस कर्मचारी के बारे में बताया गया था कि वह ही सुशांत के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए हॉस्पिटल और फिर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर गया था
कर्मचारी ने दावा किया कि उसे इतना मालूम है कि ये मर्डर था। उसने सुशांत के गले पर कई निशान होने की बात भी कही थी। कर्मचारी ने कहा था कि सुशांत के गले पर एक सूई का निशान जैसा कुछ था। उसने कहा कि गले पर सेलो टेप जैसा कुछ चिपकाया हुआ था और साथ ही कम से कम 15-20 निशान थे।
कूपर हॉस्पिटल के उक्त कर्मचारी यह भी दावा किया कि उसने हॉस्पिटल के बड़े-बड़े डॉक्टरों को चर्चा करते हुए सुना था कि ये आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। कर्मचारी ने दावा किया कि हमलोग बॉडी को देख कर ही अधिकतर चीजें जान लेते हैं। उसके दावे के अनुसार शव के तलवों में भी सूई चुभोए जाने के निशान थे।