Sunday, November 3, 2024
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बिहार EOW ने मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज किया चौथा मामला, तमिलनाडु की कोर्ट ने बढ़ा दी न्यायिक हिरासत की अवधि: पुलिस फिर माँग रही रिमांड

बिहार पुलिस ने चौथे एफआईआर का आधार मनीष कश्यप के एक वीडियो क बनाया है। इस वीडियो में यह कहा गया था कि 'हमने एक मौलवी को मारा, एक मुस्लिम को मारा, हमने मस्जिदों में आग लगाया'। इस पर पहले ही EOU ने मामला दर्ज कर लिया था। इस पर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया था।

तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हिंसा की खबरों को फर्जी बताकर गिरफ्तार किए गए यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। यूट्यूबर के खिलाफ बिहार पुलिस का यह चौथा केस है। यह केस मस्जिद में आग लगाने तथा मुस्लिमों को मारने से संबंधित है। उधर, तमिलनाडु की मदुरै कोर्ट ने 3 अप्रैल 2023 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

देशद्रोह और दंगा भड़काने जैसे कई गंभीर आरोपों में गिरफ्तार मनीष कश्यप और उसके दो दोस्तों ने अपने वीडियो में महात्मा गाँधी की मौत पर जश्न मनाने और मुस्लिमों को मारने एवं मस्जिद जलाने की बात कही थी। इस दावे के आधार पर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOW) ने मामला दर्ज किया है।

दरअसल, दिल्ली के एक सामाजिक कार्यकर्ता निशांत वर्मा ने पटना पुलिस को मनीष कश्यप और उसके दोस्तों के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। इस शिकायत में वर्मा ने बेतिया के उस वीडियो का जिक्र किया था, जिसमें बेतिया में महात्मा गाँधी को लेकर इन लोगों ने वीडियो वायरल किया था।

इस वीडियो में तीनों कह रहे थे कि ‘महात्मा गाँधी की मौत पर हम लोग जश्न मनाते हैं। अब वो डर खत्म हो गया है’। इस दौरान उसका दूसरा साथी कहता है, “अब कहाँ जाओगे।” तब फिर मनीष कश्यप कहता है, “तुम एक को मारोगे तो हम 10 को मारेंगे।” इसके बाद तीसरा साथी कहता है, “तुम न्यूटन का थर्ड लॉ याद रखना। तुम जितना करोगे न उतना हिन्दू भाई जगेंगे।”

इसके बाद उस वीडियो में यह कहा गया था कि ‘हमने एक मौलवी को मारा, एक मुस्लिम को मारा, हमने मस्जिदों में आग लगाया’। इस पर पहले ही EOU ने मामला दर्ज कर लिया था। इस पर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया था।

इसको लेकर निशांत वर्मा ने आर्थिक अपराध इकाई को लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज करने के लिए गुहार लगाया था। वर्मा के आग्रह के 12 दिन बाद आखिरकार आर्थिक अपराध इकाई ने सोमवार (3 अप्रैल 2023) को इस पर एफआईआर दर्ज कर दिया है।

वर्मा के शिकायत के बाद EOU थाने में IPC की धारा 153A(2) 295, 506, 120 (B) आईटी एक्ट 67 लगाया गया है। जानकारों के अनुसार, इस मामले में जितनी भी धाराएँ लगाई गई हैं, उनमें देशद्रोह, दंगा भड़काने जैसे बेहद गंभीर आरोप हैं। इसमें 7 साल से लेकर 10 साल तक सजा हो सकती है।

उधर, तमिलनाडु पुलिस की गिरफ्त में रखे गए मनीष के लिए तमिलनाडु पुलिस ने कोर्ट से और सात दिनों की रिमांड की माँग की थी। इस माँग पर कोर्ट बुधवार 5 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। फिलहाल मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में मदुरै सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। अगर तमिलनाडु पुलिस को फिर रिमांड मिल जाती है तो उसे फिलहाल बिहार नहीं लाया जा सकेगा। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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