Sunday, April 28, 2024
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अनुपम कुमार सिंह

चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

‘लिपि सिंह के सामने ला-ला कर पीटे गए हमारे लड़के, रात में वीरान सड़क पर अकेली पड़ी थी माँ की प्रतिमा’: मुंगेर दुर्गा पूजा...

मुंगेर में हुई क्रूरता की वारदात से पहले क्या हुआ था और ये सब शुरू कैसे हुआ? वहाँ की 'बड़ी दुर्गा पूजा समिति' के पदाधिकारियों से जानिए कि उन पर कैसे पहले से ही बनाया जा रहा था दबाव।

पिता MP, पति DM, खुद SP: मुंगेर की ‘जनरल डायर’, जिस पर लगा था पुलिस के काम के लिए नेता की गाड़ी के इस्तेमाल...

अगस्त 2019 में लिपि सिंह पर आरोप लगा था कि वो दिल्ली के साकेत कोर्ट में अनंत सिंह के लिए जब ट्रांजिट रिमांड लेने गई थीं, तो उन्होंने जदयू नेता की गाड़ी का इस्तेमाल किया था।

मुंगेर में कई जगह मतदान का बहिष्कार: चड़ौन में ग्रामीणों ने जला डाली वोटिंग की पर्ची, घर-घर जाकर गिड़गिड़ा रहे राजनीतिक दलों के लोग

आक्रोशित लोग यही सवाल पूछ रहे हैं, "आखिर प्रशासन ने इतनी बड़ी वारदात को क्यों और कैसे अंजाम दे दिया?" उनका गुस्सा सरकार से भी है।

‘थाना प्रभारी रंजीत मंडल ने इंजीनियर आशुतोष पाठक के कपड़े उतारे, की बर्बरता’: हत्या का मामला दर्ज, किए गए सस्पेंड

एसपी ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच हो, इसीलिए थानाध्यक्ष को सस्पेंड किया गया। पुलिस ने अपनी 'डेथ रिव्यू रिपोर्ट' में आशुतोष के शरीर पर चोट के निशान मिलने की पुष्टि की है।

समुदाय विशेष को BJP का डर भी दिखाया, ‘जात’ देख कर आरोपित को भी बचाया: लालू यादव का MY समीकरण

उन्हें जम कर भाजपा का डर दिखाया। इससे वो मुस्लिमों के मसीहा भी बने रहे और यादवों का वोट भी उन्हें मिलता रहा। इस तरह उन्होंने MY समीकरण बना कर राज किया।

ससुर-नौकर से Sex करती है ब्राह्मण परिवार की बहू: ‘Mirzapur 2’ में श्रीकृष्ण की कथाएँ हैं ‘फ़िल्मी बातें’

यूपी-बिहार के युवाओं से लेकर महिलाओं तक का चित्रण ऐसा किया गया है, जैसे वो दोयम दर्जे के नागरिक हों। वेश्याएँ 'विधवाओं के गेटअप' में आती हैं और कपड़े उतार कर नाचती हैं।

खून पर खून और खून के बदले खून: बिहार में जातीय नरसंहार के बूते लालू ने कुछ यूँ खड़ी की थी ‘सामाजिक न्याय’ की...

अगस्त 12-13, 1992 का दिन। गया जिला का बारा गाँव। माओवादियों ने इलाके को घेरा और 'भूमिहार' जाति के 35 लोग घर से निकाले गए। पास में एक नहर के पास ले जाकर उनके हाथ बाँधे गए और सबका गला रेत कर मार डाला गया। लालू राज में जाति के नाम पर ऐसी न जाने कितनी घटनाएँ हुईं।

‘लालू के रेल’ की तरह ही था बिहार का ‘चरवाहा विद्यालय’: जिस काम में लगे 6 विभाग, वो बना शराब, जुआ और ताश का...

चरवाहा स्कूल को चलाने की जिम्मेदारी कृषि, सिंचाई, उद्योग, पशु पालन, ग्रामीण विकास और शिक्षा विभाग को दी गई थी। लालू ने एक तरह से बच्चों पर ज़िंदगी भर के लिए 'चरवाहा' का टैग लगा दिया।

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