सोशल मीडिया पर अचानक से जेसीबी की खुदाई ट्रेंड करता देख अरविन्द केजरीवाल के रोंगटे खड़े हो गए। जैसे ही उन्होंने सबसे हैंडसम व्यक्ति मनीष सिसोदिया से इस पूरे जेसीबी मामले की जानकारी माँगी, उन्हें पता चला कि मनीष सिसोदिया भी खुद निकटस्थ जेसीबी की खुदाई देखने निकल चुके हैं।
जाकिर मूसा कुत्ते की मौत मरने से पहले एनकाउंटर वाले दिन अपनी दूसरी प्रेमिका से मिलने आया था और यही बात उसकी पहली प्रेमिका को पसंद नहीं आई। इसी वजह से भूतपूर्व प्रेमिका ने जज्बाती होकर सुरक्षाबलों से मुखबिरी कर दी और मूसा कुत्ते की मौत मारा गया।
जनता कॉन्ग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गाँधी को खदेड़कर भगा चुकी है, लेकिन लग ये रहा है कि जनता के सन्देश को कॉन्ग्रेस अभी भी स्वीकार कर पाने में असमर्थ है। इसीलिए अभी भी कॉन्ग्रेस की आई टी सेल और व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी अपने युवराज को मसीहा बनाने के कार्यक्रम में तत्परता से जुटी हुई है।
"तुमने जिस ख़ून को मक़्तल में दबाना चाहा, आज वह कूचा-ओ-बाज़ार में आ निकला है। कहीं शोला, कहीं नारा, कहीं पत्थर बनकर" शायर साहिर लुधियानवी ने ये पंक्तियाँ 23 मई 2019 की सुबह को ध्यान में रखकर नहीं लिखी थीं। ये पंक्तियाँ लिखी जा चुकी हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह नरेंद्र मोदी को एक बार फिर देश ने सर आँखों पर बिठा लिया है।
एग्जिट पोल के दिन से ही नरेंद्र मोदी की यात्रा और गुफा वाली तस्वीरों को छोड़कर इस संक्रामक मीडिया गिरोह की एक टुटपुँजिया टुकड़ी को गोभी के पत्तों में कीड़े होने की जाँच करते हुए देखा गया है।
तमाम EVM हैकिंग से लेकर डर के माहौल के बीच अन्य कई प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के अरमानों का शीघ्रपतन देखने को मिला है। इस प्रकार बड़े ही दुःख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि देश ने एकसाथ आज लगभग 22 प्रधानमंत्री खो दिए हैं।
राहुल गाँधी के होते हुए भी कॉन्ग्रेस को सस्ते कॉमेडियंस आउटसोर्स करने पड़े ये बात चौंका देने वाली थी। गोदी मीडिया ने जब राहुल गाँधी से इस बारे में सवाल किया, तो उनका जवाब था, “देखिए भाई साहब, मैं फ्रेंक्ली कहता हूँ, आप लिख के ले लीजिए, मैं कॉमेडियंस के साथ पूरा न्याय करूँगा।
कॉन्ग्रेस जनादेश को EVM से छेड़छाड़ बताकर लगातार जनादेश का अपमान करती नजर आई। नतीजा ये रहा कि नालायक विपक्ष द्वारा तैयार किए गए फासिस्ट, भक्त, दलित पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों में डर का माहौल, EVM हैक, बिकी हुई मीडिया, कट्टर हिन्दू जैसे नैरेटिव नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के बजाए उन्हें महामानव बनाते चले गए।