Saturday, April 20, 2024
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जयन्ती मिश्रा

IPL की कई टीमें बनीं सिकंदर, कई टीमें आज भी फिसड्डी; पर गालीबाजी में RCB के फैंस टॉप: जेंटलमैन गेम में ये गंदगी क्यों

आरसीबी फैंस का अपनी टीम के बचाव में दूसरे प्लेयरों को गाली देना नया नहीं है। समय-समय पर उन्होंने यही किया है। आज शुभमन शिकार हुए। पहले रोहित शर्मा और धोनी हो चुके हैं।

स्वतंत्र भारत में जमींदारी खत्म हो गई, पर पैदा हो गया एक ‘मजहबी जमींदार’: वक्फ बोर्ड के बारे में जानिए सब कुछ

अल्लाह के नाम पर दिए गए दान को 'वक्फ' कहा जाता है। इसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। भारत में वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख ले ज्यादा संपत्ति है।

‘हिजाब पहनाकर भी लड़कियों को अकेले मत भेजो स्कूल-कॉलेज…ये हराम है हराम’ : मौलाना सज्जाद नोमानी का Video, बोले- ‘जहन्नुम में जाओगे’

सज्जाद नोमानी मुस्लिमों को भड़काते हुए कहते हैं कि रमजान के वक्त लड़कियों को स्कूल/कॉलेज अकेले नहीं भेजना चाहिए क्योंकि ऐसा करना हराम है।

जिस ‘साले’ सद्दाम ने जेल में अशरफ से करवाई शूटरों की मुलाकात, उस पर UP पुलिस ने रखा ₹1 लाख का ईनाम: ‘बहन’ आयशा...

यूपी पुलिस ने बताया कि माफिया अतीक अहमद के साले सद्दाम की गिरफ्तापरी के लिए पुलिस ने ईनाम ₹50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है।

हनुमान जयन्ती नहीं, हनुमान जन्मोत्सव कहिए: क्या सच में ‘जयन्ती’ कहना गलत है, क्या ‘मृत व्यक्ति की होती है जयन्ती’ वाले तर्क का कोई...

'हनुमान जयन्ती' के दिन लोग कहते हैं कि हमें इस तिथि को 'जन्मोत्सव' कहना चाहिए...जयन्ती मृत लोगों की होती है जबकि हकीकत यह है कि...

वीर बाल दिवस: 300 साल पहले मुगलों के आगे साहिबजादों ने नहीं झुकाया सिर, कहा- नहीं छोड़ेंगे धर्म, दीवार में चुनवा दो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। आज पूरा देश बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद कर रहा है।

बैटल ऑफ भोपाल: जब निजाम-मुगल-नवाब-जय सिंह पर अकेले भारी पड़े मराठा, 70 हजार की फौज को धूल चटाई; 5 लाख रुपए दे निजाम और...

285 साल पहले हैदराबाद के निजाम के सामने मराठा ऐसी दीवार बनकर खड़े हुए कि इतिहास में शौर्य का एक नया अध्याय जुड़ गया। इसे बैटल ऑफ भोपाल के नाम से जानते हैं।

अब्बा बनाना चाहते थे पीर, नेहरू ने बना दिया शिक्षा मंत्री: किताबों से मिटाई मुगलों की बर्बरता, तुष्टिकरण का पाठ पढ़ा हिंदुओं को किया...

स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाई जाती है। लेकिन इसकी कभी चर्चा नहीं होती कि कैसे उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से इस्लामी बर्बरता को गायब करने का काम किया।

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