Wednesday, October 2, 2024
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ऑपइंडिया स्टाफ़

कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

यौन अपराध के पीड़ित ही नहीं ‘आरोपितों’ की भी पहचान छिपाई जानी चाहिए: SC में याचिका

ऐसे मामलों में न केवल आरोपी की प्रतिष्ठा और गरिमा को बहाल करना मुश्किल हो जाता है बल्कि अपमान, दुख, संकट और आर्थिक नुकसान की भरपाई करना भी काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन बरी किए जाने से उसे कुछ सांत्वना मिल सकती है और वह नुकसान के लिए मामला दर्ज करा सकता है।

श्री लंका में फिर से 3 ब्लास्ट, दहशत का माहौल: Russia Today की रिपोर्ट

इस सर्च अभियान में 10000 से ज़्यादा सैनिक लगाए गए थे। पहले भी कई संदिग्धों की गिरफ़्तारी हो चुकी थी।

मोदी के नाम की टीशर्ट पहनकर लगा रहा था राहुल गाँधी के बैनर, कॉन्ग्रेस नेता भड़के

जयपुर में सैम पित्रोदा के बुद्धिजीवी संवाद कार्यक्रम से पहले तैयारियाँ की जा रही थीं। उसी दौरान वहाँ एक मजदूर के पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम की टी-शर्ट पहनकर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का बैनर लगाते देख, वहाँ के नेताओं के लिए असमंजस की स्थिति बन गई।

अगर राजनीति में आया तो मेरी पत्नी मुझे छोड़ देगी: रघुराम राजन

भले ही यह बात रघुराम राजन ने एक मज़ाकिया लहज़े में कही, लेकिन इस बात से यह तो स्पष्ट हो गया कि वो फ़िलहाल तो राजनीति में अपने क़दम नहीं रखने वाले हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो जहाँ हैं वहीं ख़ुश हैं, लेकिन भविष्य में अगर उन्हें कोई योग्य ऑफ़र मिला तो वो उस पर विचार ज़रूर करेंगे।

SP-BSP रैली में घुसा सांड, मायावती ने कहा BJP ने ही भेजा होगा

कन्नौज में अखिलेश यादव और मायावती, दोनों चुनाव प्रचार के लिए आने वाले थे। लेकिन सांड के खलल डालने से, उनकी रैली आधे घंटे लेट में शुरू हुई।

पत्नी ने ममता की पार्टी को नहीं दिया वोट, टीएमसी समर्थक पति ने उसके मुँह में उड़ेला तेजाब

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक महिला के मुँह में सिर्फ इसीलिए तेजाब उड़ेल दिया गया, क्योंकि उसने कथित तौर पर कॉन्ग्रेस को वोट दिया था।

जमानत पर सिर्फ़ साध्वी प्रज्ञा ही नहीं सोनिया, राहुल, कन्हैया भी लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव

साध्वी प्रज्ञा के अलावा सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, शशि थरूर, कम्युनिस्टों के चहेते कन्हैया कुमार और पप्पू यादव भी जमानत पर रिहा होकर भी चुनाव लड़ रहे हैं।

राजदीप सरदेसाई ने स्वीकारा 2002 के दंगों के लिए मोदी ज़िम्मेदार नहीं, मीडिया ने झूठ फैलाया

2019 के लोकसभा चुनावों के रुझानों से पता चलता है कि एनडीए सरकार सत्ता में वापस आ रही है, कॉन्ग्रेस समर्थित मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र नरेंद्र मोदी के साथ तालमेल बिठाने का मौका खोजने की कोशिश में अपने पुराने आकाओं गिरोहों को छोड़ने का यह एक संकेत है। या इस बात का डर कि अब और कॉन्ग्रेसी या देश विरोधी एजेंडा चलाना संभव नहीं।