Monday, October 7, 2024
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कौन हैं वे हिंदू संत जिन पर महाराष्ट्र में ठोक दिए 67 FIR, क्यों लग रहे ‘सर तन से जुदा’ के नारे, CM एकनाथ शिंदे के पीछे भी क्यों पड़े इस्लामी कट्टरपंथी: जानिए सब कुछ

इस्लामी कट्टरपंथियों का निशाना बन रहे स्वामी रामगिरी महाराज महाराष्ट्र समेत पूरे देश के मराठी समुदाय के बड़े धर्मगुरु हैं। वह महंत नारायणगिरी के शिष्य हैं। महंत रामगिरी महाराज सद्गुरु श्री गगनगिरी महाराज संस्थान के प्रमुख हैं। इस संस्थान के महाराष्ट्र समेत कोंकण क्षेत्र में लाखों अनुयायी हैं।

महाराष्ट्र के नासिक में इस्लाम पर एक बयान देने के कारण इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दू धर्मगुरु रामगिरी महाराज के पीछे पड़े हुए हैं। हिन्दू संत रामगिरी महाराज पर अब तक 60 से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं। कहीं उनके खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए जा रहे हैं। महंत रामगिरी के बहाने महाराष्ट्र को मजहबी उन्माद में धकेलने की कोशिश की का रही है।

धमकियों के बीच महाराष्ट्र सरकार महंत रामगिरी की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। धमकियों और जान को खतरा होने के बाद भी महंत रामगिरी अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने इस पर माफ़ी माँगने या फिर अपने शब्द वापस लेने से इनकार कर दिया है। इस बीच मुस्लिम नेता महाराष्ट्र के माहौल को उबाल रहे हैं।

कौन हैं रामगिरी महाराज, उनका महाराष्ट्र में क्या प्रभाव?

इस्लामी कट्टरपंथियों का निशाना बन रहे स्वामी रामगिरी महाराज महाराष्ट्र समेत पूरे देश के मराठी समुदाय के बड़े धर्मगुरु हैं। वह महंत नारायणगिरी के शिष्य हैं। महंत रामगिरी महाराज सद्गुरु श्री गगनगिरी महाराज संस्थान के प्रमुख हैं। इस संस्थान के महाराष्ट्र समेत कोंकण क्षेत्र में लाखों अनुयायी हैं। यह संस्थान महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में बना हुआ है।

महंत रामगिरी महाराज इस संस्थान के 2009 से ही प्रमुख हैं। उन्होंने इसका जिम्मा महंत नारायणगिरी के समाधिस्थ होने के बाद उठाया था। उनका महाराष्ट्र के वरकारी समुदाय में काफी प्रभाव है। यह समुदाय भक्ति आन्दोलन से जुड़ा है। महंत रामगिरी महाराज बीते लगभग डेढ़ दशक से ही पूरे महाराष्ट्र समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवचन देते आ रहे हैं।

महंत रामगिरी महाराज का संन्यास से पूर्व का नाम सुरेश रामकृष्ण राणे बताया जाता है। उनके विषय में जानने वाले बताते हैं कि वह कक्षा 9 में अध्ययन के दौरान ही सामान्य जीवन से विमुख हो गए थे और बाद में उन्होंने पूरी तरीके से संत जीवन अपना लिया। उन्हें नारायणगिरी महाराज ने दीक्षा दी थी।

महंत रामगिरी महाराज महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के कटान से बने सरला द्वीप पर बने आश्रम के प्रमुख हैं। यह अहमदनगर और औरंगाबाद जिले की सीमा पर है। बताते हैं कि इसकी स्थापना गगनगिरी महाराज ने की थी जो कि देश में हठयोग के बड़े गुरु माने जाते थे। यह द्वीप चारों तरफ नदी से घिरा हुआ है।

वह जिस संस्थान के मुखिया हैं वह प्रत्येक वर्ष एक कार्यक्रम आयोजित करता है, इसका नाम हरिनाम सप्त है। इस वर्ष यह आयोजन नाशिक में हुआ और वहीं रामगिरी महाराज ने प्रवचन में इस्लाम को लेकर एक उदाहरण दिया। जिसके बाद विवाद पैदा हुआ।

महंत रामगिरी महाराज ने ऐसा क्या कहा, जिस पर विवाद

नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गाँव में एक धार्मिक आयोजन हुआ था। इसमें 15 अगस्त को महंत रामगिरि महाराज ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया था। इस दौरान लगातार बांग्लादेश से हिन्दुओं पर हमले और अत्याचार की खबरें सामने आ रही थीं।

महंत रामगिरी महाराज ने इस दौरान अपने प्रवचन में इस्लाम की बहुलता वाले क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बात की। उन्होंने तभी पैगम्बर मुहम्मद और कुरान को लेकर कुछ उदाहरण दिए। महंत रामगिरी महाराज का कहना था कि मुस्लिमों के सामने कई गलत उदाहरण हैं इसलिए बांग्लादेश और बाकी जगहों पर महिलाओं पर अत्याचार की खबरें आती हैं।

महंत रामगिरी महाराज ने इस दौरान हिन्दू ग्रंथों से भी कई उदाहरण दिए। मराठी में दिया गया महंत रामगिरी महाराज के प्रवचन का एक छोटा सा हिस्सा इसके बाद काट कर वायरल कर दिया गया। इसके बाद बवाल बढ़ना चालू हुआ।

अपने बयान को लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी पर महंत रामगिरि ने कहा, “मुस्लिम लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए। हमने जो कहा वो सत्य कहा है। जो कहा वो उनकी किताब में लिखा हुआ है। इसलिए नाराज होने की कोई आवश्यकता नहीं।” माफी माँगने की बात पर उन्होंने कहा, “सबका अपना-अपना सोचना है। हमने जो बता दिया, वो बता दिया। बस।”

इस्लामी कट्टरपंथी महंत रामगिरी के पड़े पीछे

महंत रामगिरी महाराज के बयान का एक हिस्सा वायरल किए जाने के बाद महाराष्ट्र के भीतर मुस्लिम उनकी गिरफ्तारी की माँग करने लगे। 16 अगस्त, 2024 को महाराष्ट्र में मुस्लिमों ने बंद का ऐलान किया। कई जगह नारेबाजी भी की गई और प्रदर्शन भी हुआ।

महंत रामगिरी महाराज मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में हाल ही में सुनवाई में सामने आया कि उनके खिलाफ 67 FIR दर्ज की गई हैं। यह सभी FIR महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज की गई हैं। महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ केवल FIR ही दर्ज नहीं करवाई गई हैं, बल्कि उनके खिलाफ मुस्लिम सड़कों पर भी हंगामा कर रहे हैं।

रामगिरी महाराज के बयान को लेकर AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की कोशिश भी की। जलील ने महाराष्ट्र के मुस्लिमों से मुंबई में इकट्ठा होने की अपील की। इस दौरान कई इस्लामी मौलाना और बड़ी संख्या में मुस्लिम इस रैली में इकट्ठा हुए।

यह भीड़ हाल ही में मुंबई पहुँची थी लेकिन राज्य की शिंदे सरकार ने इसे मुंबई की सीमाओं पर ही रोक दिया गया। इसी भीड़ के कई ऐसी वीडियो सामने आए जिनमें ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। कई मुस्लिम युवक यह नारे मौलानाओं के सामने लगाते देखे गए।

राज्य सरकार का क्या रुख?

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार इस दौरान महंत रामगिरी महाराज की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उनके खिलाफ अगस्त में हुए प्रदर्शन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि राज्य में संतों को कुछ नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिंदे के अलावा महाराष्ट्र में भाजपा विधायक नितेश राणे ने भी महंत रामगिरी महाराज का समर्थन किया है और उनको मारने की धमकी देने वालों को चेताया है। इस्लामी कट्टरपंथियों कीई धमकी के बीच महंत रामगिरी महाराज के खिलाफ दर्ज FIR पर कानून के हिसाब से काम हो रहा है।

 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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