Thursday, November 21, 2024
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बॉलीवुड अल्लाह और इस्लाम से दूर कर रहा था: ‘दंगल गर्ल’ ज़ायरा वसीम ने ग्लैमर वर्ल्ड को कहा अलविदा

2016 की चर्चित स्पोर्ट्स फिल्म दंगल से बॉलीवुड में कदम रखने वाली ज़ायरा वसीम ने फिल्म-जगत को अलविदा कह दिया है। कारण – बॉलीवुड उन्हें उनके अल्लाह और उनके मज़हब इस्लाम से दूर कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि हालाँकि बॉलीवुड ने उन्हें बहुत प्रेम और समर्थन दिया है, लेकिन उन्हें उनके ईमान से दूर कर दिया है।

इंस्टाग्राम-फेसबुक पर घोषणा

ज़ायरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट और फेसबुक पेज पर इसकी घोषणा की है। घोषणा करते हुए उन्होंने पाँच पन्नों का एक नोट पोस्ट किया, जिसमें उनके फैसले को विस्तारपूर्वक समझाया गया है। उन्होंने कई जगह अपने मजहब की पवित्र किताब कुरान को उद्धृत करते हुए बताया है कि कैसे बॉलीवुड उन्हें कुरान के इल्म और सच के मार्ग से भटका रहा था। उन्होंने कबूल किया कि अपने पेशे से वह खुश नहीं हैं

उनके मजहब के उनके फैंस के बीच भी उनके इस निर्णय को लेकर प्रतिक्रिया मिली-जुली ही है। जहाँ कुछ ने उनके इस निर्णय का केवल समर्थन किया, बल्कि इस पर ख़ुशी भी जताई, वहीं कुछ अन्य ने इस्लाम की उनकी विवेचना से अपनी असहमति प्रकट की है।

रील की उल्टी रियल लाइफ

यह एक विडंबना है कि ज़ायरा का यह निर्णय सिल्वर स्क्रीन पर उनके द्वारा जिए गए किरदारों के व्यक्तित्व से एकदम उलट है। ज़ायरा के संक्षिप्त करियर की तीनों फ़िल्में दंगल, सीक्रेट सुपरस्टार, और आने वाली ‘द स्काई इज़ पिंक’ महिला-केंद्रित और महिला-सशक्तिकरण पर आधारित हैं। इनमें से दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार में वह सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ कर आगे बढ़ने वाली महिलाओं के ही किरदार में रही हैं। सीक्रेट सुपरस्टार तो समुदाय विशेष के पिता की दकियानूसी सोच के ही खिलाफ एक लड़की के ग्लैमर जगत में प्रवेश करने और सफलता पाने की ही कहानी थी। ऐसे में उनके फैंस का हतप्रभ हो जाना समझा जा सकता है।

शादी की रात ग़ायब हो जाने वाली दुल्हन को पुलिस ने धरा, झाँसा देकर शादी करवाने वाला साथी भी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक ऐसी जोड़ी का पर्दाफ़ाश हुआ है जिसका मक़सद कुँवारे लड़कों को शादी के नाम पर उल्लू बनाना होता था। दरअसल, यह जोड़ी कुँवारे लड़कों को शादी का झाँसा देकर उन्हें अपने जाल में फँसाती थी, उनसे पैसा ऐंठकर जल्द ही वहाँ से नौ दो ग्यारह हो जाती थी।

ख़बर के अनुसार, पुलिस ने एक महिला और उसके साथी को गिरफ़्तार किया है। शनिवार (29 जून) को एएसपी आरएस गौतम ने पुलिस लाइंस में इस गैंग का ख़ुलासा किया। एएसपी के मुताबिक़, एक शख़्स ने कुछ दिनों पहले कोतवाली पुलिस को बताया था कि उससे एक युवक ने सम्पर्क किया और उससे कम उम्र की लड़की से विवाह का प्रस्ताव दिया। इसके लिए उस युवक ने उसे होटल में बुलाया, जहाँ उसे लड़की दिखाई गई। शादी की बात आगे बढ़ी और युवक ने उस शख़्स से अपने बैंक अकाउंट में डेढ़ लाख रुपए मँगवाए। रकम मिलने के बाद शाम को वो युवक अपना फोन ऑफ़ करके वहाँ से फ़रार हो गया।

इसके बाद, शनिवार को फिर से ऐसा ही मामला सामने आया। इस बार युवक ने रकम के साथ एक शख़्स को बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर बुलाया। विवाह का झाँसा देकर युवक ने फिर वही चाल चलने की कोशिश की जो उसने पहले चली थी। शक़ के बिनाह पर पुलिस उस शख़्स के पीछे पहुँच गई जो तय रकम लेकर रेलवे स्टेशन पहुँच गया था। रुपया लेने के इंतज़ार में खड़े युवक और युवती को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। 

पुलिस की पूछताछ के बाद पता चला कि वो दोनों स्थानीय युवकों के ज़रिए पहले तो बड़ी उम्र के कुँवारे लड़कों की जानकारी जुटाते थे और फिर उनके पास शादी का प्रस्ताव भेजते थे। लड़की दिखाने के लिए कुँवारों को होटल बुलाया जाता था और फिर उनसे अकाउंट में रुपया जमा करवाने के लिए कहा जाता था। कई बार तो ऐसा भी होता था कि कभी एक रात के लिए युवती को भेजा भी जाता तो वो रात को ही वहाँ से फ़रार हो जाती। कुछ तो ऐसे में लोक-लाज के डर से शिक़ायत ही नहीं करते।

पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए युवक और युवती की पहचान बिहार के रूदल और फूलकुमारी के रूप में हुई है।

Video: X-Ray के लिए ले जाते हुए मरीज को चादर पर घसीटा, मध्य प्रदेश में 3 कर्मचारी सस्पेंड

मध्य प्रदेश में मरीजों के प्रति अस्पताल स्टाफ़ की लापरवाही और संवेदनहीनता का गंभीर मामला सामने आया है। ANI द्वारा प्रकाशित वीडियो में अस्पताल का एक कर्मचारी मरीज को एक्स-रे रूम तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की बजाय चादर पर लिटाकर घसीट रहा है। मामला नेताजी सुभाष चंद्र बोस (एनएससीबी) मेडिकल कॉलेज, जबलपुर का है।

तीन व्यक्ति निलंबित

मामले को लेकर जब एनएससीबी मेडिकल कॉलेज के डीन से मीडिया द्वारा बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डॉ. नवनीत सक्सेना ने कहा कि तीन व्यक्तियों को निलंबित किया जा चुका है, और जाँच जारी है। उन्होंने कहा, “तीन लोगों को प्रशासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है। जाँच जारी है, और जो भी लोग दोषी पाए जाएँगे, उन पर कार्रवाई होगी।”

पहले भी आ चुके हैं मिलते-जुलते मामले

सबसे दुःखद बात यह है कि यह अपनी तरह का पहला मामला नहीं है। मरीजों को घसीटे जाने के मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं। 2017 में कर्नाटक की फहमीदा नामक महिला का मामला चर्चित हुआ था। फहमीदा के शौहर को एक्स-रे के लिए ले जाने हेतु स्ट्रेचर या व्हील-चेयर की ज़रूरत थी। इसके एवज में अस्पताल के स्टाफ़ ने फहमीदा से रिश्वत माँगी जो उनके पास नहीं थी, जिसके बाद उन्हें अपने शौहर को टाँगों से घसीट कर ले जाना पड़ा था। यह मामला कर्नाटक के शिमोगा स्थित मेगन सरकारी अस्पताल का था।

सब्जी के लिए कोई तलाक देता है क्या? साबिर ने तो दे दिया, तलाक-तलाक-तलाक बोलकर

इन दिनों केंद्र में सत्तारुढ़ दल भाजपा लगातार अन्य राजनीतिक दलों के साथ तीन तलाक कानून पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि देश के विभिन्न हिस्सों से तीन तलाक के कई मामले सामने आ रहे हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर भी बेवजह तत्काल तीन तलाक जैसी बुराई से निपटने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। ताजा मामला नोएडा के दादरी कस्बे का है। शनिवार (जून 29, 2019) को इस कस्बे में तलाक का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है।

खबर के मुताबिक, यहाँ स्थित एक मोहल्ले की निवासी जैनब को शौहर साबिर से सब्जी के लिए ₹30 माँगना महंगा पड़ गया। बीबी द्वारा सब्जी के लिए पैसे माँगना शौहर को इतना नागवार गुजरा कि उसने इसके लिए बीबी के साथ मारपीट की और फिर तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया।

नवभारत टाइम्स के गाजियाबाद संस्करण में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट

पीड़‍िता जैनब ने मामले की शिकायत दादरी कोतवाली में की है। जैनब का आरोप है कि शनिवार को सब्जी के लिए पैसे माँगने पर साबिर ने पहले तो कमरे में बंद करके सरिया से उसके साथ मारपीट की और फिर करंट लगाने की भी कोशिश की। तभी मारपीट का शोर सुनकर पड़ोसी आ गए। उन लोगों ने साबिर को मौके पर ही पकड़ लिया। वहीं, जैनब के मायके वालों का आरोप है कि साबिर का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध है, जिसकी वजह से वो हमेशा घर खर्च के लिए पैसे माँगने पर मारपीट करता है।

जैनब की शिकायत पर पुलिस मामले की जाँच कर रही है। पुलिस ने बताया कि दादरी की रहने वाली जैनब की शादी तकरीबन 10 साल पहले नई आबादी में रहने वाले युवक साबिर से हुई थी। शौहर ने एक सप्ताह पहले बीवी को घर खर्च के लिए ₹400 दिए थे। जिसके बाद जैनब ने शनिवार को साबिर से सब्जी लाने के लिए ₹30 माँग लिए। और इससे नाराज शौहर ने गाली-गलौज करते हुए सबके सामने तीन तलाक दे दिया।

जैनब की शिकायत पर कोतवाली के उप निरीक्षक अनुज कुमार का कहना है पति को हिरासत में लेकर पुलिस मामले की जाँच कर रही है। उन्होंने कहा, “जैनब ने अपने पति साबिर के खिलाफ लिखित तहरीर दी है। पुलिस तहरीर के आधार पर मामले की जाँच कर रही है। जाँच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”

स्टेशन पर संतरे बेचे, ऑटो चलाया… आज है 125 ट्रक का मालिक – IIM में जीता फर्स्ट प्राइज

नागपुर के ट्रक ड्राइवर प्यारे खान की कहानी किसी को परीकथा लग सकती है, तो किसी को दिवास्वप्न। लेकिन यह पूरी तरह सच है। 2004 में ऑटो-रिक्शा चालक से ट्रक-चालक बनने के लिए ₹11 लाख के लोन की जद्दोजहद करने वाले खान को इसी 20 जून को दुबई के इन्वेस्टमेंट बैंक ने ₹80 करोड़ के लोन का ऑफर दिया है। सफलताएँ ऐसी ही बनती हैं।

एक ट्रक से शुरू हुई ₹400 करोड़ की कम्पनी

2004 में आईएनजी वैश्य बैंक से प्यारे खान को ₹11 लाख का लोन बहुत मुश्किल से मिला, क्योंकि उनके पास गिरवी रखने को कुछ खास नहीं था- लोन देने वाले मैनेजर ने एक तरह से अपनी ‘गट फीलिंग’ के आधार पर खान के ईमानदार होने की उम्मीद में जोखिम लिया था। मैनेजर भूषण बैस की उम्मीद को खान ने जाया नहीं जाने दिया, और 4 साल का लोन दो साल में ही चुका दिया। 2007 आते-आते खान 8 ट्रकों के मालिक बन चुके थे और 2013 में अश्मी रोड ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को उन्होंने रजिस्टर करा लिया था।

उसके बाद उनका बिज़नेस धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ और इतना बढ़ा कि 41-वर्षीय खान की अश्मी रोड ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड आज ₹400 करोड़ का सालाना कारोबार करती है। उनके पास खुद के 125 ट्रक हैं, और स्टील व ऊर्जा के आधाभूत ढाँचे की ढुलाई जैसे असाइनमेंट पूरा करने के लिए इनकी कंपनी रोज़ाना 3,000 ट्रक किराए पर लेती है। कम्पनी का ट्रांसपोर्टेशन केवल देश में ही नहीं, विदेशों में भी होता है। इसके 10 ब्रांच-ऑफिस हैं, जिसमें लगभग 500 कमर्चारी काम करते हैं।

माँ ने चार बच्चों को पालने के लिए संघर्ष किया

प्यारे खान बताते हैं कि उनकी माँ राईसा खातून ने उन्हें और उनके दो भाईयों-एक बहन को पालने के लिए बहुत संघर्ष किया था। उनके भाई-बहन भी नागपुर रेलवे स्टेशन पर संतरे बेचकर घर की सहायता करते थे। अपनी माँ की सहायता के लिए शुरुआती दिनों में उन्होंने लाइसेंस बनवाकर कुरियर कम्पनी में ड्राइवर की नौकरी की, लेकिन एक सड़क हादसे के बाद उन्हें वह छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पहले ऑटो-रिक्शा चलाया, फिर बस-चालक बने, और उसके बाद ट्रक। इतने संघर्ष के बादल जब वो यह बताते हैं कि नागपुर शहर के पास ही तीन एकड़ में फैले ₹7 करोड़ के कॉर्पोरेट ऑफिस में जल्द ही अश्मी रोड ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय स्थानांतरित करने का उनका इरादा है, तो उनकी आँखों की चमक देखते बनती है। इस समय उनकी कम्पनी का पूरा ध्यान कारोबार को अधिकाधिक फैलाने की ओर है।

उनके सभी क्लाइंट्स उनकी ईमानदारी और मेहनत के कायल हैं। 2016 में भूटान में एक माल-ढुलाई के सिलसिले में उन्हें एक सड़क के नीचे की ज़मीन खोदकर अपने ऊँचे कन्साइनमेंट को निकालना पड़ा और उसके बाद उन्होंने वापस सड़क को समतल बनाया। यह उदाहरण सिर्फ इसलिए कि प्यारे खान समय पर माल पहुँचाने को तवज्जो देते हैं, नफा-नुकसान बाद में देखते हैं। इसके लिए उन्हें भूटान सरकार की ओर से प्रशस्ति-पत्र भी मिला था।

आज जब प्यारे खान की कम्पनी दुबई के इन्वेस्टमेंट बैंक इम्पीरियल कैपिटल एलएलसी के ₹80 करोड़ के लोन के प्रस्ताव पर बात करने जा रही है, तो खान के प्रतिनिधि वही भूषण बैस हैं, जिन्होंने प्यारे खान को उनका पहला लोन मंजूर किया था। आईएनजी वैश्य बैंक 2016 में छोड़ने वाले बैस अश्मी रोड ट्रांसपोर्ट के वित्त-प्रमुख (हेड ऑफ़ फाइनेंस) हैं। उन्होंने खान की सफलता और निष्ठापूर्ण बिज़नेस की इमेज से प्रभावित होकर ही उनकी कम्पनी में नौकरी मंज़ूर की।

IIM ने भी भेजा निमंत्रण

IIM-अहमदाबाद ने खान को अपनी एक केस-स्टडी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजा, जो वह महिंद्रा ट्रक एवं बस के साथ संयुक्त रूप से करा रहा था। लैपटॉप, अंग्रेजी और पावरपॉइंट प्रेज़ेंटेशनों के दबदबे वाली इस प्रतियोगिता तो दूर, खान को तो IIM क्या होता है, यह भी पता नहीं था- उन्होंने खाली स्टेज पर जाकर अपनी कम्पनी की कहानी सुना दी, वह भी हिंदी में – और प्रथम पुरस्कार जीता

विभाग संभालें या मंत्री पद छोड़ दें: कैप्टन के फरमान से बैट्समैन सिद्धू के राजनीतिक विकल्प लगभग खत्म

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनाव नए मुकाम तक पहुँच गया है। कैप्‍टन और नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार घटने के बजाए और बढ़ गई है। कैप्‍टन अमरिंदर का सिद्धू को लेकर रुख आक्रामक हो गया है। राज्य के नए बिजली मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को नया विभाग मिले हुए 24 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना विभाग नहीं संभाला है। 24 दिन बाद भी कार्यभार नहीं संभालने के कारण सिद्धू का मंत्री पद खतरे में है। 

जानकारी के मुताबिक, अगर अगले कुछ दिनों में सिद्धू ने अपना मंत्रालय नहीं संभाला तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह उन पर एक्शन ले सकते हैं। इस मसले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार (जून 29, 2019) को कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ लीडर अहमद पटेल से मुलाकात की। बता दें कि अहमद पटेल को अमरिंदर और सिद्धू के बीच मतभेद दूर कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मुलाकात के दौरान अमरिंदर ने साफ कर दिया कि वो सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई इरादा नहीं रखते। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।

वहीं खबर ये भी है कि इस बारे में राहुल गाँधी ने भी ये साफ कर दिया है कि कैप्टन को अपनी मर्जी से सरकार चलाने का अधिकार है और मंत्रिमंडल में फेरबदल का भी उन्हें विशेषाधिकार है। गौरतलब है कि 6 जून को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट में फेर बदल किया था। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू से शहरी निकाय मंत्रालय विभाग वापस ले लिया था और उन्हें ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार सौंपा था। जिससे सिद्धू नाराज थे और उनकी नाराजगी अभी तक जारी है। इस बीच बिजली मंत्री के अभाव में बिजली सप्लाई पर असर पड़ा है। नए बिजली मंत्री सिद्धू की गैरहाजिरी में सीएम अमरिंदर खुद बिजली विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं और उन्हें लगातार निर्देश दे रहे हैं।

राशिद, नदीम, वाहिद और तसुव्वर ने तमंचे के बल पर मदरसे में 13 साल की किशोरी के साथ किया दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश में 13 साल की एक किशोरी को अगवा कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यह शर्मनाक वारदात सदरपुर थाना इलाके की है। बुधवार (जून 26, 2019) की शाम शौच के लिए निकली किशोरी को चार वहशी दरिंदों ने हथियारों के बल पर अगवा कर लिया और फिर मदरसे के अंदर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। 

जानकारी के मुताबिक, गाँव के बाहर निकलते ही जब किशोरी सुनसान रास्ते से गुजर रही थी, तभी राशिद, नदीम, वाहिद एवं तसुव्वर नामक चारों दरिंदों ने उसका रास्ता रोका। इससे पहले कि किशोरी को कुछ समझ में आता, वो लोग उसे जबरन खींच कर खेत की ओर ले गए। किशोरी के शोर मचाने पर बदमाशों ने उसे तमंचा दिखाया और फिर तमंचे के बल पर उसे मदरसे में ले जाकर चारों दरिंदों ने किशोरी के साथ बलात्कार किया। इसके साथ ही बदमाशों ने किशोरी को इसके बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी और फिर फरार हो गए।

पीड़िता ने जब वापस लौटकर अपने परिवारवालों को इस घटना के बारे में बताया, तो वो हक्के-बक्के रह गए। लेकिन उनके अंदर उन दरिंदों का खौफ इतना ज्यादा था कि वो लोग पुलिस के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। मगर जब गाँववालों को इस शर्मनाक और घिनौनी वारदात के बारे में पता चला तो उन लोगों ने पीड़िता के परिवार को हिम्मत दी और पुलिस से इसकी शिकायत करने के लिए कहा। इसके बाद घरवालों ने चारों दरिंदों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

शिकायत दर्ज होने पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए चारों आरोपितों के खिलाफ दुष्कर्म एवं पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया और पीड़िता को मेडिकल चेकअप के लिए भेज दिया। सदरपुर के थानाध्यक्ष ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “एक किशोरी के साथ तमंचे के बल पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता की तहरीर पर सभी आरोपियों के विरुद्ध दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द सभी आरोपित गिरफ्तार कर लिए जाएँगे।”

बिहार: आमना खातून के नवजात बच्चे की हुई चोरी, गुस्साई भीड़ ने की आगजनी, पुलिस पर पथराव

बिहार में एक नर्स द्वारा कथित तौर पर बच्चा चुराए जाने पर आगजनी कर रही गुस्साई हुई भीड़ ने पुलिसबल पर पथराव कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने तीन राउंड फायरिंग की। मामला काबू में न आते देख डीएसपी को दलबल के साथ मौके पर ही कैम्पिंग करनी पड़ रही है। मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का है।

आगजनी रोकने पहुँची थी पुलिस

पुलिस नालंदा के इस्लामपुर में आगजनी रोकने और सड़क-जाम खत्म कराने पहुँची थी। शुक्रवार रात इस्लामपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एक नवजात बच्चे की चोरी हो गई थी। जब चोरी का पता चला तो परिजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। समाचार एजेंसी ANI के के मुताबिक उन्होंने अस्पताल पर पत्थरबाजी की और सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया:

जन्म और चोरी के समय को लेकर विरोधाभास

मामले को लेकर मीडिया में विरोधाभासी वृत्तांत सामने आ रहे हैं। एक ओर इंडिया टुडे के मुताबिक हिलसा, नालंदा के सब डिवीजनल अफसर (एसडीओ) वैभव चौधरी ने ANI से बात करते हुए कहा कि शुक्रवार देर रात लाई गई महिला ने शनिवार (29 जून) सुबह 9 बजे शिशु को जन्म दिया

वहीं न्यूज़ 18 ने शुक्रवार रात के तीन बजकर 20 मिनट के आसपास चोरी होने का दावा किया है। न्यूज़ 18 यह भी कहता है कि आमना ने एक नर्स पर ही बच्चे की चोरी का आरोप लगाया है। लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉ. प्रभाकर के हवाले न्यूज़ 18 ने यह भी लिखा है कि जिस महिला पर बच्चा चुराने का आरोप है, उसने नर्स से रात में कहा कि वह आमना खातून के ही साथ है, और वह आमना की सेवा करने लगी। रात करीब तीन बजकर 20 मिनट वह बच्चे को भाप दिलाने के नाम पर निकली और फरार हो गई

योगी सरकार में बहुरेंगे UP के भिखारियों के भी दिन, करेंगे पुनर्वास की समुचित व्यवस्था


चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम बजट में ही घुमन्तु और भिखारियों के पुनर्वास के प्रति अपनी योजना और चिंता का खुलासा किया था। शुरुआत कर दी है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने भिखारियों के पुनर्वास के लिए नए सिरे से प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ नगर निगम को 45 दिनों के अंदर भिखारियों का पुनर्वास करने को कहा है। नगरपालिका आयुक्त ने कहा कि लखनऊ नगर निगम इन भिखारियों के लिए आश्रयगृहों में पानी, बिस्तर की चादर और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करेगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, “हम एक सर्वेक्षण कराने की प्रक्रिया में हैं और एक बार यह पूरा हो जाए तो हम भिखारियों को 45 आश्रयगृहों में भिजवा देंगे।” शारीरिक रूप से अक्षम भिखारियों को आश्रयगृहों में रखा जाएगा, जबकि सक्षम को नागरिक कर्तव्य सौंपे जाएँगे, ताकि उन्हें जीविकोपार्जन का अवसर मिले जिससे वह भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से स्वस्थ भिखारियों के पुनर्वास के लिए शहर के 5.8 लाख घरों से कचरा इकट्ठा करने और इसके बदले उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का काम सौंपा जाएगा। इनमें से कुछ को दैनिक स्वच्छता कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा, जैसे कि कचरा इकठ्ठा करना, नालियों की सफाई और सड़कों की सफाई आदि।

बता दें कि लखनऊ नगर निगम ने निर्णय लिया है कि पुनर्वासित भिखारियों को उनके द्वारा वसूले गए यूजर चार्ज का 10 से 20 प्रतिशत तक रकम दी जाएगी। इसके अलावा दैनिक स्वच्छता कार्यों में लगाए गए बाकी लोगों को 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी की बात कही जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह वही राशि है, जो संविदाकर्मियों को दी जाती है।

महबूबा की ‘ट्विटर वाली बिकिनी’ पर भड़के देवबंदी उलेमा, बोले- इस्लाम नहीं देता ऐसे पहनावे की इजाज़त

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बिकिनी पहनने वाले ट्वीट ने विवाद का रूप ले लिया है। महबूबा के ट्वीट पर अब देवबंद के उलेमा भड़क गए हैं। उनका कहना है कि महबूबा मुफ्ती ने जो कहा वो उनकी अपनी सोच है। हालाँकि, इस्लाम और शरीयत मुस्लिम महिलाओं को इस तरह के पहनावे की इजाजत नहीं देता है।

महबूबा मुफ्ती के मुस्लिम महिलाओं के बिकिनी पहनने वाले ट्वीट पर बहस शुरू हो गई है। उन्होंने ट्वीट किया है कि मुस्लिम महिला बिकिनी पहने या बुर्किनी यह उसकी मर्जी है। यह उन्हें खुद तय करना होगा। महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि यह महबूबा की अपनी सोच है। लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का जरूरी है। बिकनी या कोई और पहनावे की इस्लाम और शरीयत कतई इजाजत नहीं देता।

दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने रायटर्स का वीडियो पोस्ट रीट्वीट किया जिसका कैप्शन था, “फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं का एक समूह बुर्कीनी प्रतिबंध का विरोध करता है।” इस वीडियो में कुछ महिलाएँ बिकनी में थीं तो कुछ ने बुर्किनी पहनी हुई थी। महबूबा ने इसी ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा “मुस्लिम महिला बिकिनी पहने या बुर्किनी यह उसकी मर्जी है। यह उन्हें खुद तय करना होगा।”

महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि यह महबूबा की अपनी सोच है, लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में औरत के लिए लिबास रखा गया है ताकि उससे उसका पूरा शरीर ढका रह सके। शरीयत में बिकिनी पहनना जायज नहीं है और फिर इसी तरह का कोई और पहनावा पहनने की इस्लाम इजाजत नहीं देता।