Friday, May 17, 2024
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बजट 2019: श्रमिकों के लिए ₹6 लाख का बीमा, ग्रेच्युटी अब ₹20 लाख – कम आमदनी वालों को गारंटीड पेंशन

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को जो बजट पेश किया, उसमें श्रमिकों का खास ध्यान रखा गया है। पढ़ें मूल बातें:

  • PM श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा: 15,000 रुपए तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को मिलेगा योजना का लाभ
  • जिनका ईपीएफ कटता है उनको 6,00,000 रुपए का बीमा। श्रमिक की मौत होने पर छह लाख रुपए का मुआवज़ा
  • मज़दूरों का बोनस 7,000 रुपए किया गया। 21,000 रुपये तक वेतन पाने वालों को मिलेगा बोनस
  • ग्रेच्युटी सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया गया
  • कम आमदनी वाले श्रमिकों को गारंटीड पेंशन देगी सरकार। 100 रुपए प्रति महीने के अंशदान पर 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपए प्रति माह की मिलेगी पेंशन
  • आपदा प्रभावित लोगों को ब्याज में पाँच प्रतिशत की छूट

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘घरेलू कामगारों को भी सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत है। आयुष्मान भारत और जीवन ज्योति बीमा और सुरक्षा योजना के अलावा हम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना ला रहे हैं। उन्हें 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद तीन हजार रुपए प्रति महीने की पेंशन मिलेगी।’’

पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘सरकार श्रमिक के पेंशन अकाउंट में बराबर का योगदान देगी। असंगठित क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपए देंगे। इससे ज्यादा का प्रावधान भी दिया जाएगा।’’

पीयूष गोयल ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद उसकी सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया गया। साथ ही नई पेंशन स्कीम में सरकार के योगदान को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है।

श्रमिकों के अलावा घुमंतू समुदाय के लिए भी सरकार ने ध्यान दिया है। घुमंतू समुदाय के कल्याण के लिए भी सरकार काम करेगी। इनके लिए नीति आयोग पहचान का काम करेगी। इनके लिए कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा और उनके पास सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया जाएगा।

बजट 2019ः पहली बार रक्षा बजट बढ़कर हुआ ₹3 लाख करोड़

अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि देश में पहली बार रक्षा बजट बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

गोयल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सैनिकों के सम्मान का ख्याल रखते हुए 40 वर्षों से लटकी वन रैंक वन पेंशन की मांग को स्वीकार किया। जहाँ कॉन्ग्रेस की सरकार ने वर्ष 2014-15 में इसके लिए मात्र ₹5,000 करोड़ का प्रावधान किया था वहीं मोदी सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन स्कीम के अंतर्गत अब तक ₹35,000 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।  

गोयल ने यह भी कहा कि मिलिट्री सर्विस पे (Military Service Pay) में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। बता दें कि सैन्य सेवा में अधिकारी और अन्य रैंक को कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा का भार उठाने के लिए वेतन के अतिरिक्त मिलिट्री सर्विस पे दी जाती है।

बजट 2019: ‘पहला हक़ मुस्लिम का’ से ‘पहला हक़ ग़रीबों का’, 10 मुख्य बिंदु गाँव-ग़रीबों पर

गाँव-ग़रीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सफलता पर बात करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी उपलब्धियाँ गिनाई। गोयल ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ गरीबों का है। उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के बयान के परिपेक्ष्य में था जिन्होंने अपने कार्यकाल में देश की संपत्ति पर पहला हक़ मुस्लिमों का बताया था।

जानिए गोयल के बजट अभिभाषण में ग़रीब-गुरबों के लिए कही गई बातों के प्रमुख अंश।

  • लगभग हर घर को बिजली का मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली का कनेक्शन मिलेगा।
  • मोदी सरकार ने मिशन मोड में निजी क्षेत्र सम्मिलित करते हुए 143 करोड़ बल्ब उपलब्ध कराए हैं। इससे सालाना 50 हजार करोड़ रुपए मूल्य की बिजली की बचत होगी।
  • पाँच साल में मोदी सरकार ने 1.53 करोड़ घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए। यह पहले के मुकाबले पाँच गुना है। 2014 तक ढाई करोड़ परिवारों के पास बिजली नहीं थी।
  • ग़रीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2018-19 में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ख़र्च किया गया। 2013-14 में मात्र 92 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
  • मनरेगा के लिए भी 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
  • मोदी सरकार ने एसटी-एसटी और ओबीसी के कोटे को बरकरार रखते हुए गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण सुनिश्चित किया है।
  • इन संस्थानों में लगभग दो लाख सीटें उपलब्ध कराई जाएगी ताकि किसी भी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में कमी न आए।
  • 2019 में स्वच्छ भारत मिशन चलाया जाएगा।

बजट 2019 में स्वास्थ्य क्षेत्र: 22वाँ AIIMS हरियाणा में; 5 मुख्य बिंदु

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाई और साथ ही अगले वर्ष की रूपरेखा की जानकारी दी। जानिए स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके अभिभाषण के प्रमुख बिंदु:

  • 21 नए एम्स विकसित किए जा रहे हैं।
  • 14 एम्स पहले ही शुरू हो चुके हैं।
  • गोयल ने ख़ुशी जताते हुए बताया कि 22वाँ एम्स हरियाणा में शुरू होने जा रहा है।
  • हमने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना आयुष्मान भारत लागू की ताकि देश के 50 करोड़ लोगों को हेल्थ कवर मिले। इस से ग़रीबों के 3000 करोड़ रूपए बचे।
  • पिछले 5 सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखा गया है।

आयुष्मान भारत को कार्यवाहक वित्त मंत्री ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य केयर योजना बताया।

120 दिनों में 8.5 लाख से ज्यादा लोगों को मिल चुका है लाभ

बता दे कि योजना के लागू होने के लगभग 4 महीने के अंदर ही इस योजना के परिणाम दिखने शुरू हो गए थे। आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. इंदु भूषण ने ट्वीट कर कहा था कि (जनवरी 16, 2019) तक तक़रीबन 8.50 लाख लोग आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभान्वित हुए हैं।

बजट 2019: गोयल ने कहा- बड़े कारोबारी भी अब लौटा रहे कर्ज़; आर्थिक भगोड़े बच नहीं सकते

कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज चुकाने का दबाव रहता था, लेकिन अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज़ लौटाने की चिंता रहती है। बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा:

“पहले सिर्फ छोटे बिजनेसमैन पर कर्ज़ चुकाने का दबाव रहता था। अब बड़े कारोबारियों को भी कर्ज़ लौटाने की चिंता रहती है। तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज़ रिकवर हो चुका है। सरकारी बैंकों की भलाई है कि 2.6 लाख करोड़ रुपए का रि-कैपिटलाइजेशन किया गया है।”

गोयल ने देश की जीडीपी की चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी लाकर सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाए गए हैं। उन्होंने कहा:

“2008 से 2014 का समय कर्ज़ के क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं रहा। सरकारी बैंकों की नॉन परफॉर्मिंग असेट्स उस कार्यकाल में बढ़ गई थीं। ये 2014 में 5.4 लाख करोड़ थीं। हमारी सरकार में यह दम था कि हम आरबीआई को कहें कि इन सभी कर्ज़ों को देखें और बैंकों की सही स्थिति देश के सामने रखें।”

उन्होंने अपने सरकार के पारदर्शी होने का दावा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई है। उन्होंने कहा कि रेरा कानून और बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। देश के आर्थिक भगोड़ों को चेतावनी देते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी अब बच नहीं सकते

PM KISAN योजना: 12 करोड़ किसानों को ₹6000/वर्ष सीधा खाते में, कृषि पर बजट 2019 में बहुत कुछ

कृषि पर अपना ध्यान रखते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई घोषणाएँ की। गोयल संसद में अंतरिम बजट पेश कर रहे हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने मोदी सरकार के पिछले 5 वर्षों की उपलब्धियों का जिक्र कर के किया।

उन्होंने कहा, “PM किसान योजना के अंतर्गत छोटे किसानों को सीधा उनके आय ₹6000 प्रति वर्ष देने का निर्णय सरकार ने किया है। 100% भारत सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा, 3 किश्तों में भुगतान होगा। इस प्रोग्राम का खर्चा ₹75,000 करोड़ सालाना सरकार भरेगी।”

पीएम किसान योजना की घोषणा: इसके तहत छोटे किसानों के (2 हेक्टयर तक मालिकाना हक रखने वाले) खाते में हर साल 6 हजार रुपये देने का फैसला किया गया है: पीयूष गोयल

1 दिसंबर 2018 से लागू होगी योजना, जल्द ही पहली किश्त जारी होगी: वित्त मंत्री

पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 फीसदी ब्याज छूट की घोषणा

गो वंश को लेकर बजट में बड़ा ऐलान, सरकार शुरू करेगी राष्ट्रीय कामधेनु योजना, गो माता के लिए सरकार पीछे नहीं हटेगी: पीयूष गोयल

करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को फायदा होगा, योजना पर सालाना 75 हजार करोड़ रुपये का खर्च, केंद्र सरकार देगी पूरा पैसा: पीयूष गोयल

भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ करीब 70% लोगों की आजीविका आज भी कृषि पर निर्भर है। आँकड़ों के मुताबिक़ देश में लगभग 70% किसान हैं। किसान सही मायने में देश के रीढ़ की हड्डी है। कृषि का देश की मौजूदा जीडीपी में लगभग 17% का योगदान है।

सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करने का है। साथ ही उन्हें कई चीजों मेंं रियायत देने के बारे में भी सरकार विचार कर रही है। रिपोर्ट की मानें तो किसानों को उनकी उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है। ज्ञात हो कि पिछले बजट में सरकार ने किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा की थी। लेकिन, इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका।

डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी

बता दें कि, बिचौलियों के चलते किसानों को काफ़ी नुकसान उठाना पडता है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें उनकी मेहनत की पूरी लागत नहीं मिल पाती है। सरकार इसे लेकर गंभीर है। बजट में किसानों के खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करने की योजना से किसानों को बहुत मदद मिलेगी।

एक नज़र किसानों को लेकर चल रही विभिन्न राज्यों की योजनाओं पर

कॉन्ग्रेस सरकार की ऋण माफ़ी के चुनावी हथियार से निपटने के लिए भाजपा सरकार विभिन्न राज्यों के किसानों को लेकर चल रही योजनाओं पर निरंतर मंथन कर रही है। देखना यह है कि किस राज्य का मॉडल सरकार द्वारा चुना जाता है।

मध्य प्रदेश भावान्तर योजना

पिछले साल मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने जिस ‘भावांतर योजना’ के ज़रिए 15 लाख किसानों की मदद की थी। केंद्र की मोदी सरकार भी उसी तर्ज़ पर किसानों को फ़सल के न्यूनतम समर्थन मूल्य और बिक्री मूल्य के अंतर को सीधे खाते में भेजने पर विचार कर रही है।

ओडिशा का ‘कालिया’ (KALIA) फ़ॉर्मूला

कर्ज़ के बोझ तले दबे किसानों की मदद के लिए ओडिशा सरकार ने ₹10,000 करोड़ की ‘जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता (KALIA)’ योजना लागू की है। इस स्कीम के तहत किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध किया जाएगा। इस स्कीम के द्वारा किसानों को कर्ज़माफ़ी के बजाय ख़ासतौर से सीमांत किसानों को फ़सल उत्पादन के लिए आर्थिक मदद दिया जाएगा। ‘KALIA’ योजना के तहत छोटे किसानों को रबी और खरीफ़ की बुआई के लिए प्रति सीजन ₹5000-5000 की वित्तीय मदद मिलेगी, अर्थात सालाना ₹10,000 दिए जाएँगे।

झारखंड मॉडल

झारखंड की रघुवर दास सरकार भी मध्यम और सीमांत किसानों के लिए ₹2,250 करोड़ की योजना की घोषणा कर चुकी है। झारखंड में 5 एकड़ की जोत पर सालाना प्रति एकड़ ₹5,000 मिलेंगे, एक एकड़ से कम खेत पर भी ₹5,000 की सहायता मिलेगी। इस योजना की शुरुआत झारखंड सरकार 2019-20 वित्त वर्ष से करेगी जिसमें लाभार्थियों को चेक या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र के ज़रिए मदद दी जाएगी।

तेलंगाना का ऋतु बंधु मॉडल

ओडिशा और झारखंड के साथ ही केंद्र सरकार तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू की गई किसान योजनाओं की भी पड़ताल कर रही है। तेलंगाना सरकार ने किसानों के लिए ऋतु बंधु योजना शुरू की है। यहाँ के किसानों को प्रति वर्ष प्रति फ़सल ₹4000 प्रति एकड़ की रकम दी जाती है। दो फ़सल के हिसाब से किसानों को हर साल ₹8000 प्रति एकड़ मिल जाते हैं।

लगातार घट रही कृषि योग्य भूमि है चुनौती

कृषि ऋण और कर्ज़ माफ़ी जैसी योजनाएँ कहीं ना कहीं सरकारी राजस्व पर दबाव डालती हैं। फिर भी, सरकार के लिए किसान प्राथमिकता रहे हैं और उसे कोई न कोई मार्ग तो निकालना ही है। समय के साथ-साथ कृषि योग्य भूमि भी देश में निरंतर घट रही है। ऐसी अनेक चुनौतियाँ हैं, जिन्हे मद्देनज़र रखते हुए सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करेगी। मोदी सरकार का यह आख़िरी बजट है, इस कारण सभी की निगाह इस बजट पर रहनी सामान्य बात है।

आम धारणा है कि देश का चुनावी मिज़ाज काफी हद तक देश का किसान तय करता है। देश में ज्यादातर लोग कृषि पर आश्रित हैं, तो यह ज़ाहिर सी बात है कि सरकार उसकी बनती है जिसके साथ देश का किसान रहता है। वर्तमान सरकार किसानों की दशा सुधारने के लिए निरंतर महत्वपूर्ण प्रयास करती आ रही है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि पिछले 60 वर्षों तक किसानों के जो हालात रहें हैं उसकी क्षतिपूर्ति करिश्माई तरीके से करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।

बजट 2019: अर्थव्यवस्था पर बोले गोयल- ‘हमने महंगाई की कमर तोड़ दी’

केंद्रीय कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि पिछले पाँच वर्षों से भारत वैश्विक इकॉनमी में छाया रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्होंने अपने बजट अभिभाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा:

“हमारी सरकार ने कमरतोड़ महँगाई की कमर ही तोड़ दी। हम महंगाई दर को 4.6% तक ले आए। यह किसी भी सरकार के कार्यकाल की तुलना में कम था। दिसंबर 2018 में सिर्फ 2.19% महंगाई दर रही। अगर हम महँगाई काबू में नहीं करते तो हमारे परिवारों को 35 से 40% अतिरिक्त खर्च करना पड़ता। सात साल पहले की तुलना में वित्तीय घाटा भी हमने कम किया है। करंट अकाउंट डेफिसिट भी जीडीपी का 2.5% रह गया है।”

पीयूष गोयल ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा:

“पिछले पाँच साल में जीडीपी किसी भी सरकार के कार्यकाल की तुलना में ज्यादा रही है। आज हम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमने डबल डिजिट इन्फ्लेशन को काबू किया। इन्फ्लेशन एक प्रकार का छुपा हुआ टैक्स होता है। यह कभी 10.1% था।

भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्विक दबदबे पर बात करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री ने बताया कि हम 2020 तक न्यू इंडिया बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए शौचालय, पानी, बिजली, घर होने के भारत की संकल्पना कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी होगी और देश आतंकवाद से मुक्त होगा। पिछले पांच साल में भारत ग्लोबल इकोनॉमी में छाया रहा। हम दुनिया में आज सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।

भारत को धोखा देने वाला न कहीं छिप सकता है, न बच सकता है: जेटली

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (जनवरी 31, 2019) को अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील मामले के सह-अभियुक्त राजीव सक्सेना और कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार के प्रत्यर्पण के लिए मोदी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने शासन में ईमानदारी की संस्कृति पेश की है। भारत को धोखा देने वाला कोई भी व्यक्ति दुनिया में कहीं भी छिप नहीं सकता।

अमेरिका में उपचार करा रहे जेटली ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “यूपीए के कंकाल रूपी दिन लड़खड़ा रहे हैं। सभी रक्षा सौदों के लिए उन्हें बिचौलियों की आवश्यकता क्यों थी?”

उन्होंने कहा कि जो कोई भी भारत को धोखा देगा, वह दुनिया में कहीं भी न तो छिप सकता है और न ही बचकर भाग सकता है। भारत की कूटनीतिक ताक़त और सक्षम अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाएँ उसे सबक सिखाने के लिए पर्याप्त हैं।

केंद्रीय मंत्री जेटली ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ईमानदार हैं, अगर वे शासन में ईमानदार कार्यप्रणाली को लागू करते हैं, तो ऐसे में भारत को धोखा देने वाला कोई भी व्यक्ति कहीं भी बचकर नहीं जा सकता।

जेटली की यह प्रतिक्रिया गुरुवार को सुबह यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) से राजीव सक्सेना और दीपक तलवार के प्रत्यर्पण के बाद आई।

दीपक तलवार पर विमानन क्षेत्र के सौदों की दलाली करने, विदेशी कंपनियों के लिए सरकार की मंज़ूरी पाने, निजी विमानन कंपनियों को लाभ पहुँचाने और यूपीए के मंत्री तथा पदाधिकारियों के साथ संबंध रखने का आरोप है। वहीं राजीव सक्सेना पर अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलिकॉप्टर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3,600 करोड़ रुपए माँगने का आरोप है। बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को क्रमशः चार दिन और सात दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

आज की ख़बर में अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी को अफ्रीकी देश सेनेगल से गिरफ़्तार किया गया है। बता दें कि पुजारी 90 के दशक में मुंबई में एक सक्रिय अपराधी था, जिस पर हत्या और फ़िरौती का आरोप लगा है। भगोड़े गैंगस्टर को पहले ऑस्ट्रेलिया में छिपा माना जाता था।

माल्या ने लगाई न्याय की गुहार, कहा ₹9,000 करोड़ की जगह ₹13,000 हो चुका ज़ब्त

भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या ने सीबीआई द्वारा धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग के केस में अपनी सम्पत्ति को अटैच किए जाने पर आज शुक्रवार (फ़रवरी 1, 2019) को एक के बाद एक ट्वीट के माध्यम से आलोचना की।

लगातार एक के बाद एक ट्वीट करते हुए माल्या ने सवाल किया, “इस तरह सम्पत्ति को अटैच करना न्याय है, या अन्याय?”

विजय माल्या ने लिखा, “डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने भारत में 13,000 करोड़ रुपए की माल्या ग्रुप की सम्पत्ति को बैंक के कंसोर्टियम के रूप में अटैच किया है। जबकि कहा गया है कि मैं पब्लिक सेक्टर बैंक का 9000 करोड़ रुपए लेकर भाग गया हूँ। न्याय कहाँ है? क्या ये सही है?” माल्या ने अपने पहले ट्वीट में पूछा।

माल्या ने अपने सेकंड ट्वीट में सवाल किया, “मेरी हर सुबह DRT के एक नए अटैचमेंट से होती है। सम्पत्ति की कुल वैल्यू पहले ही 13,000 करोड़ की सीमा को क्रॉस कर गई है। बैंक 9000 करोड़ रुपए क़र्ज़ के ब्याज के रूप में 13000 करोड़ रुपए की कुल राशि क्लेम करता है। जो कि अभी पुनर्विचार के दायरे में है। ये जब्ती का कार्यक्रम कब तक और कहाँ तक चलेगा?”

“भारत में मेरी प्रॉपर्टी की तमाम अटैचमेंट्स के बाद भी बैंकों ने अपने वकीलों को इंग्लैंड में मेरे ख़िलाफ़ झूठे केस करने के लिए रखा है। इस पर जो लीगल फ़ीस आएगी क्या वो पब्लिक के पैसे की बर्बादी नहीं है? उसका ज़िम्मा कौन लेगा?” माल्या ने ट्विटर पर अपने तीसरे ट्वीट में लिखा।

इसके बाद माल्या ने अपने अंतिम ट्वीट में लिखा, “और अंत में, इंग्लैंड में उपस्थित बैंक वकीलों ने लिखित रूप में मेरे द्वारा HMRC के उचित टैक्स ड्यूज़ के भुगतान के अनुरोध पर सवाल उठाए। विडम्बना यह है कि भारत के बैंक, मुझसे इंग्लैंड में उस भारतीय उधार को चुकता करने की बात कर रहे हैं जो पहले से ही सिक्योर किया जा चुका है, और UK को किए जाने वाले भुगतान को रोक रहे हैं। शर्मनाक!”

इससे पहले माल्या ने अपने बचाव में लिखा था की उसने कुछ भी गलत नहीं किया, गलती कंपनी की थी जिसका बिज़नेस डूब गया, “मैं यह जानना चाहता हूँ कि मैंने कब बैंकों के साथ धोखा किया? मैंने एक रुपया उधार नहीं लिया था। उधार लेने वाली थी किंगफ़िशर एयरलाइन्स। पैसों का नुकसान एक दुखद व्यवसायिक असफलता थी। गारंटर के रूप में पकड़ा जाना फ्रॉड नहीं है। “


बड़ी कामयाबी: ख़ालिद से लेकर मेवानी तक को धमकी देने वाला ‘अडरवर्ल्ड डॉन’ हुआ गिरफ़्तार

खबरों के मुताबिक अंडरवर्लड डॉन रवि पुजारी को अफ्रीकी देश सेनेगल से गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुजारी 90 के दशक में मुंबई में एक सक्रिय अपराधी था। जिस पर हत्या और फ़िरौती माँगने के आरोप हैं।

कुछ समय तक माना जा रहा था रवि देश से भागकर ऑस्ट्रेलिया में छिपा हुआ है। लेकिन खुफ़िया सूत्रों के अनुसार पुजारी के सेनेगल में होने की बात का पता चली। इसके बाद उसकी
गिरफ़्तारी 22 जनवरी को हुई। वहाँ के दूतावास से भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी 26 जनवरी को दी गई। खबरों की मानें तो कहा जा रहा है कि रवि को पूछताछ के लिए भारत लाया जा सकता है।

बता दें रवि पुजारी को अंडरवर्ल्ड का रास्ता दिखाने वाला शख़्स कोई और नहीं हैं बल्कि गैंगस्टर की दुनिया का नामी नाम ‘छोटा राजन’ है, छोटा राजन इस समय नवी मुंबई की जेल में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहा है।

मुंबई पुलिस की एंटी एक्सटॉर्शन सेल, जब छोटा राजन के ज्यादातर शूटर्स को पकड़ रही थी उस समय जहाँ तक है रवि बेंगलूरु शिफ्ट हो गया था। मंगलोर में उदूपी के पास पदबिरी का रवि पुजारी, न केवल अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखता है बल्कि कन्नड़ भी बहुत अच्छे से बोलताा है। साल 2001 में पुजारी ने खुद को छोटा राजन गिरोह से अलग कर लिया था

एक तरफ जहाँ 2009-2013 के बीच में रवि पर कई बॉलीवुड हस्तियों से जबरन वसूली की माँग करने का आरोप है। वहीं पिछले साल ख़बरे थीं कि रवि ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद, छात्र कार्यकर्ता शेहला राशिद, दलित नेता गुजरात विधायक जिग्नेश मेवानी को जान से मारने की धमकी भी दी है।