Tuesday, November 19, 2024
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₹5 लाख दहेज दो वरना बीवी के साथ अंतरंग तस्वीरें वायरल कर दूँगा, सईदुल की ससुराल वालों को धमकी

असम में एक ऐसा मामला आया है, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा उसके अपने ही ससुराल वालों को लगातार ब्लैकमेल किया जाता रहा। उस व्यक्ति ने अपने ससुराल वालों को दहेज़ के लिए धमकाया। उसने अपनी धमकी में कहा कि अगर उसे इच्छित दहेज़ नहीं दिया गया तो अपनी पत्नी की अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल कर देगा। आरोपित का नाम सईदुल इस्लाम है। उसने अपनी पत्नी के साथ ख़ुद की अंतरंग तस्वीरें अपने ससुराल वालों को भेजकर धमकाया कि अगर उसे दहेज़ के रूप में 5 लाख रुपए नहीं दिए गए तो वह इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर फैला देगा

पीड़िता के परिवार वालों ने बताया कि करीमगंज के रामकृष्ण क्षेत्र में रहने वाली लड़की ने पिछले वर्ष सईदुल इस्लाम के साथ निकाह किया था। निकाह के तीन महीने बाद से ही उसने अपनी पत्नी को दहेज़ के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पीड़िता ने बताया कि सईदुल उसकी पिटाई किया करता था और कहता था कि अपने घर से रुपए लेकर आओ। ग़रीब परिवार से होने के कारण पीड़िता अपने पति की इस माँग को पूरी करने में असमर्थ थी। इसके बाद उसकी पिटाई और प्रताड़ना का सिलसिला अनवरत जारी रहा।

स्थानीय मीडिया में यह ख़बर

सईदुल ने अपनी पत्नी को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। एक दिन जब सारी हदें पार हो गई तो पीड़िता पत्नी परेशान होकर अपने मायके चली गई। इसके बाद पीड़िता व उसके परिजनों ने सईदुल के ख़िलाफ़ स्थानीय थाने में दहेज़ के लिए प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया। इसके बाद सईदुल ने अलग तरीका निकाला। उसके पास उसकी पत्नी के साथ कुछ अंतरंग तस्वीरें थीं, जिसे उसने वायरल करने की धमकी अपने ससुराल वालों को दी। उसकी मायके के तरफ़ के रिश्तेदारों को धमकी दी कि उसे दहेज़ में रुपए दिए जाएँ और केस वापस लिया जाए वरना ये तस्वीरें वायरल कर दी जाएँगी।

इसके बाद पीड़िता व उसके परिजनों ने सईदुल के ख़िलाफ़ ब्लैकमेल करने का भी मामला दर्ज कराया। इस सम्बन्ध में उन्होंने करीमगंज के एसपी से सम्पर्क किया है ताकि मामले में त्वरित न्याय हो सके।

CM जगनमोहन रेड्डी ने दिया चंद्रबाबू नायडू का घर तोड़ने का आदेश

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आज (जून 24, 2019) अमरावती स्थित ‘प्रजा वेदिका’ बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश दे दिया है। ‘प्रजा वेदिका’ वही बिल्डिंग है जिसमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू
फिलहाल नायडू रह रहे हैं। इस बिल्डिंग को तोड़ने का कार्य मंगलवार (जून 25, 2019) से शुरू होगा।

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों नायडू ने जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर प्रजा वेदिका को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित करने की माँग की थी। इसके बाद ही वाईएसआर कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार ने उनके आवास को कब्जे में ले लिया। जगनमोहन के इस आदेश को नायडू की पार्टी ने बदले की कार्रवाई करार दिया है।

विपक्ष के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री की माँग के बावजूद जगन मोहन ने उन पर कोई सद्भावना नहीं दिखाई और नायडू के सामान को आवास से निकालकर बाहर फेंक दिया। बता दें आंध्र प्रदेश ने जब अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था, तभी से चंद्रबाबू नायडू कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे। उस दौरान सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के जरिए प्रजा वेदिका का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास के रूप में किया था, जिसमें 5 करोड़ का खर्चा आया था। नायडू इस आवास का इस्तेमाल आधिकारिक कार्यों के साथ पार्टी की बैठकों के लिए करते थे।

गौरतलब है इसी महीने के शुरुआत में मुख्यमंत्री रेड्डी को पत्र लिखकर चंद्रबाबू नायडू ने इस बिल्डिंग का उपयोग बैठकों के लिए करने देने की इजाज़त माँगी थी। नायडू ने सरकार से आग्रह किया था कि वह इसे नेता प्रतिपक्ष का आवास घोषित कर दें लेकिन सरकार ने प्रजा वेदिका को कब्जे में लेने का निर्णय लिया और घोषणा कर दी कि वहाँ कलेक्टरों की बैठक होगी, जो कि पहले राज्य सचिवालय में होना तय हुआ था।

तेजस्वी मुजफ्फरपुर क्यों जाएँ? वो विधानसभा के नेता हैं, जननेता नहीं: RJD उपाध्यक्ष

राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने हाल में जदयू नेता नरेंद्र सिंह से मुलाक़ात की, जिसके बाद बिहार की लगातार बदलती राजनीति में चर्चा का बाज़ार फिर से गर्म हो गया। कहा जा रहा है कि नरेंद्र सिंह जदयू से नाराज़ चल रहे हैं क्योंकि उन्हें हालिया लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। नरेंद्र सिंह ने मुलाक़ात के बाद रघुवंश ने कहा कि राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। चर्चा है की नरेंद्र ने अपने बेटों सहित राजद में आने की इच्छा ज़ाहिर की लेकिन चूँकि पार्टी के सारे निर्णय अभी भी जेल में बंद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ही कर रहे हैं, रघुवंश ने उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया

जब रघुवंश प्रसाद से पूछा गया कि बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहाँ हैं तो रघुवंश प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी कोई जननेता नहीं है कि मुजफ्फरपुर जाएँगे। रघुवंश ने कहा कि तेजस्वी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, इसीलिए उनका काम विधानसभा की परिक्रमा करना है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में तेजस्वी की ज़रूरत नहीं है, वहाँ किसी जनसभा वाले नेता की ज़रूरत है। वैशाली से 5 बार सांसद रह चुके रघुवंश प्रसाद ने कहा कि वो नरेंद्र सिंह के साथ मिलकर मुजफ्फरपुर में इंसेफ्लाइटिस से बच्चों की लगातार हो रही मौत को लेकर सरकार की निष्क्रियता के ख़िलाफ़ आंदोलन करेंगे

मनमोहन सिंह सरकार एक दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह ने पूछा कि नीतीश कुमार तो मुजफ्फरपुर गए लेकिन नरेंद्र मोदी क्या 27 वर्षों बाद वहाँ जाएँगे? उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने 5 वर्ष पूर्व जो वादे किए थे, वो अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी ग़ैर-भाजपा दल राजद के साथ आना चाहते हैं, उन सभी का स्वागत है। रघुवंश प्रसाद लोकसभा चुनाव से पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नरम रुख दिखाते रहे हैं।

नरेंद्र सिंह से मुलाक़ात के सम्बन्ध में रघुवंश ने कहा कि वे उनके पुराने मित्र हैं और वरिष्ठ समाजवादियों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में बच्चे मर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री राँची में अनुलोम-विलोम कर रहे हैं। राजद नेता ने इससे पहले तेजस्वी से सम्बंधित सवाल के जवाब में कहा था कि तेजस्वी वर्ल्ड कप देखने गए होंगे।

2 मिनट 47 सेकंड का Video: करगिल युद्ध में टाइगर हिल पर IAF द्वारा कब्जे की कहानी

भारतीय वायु सेना करगिल युद्ध में विजय के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। सोमवार (जून 24, 2019) को वायु सेना ने ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन में एक बार फिर से टाइगर हिल जीतने के सीन को पुनर्जीवित किया। टाइगर हिल को पाकिस्तानी घुसपैठियों से 24 जून, 1999 को मुक्त कराया गया था। भारतीय सेना के इस अटैक के सीन को रीक्रिएट किया गया जिसमें ‘ऑपरेशन विजय’ में इस्तेमाल मिराज 2000 और अन्य विमानों के प्रदर्शन को शामिल किया गया। 5 मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआई का भी प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सेना ने पूरे करगिल युद्ध के एक-एक सीन को रिक्रिएट किया।

इस जंग में भारतीय वायु सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन किया था। इस सीन रीक्रिएशन के मौके पर वायु सेना चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी मौजूद थे। वायुसेना के एक अधिकारी का कहना है, “करगिल संघर्ष ऊँचाई की परिस्थितियों में युद्ध में वायु शक्ति के उपयोग का एक अनुकरणीय अनुभव प्रदान करता है।” कई वीरता पुरस्कार विजेताओं ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। इनमें से कुछ अभी भी सेवा दे रहे हैं जबकि कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यही वह मौका था, जब भारत ने पाकिस्तान को उसके दुस्साहस का सबसे बड़ा सबक सिखाया था।

एक अधिकारी ने बताया कि जुलाई के पहले सप्ताह से देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई गई है। दिल्ली में ये कार्यक्रम 14 जुलाई से शुरू होंगे। इन समारोहों का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं के बीच देशभक्ति की भावना को जगाना और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना है।

नाबालिग बेटी के अपहरण का आरोप लगाने पर सफ़ायत हुसैन ने गंगाराम को पीटकर मार डाला

उत्तर प्रदेश के दिलारी में बुधवार, 19 जून को एक 54 वर्षीय व्यक्ति गंगाराम की मुस्लिम भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने अपनी बेटी के अपहरण की शिक़ायत पुलिस से की थी।

अमर उजाला की ख़बर के अनुसार, पीपली उमरपुर के गंगाराम ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप दूसरे समुदाय के पड़ोसी के बेटे पर लगाया था। हालाँकि, बाद में पता चला कि नदीम नाम के एक अन्य व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया था। लड़की को ढूँढ लिया गया है और रिश्तेदारों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने, सड़क पर जाम लगाने के बाद नदीम को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

दरअसल, गंगाराम की 15 वर्षीय बेटी लगभग तीन दिन पहले लापता हो गई थी। शिक़ायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद एसएसपी ने लापरवाही के लिए थानाध्यक्ष दीपक कुमार को निलंबित कर दिया था।

ख़बर के अनुसार, गंगाराम ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके पड़ोसी सफ़ायत हुसैन के बेटे दानिश ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था। शिक़ायत के बारे में सुनकर दानिश के कई रिश्तेदार गंगाराम के घर गए और कथित तौर पर उसके परिवार पर लाठियाँ बरसाई जिसमें गंगाराम बुरी तरह घायल हो गए। उनके परिजन उन्हें नज़दीकी अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अगले दिन, पोस्टमार्टम के बाद, गंगाराम के नाराज़ रिश्तेदारों ने उनके शरीर को सड़क पर रख दिया, यातायात अवरुद्ध कर दिया और पुलिस की लापरवाही के ख़िलाफ़ नारे लगाए। हिंदू रक्षा दल के सदस्य भी पुलिस के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। पुलिस द्वारा सफ़ायत हुसैन, दानिश, छोटू, अकरम और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ़्तार किए जाने के बाद ही इस विरोध प्रदर्शन पर अंकुश लगा। ख़बर में इस बात का उल्लेख भी किया गया कि गंगाराम की पत्नी और बेटे को भी गंभीर चोटें आई हैं।

कुछ मीडिया ख़बरों में यह दावा किया गया कि गंगाराम पर हमला कर मार दिया गया क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी को मुस्लिम पड़ोसी से मिलने-जुलने पर आपत्ति जताई थी। जैसा कि अमर उजाला की ख़बर में स्पष्ट किया गया कि पुलिस ने दावा किया है कि लड़की का अपहरण नदीम नामक एक अन्य व्यक्ति ने किया था जो अब पुलिस की हिरासत में है। इस घटना के बाद इलाके में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव का माहौल है। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए, गाँव में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।

प्रताड़ित और धर्म परिवर्तन से बच कर भागे 34 Pak प्रवासी हिंदुओं को मिली भारतीय नागरिकता

राजस्थान सरकार ने राजस्थान के तीन ज़िलों में रहने वाले 34 पाकिस्तानी प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की है। हाल ही में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने जानकारी दी थी कि जून के महीने में सरकार द्वारा 34 पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई थी।

ख़बर के अनुसार, इनमें से कई हिंदू एक दशक से अधिक समय से भारत में रह रहे हैं। इनमें बाड़मेर के 19, पाली के 10 और राजस्थान के जालोर ज़िले के 5 लोग शामिल हैं।

बाड़मेर में, जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा ने पिछले बुधवार (19 जून) को कलेक्टोरेट में 19 हिंदू प्रवासियों को नागरिकता के प्रमाण-पत्र सौंपे थे। कलेक्टर ने नए नागरिकों से भारत के नागरिकों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने के लिए कहा है।

जानकारी के अनुसार, जनवरी 2019 से, 17 जून 2019 तक, 79 विस्थापित पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता दी गई है। इससे पहले, मार्च में, राजस्थान में 44 प्रवासी पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता दी गई थी। 44 लोगों में से 12 बाड़मेर से, 15 उदयपुर से, 11 पाली से, और 06 जालोर ज़िले से थे।

पाकिस्तान में हिंदुओं पर घोर अन्याय, उत्पीड़न के साथ ही उनका जबरन धर्म-परिवर्तन के लिए भी दबाव डाला जाता है। हर हफ़्ते, कई हिंदू परिवार भारतीय वीजा के साथ थार एक्सप्रेस पर सवार होते हैं और भारत की यात्रा करते हैं, फिर कभी वापस नहीं जाते। वर्तमान में, राजस्थान और गुजरात में कई क्षेत्रों में सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदू परिवार रहते हैं।

ख़बर के अनुसार, पाकिस्तान से आए प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए एक व्यापक और लंबी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। नागरिकता के लिए आईबी और स्टेट सीआईडी की रिपोर्ट जरूरी होती है पासपोर्ट समाप्ति और वीजा वैधता अवधि भी महत्वपूर्ण हैं।

पाकिस्तान के कई हिंदू अक्सर अस्थायी शिविरों में रहते हैं और पुरानी गाड़ियाँ बेचकर जीवन यापन करते हैं। यहाँ तक ​​कि शिक्षित हिंदू प्रवासी आवश्यक दस्तावेज़ों की कमी के कारण नौकरियों को सुरक्षित रख पाने में भी विफल रहते हैं।

‘गरीबों के रघुराम राजन’ ने RBI के डिप्टी गवर्नर पद से दिया इस्तीफा

रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उनका कार्यकाल 20 जनवरी 2020 को पूरा हो रहा है लेकिन उन्होंने 6 महीने पहले ही त्यागपत्र दे दिया है। विरल आचार्य ने जनवरी 2017 में रिज़र्व बैंक में डिप्टी गवर्नर का पदभार ग्रहण किया था। 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद डिप्टी गवर्नर का पद संभालने वाले वे सबसे कम आयु के व्यक्ति हैं।

त्यागपत्र देने के बाद विरल आचार्य वापस न्यू यॉर्क विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में कार्य करेंगे ऐसी संभावना प्रबल है। आचार्य को मौद्रिक नीति के विशेज्ञ के रूप में जाना जाता है। वे स्वयं को गरीबों का रघुराम राजन कहते हैं। इसलिए, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी) जब कभी भी महंगाई के प्रति नरम रुख दिखाती, आचार्य अकसर उसके विरोध में खड़े हो जाते

आचार्य रघुराम राजन को अपना प्रेरणास्रोत और गुरु मानते हैं। उन्होंने उनके साथ मिलकर कई शोधपत्र भी प्रकाशित किए हैं। विरल आचार्य ने ‘यादों के सिलसिले’ नामक अपना म्यूजिक अल्बम भी कम्पोज़ किया था। एक बार उन्होंने केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच के रिश्ते की व्याख्या हिंदी फिल्मों के गानों की पक्तियों से की थी।

संगीत में बेहद दिलचस्पी रखने वाले आचार्य ने न्यू यॉर्क में खुद कंपोज किए गानों की एक सीडी लॉन्च की थी और इससे हुई आमदनी परोपकार पर खर्च कर दी थी। त्यागपत्र देने के बाद वे 23 जुलाई तक ही डिप्टी गवर्नर के पद पर रहेंगे

झारखंड में बुझ गई लालू की लालटेन: RJD प्रदेश अध्यक्ष गौतम राणा ने बनाई नई पार्टी

लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका लगा है। लालू की पार्टी राजद झारखंड में टूट गई है। झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने राजद से अलग होकर पार्टी के सदस्यों के साथ नई पार्टी का गठन किया है और ऐसा तब हुआ जब लालू प्रसाद राँची में ही हैं। वो चारा घोटाले के चार मामलों में राँची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं। नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल लोकतांत्रिक रखा गया है।

रविवार (जून 23, 2019) को विधानसभा सभागार में पूरे झारखंड से जुटे पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं और कुछ जिला अध्यक्षों की मौजूदगी में तीन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुए। पहले प्रस्ताव में सभागार में मौजूद राजद के सभी नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दिया। दूसरे प्रस्ताव में नई पार्टी के गठन का प्रस्ताव आया, जिसका नाम रखा गया राष्ट्रीय जनता दल लोकतांत्रिक। तीसरे प्रस्ताव में इस नई पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष के रूप में गौतम सागर राणा का नाम आया।

सभागार में मौजूद सभी लोगों ने इन तीनों प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया। नई पार्टी के गठन के बाद अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने पत्रकारों से बात की और कहा, “मैं और झारखंड के राष्ट्रीय जनता दल के 90 फीसदी कार्यकर्ता व नेता लालू प्रसाद यादव से नाराज हैं। अब राष्ट्रीय जनता दल में लोकतंत्र नहीं बचा है, लिहाजा हमने नई पार्टी बनाई है और अब हम खुद झारखंड के लोगों की सेवा करेंगे।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ही असली राजद है। हालाँकि, वो लालटेन छाप पर दावा नहीं करेंगे। उनका चुनाव चिह्न अलग होगा। इस बारे में वो जल्द ही चुनाव आयोग को सूचित करेंगे।

गौतम सागर राणा ने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति बनेगी। बैठक में तय होगा कि किस दल के साथ गठबंधन करना सही होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी पार्टियाँ उनके संपर्क में हैं, मगर वो अपनी ताकत के दम पर आगे बढ़ेंगे। वहीं झारखंड के वर्तमान राजद अध्यक्ष अभय सिंह ने पार्टी की टूट पर कहा कि दल से निकाले हुए लोगों ने नई पार्टी बनाई है। इससे राजद की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। चंद पॉकेट के लोगों के साथ गौतम सागर राणा ने नया दल बनाया है, जिसका कोई असर राजद की सेहत पर नहीं पड़ेगा।

अलीगढ़ में कचौड़ी वाला निकला करोड़पति, जाँच अधिकारियों ने जारी किया नोटिस

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक कचौड़ी बेचने वाला व्यापारी करोड़पति निकला है। इस बात का खुलासा व्यापारी की जाँच करने गई वाणिज्य कर विभाग (Commercial Tax Department) की टीम ने किया। दरअसल, टीम ने जाँच के दौरान दुकान पर खड़े होकर कचौड़ी वाले की बिक्री और खाद्य वस्तुओं के आधार पर ₹60 लाख का सालाना टर्न ओवर निकाला, जो आगे की जाँच में बढ़कर 1 करोड़ पहुँच सकता है। जाँच अधिकारियों ने फिलहाल दुकानदार को नोटिस जारी कर दिया है।

हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार मुकेश नाम का व्यापारी अलीगढ़ में सीमा टॉकीज के पास पिछले 10-12 साल से समोसे-कचौड़ी बेच रहा है। पिछले दिनों स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो को इस कचौड़ी वाले के ख़िलाफ़ शिकायत मिली। मामले को लखनऊ से अलीगढ़ भेजा गया। वाणिज्य कर विभाग के एसआईबी के अधिकारियों ने पहले कचौड़ी वाले को ढूँढा और फिर 2 दिन तक आस-पास बैठकर उसकी बिक्री का जायजा लिया। 21 जून को विभाग की टीम मुकेश की दुकान पर जाँच करने पहुँची। जाँच में व्यापारी ने खुद सालाना लाखों रुपए के टर्नओवर की बात को स्वीकारा। मुकेश ने खुद ही ग्राहकों की संख्या, कच्चे माल की खरीद, रिफाइंड, चीनी व गैस सिलेंडर के बारे में जाँच अधिकारियों को पूरी जानकारी दी

इसके बाद जाँच एजेंसियों के अधिकारियों ने अपनी शुरूआती जाँच में पाया कि कचौड़ी व्यापारी मुकेश का सालाना टर्नओवर ₹60 लाख से अधिक बैठ रहा है लेकिन फिर भी मुकेश की दुकान को जीएसटी से पंजीकृत नहीं मिला, जबकि नियमानुसार ₹40 लाख का टर्नओवर वालों को पंजीयन करवाना होता है। अधिकारियों ने अपनी जाँच में दावा किया है कि ₹60 लाख का टर्नओवर शुरूआती जाँच में सामने आया है, लेकिन विस्तृत जाँच में ये टर्नओवर एक से डेढ़ करोड़ पहुँचने की पूरी संभावना है।

बता दें कि तैयार माल पर 5 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। ऐसे में कारोबारी पिछले 10 सालों से बिना कोई कर चुकाए कारोबार कर रहा है। अब उसे जीएसटी का पंजीयन कराना होगा और साथ ही एक साल के टैक्स पर कर अदा करना होगा। मुकेश के इस कारोबार और सालाना टर्नओवर का खुलासा होने के बाद अधिकारियों का शक ऐसा कारोबार करने वाले बाकी व्यापारियों पर भी हो रहा है।

सरकारी योजनाओं में दलाली के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले BJP नेता के घर फेंका बम: बदहाल बंगाल

पश्चिम बंगाल के वीरभूम में एक बार फिर से तनाव का माहौल है। यहाँ सरकारी योजनाओं में दलाली के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले भाजपा नेता के घर में बमबारी और फायरिंग की गई है। हालाँकि इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है, लेकिन भाजपा का आरोप है कि यह हमला टीएमसी द्वारा करवाया गया है।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार दलाली की रकम को वापस किए जाने की माँग को लेकर नानूर के पांचसोया ग्राम पंचायत में रविवार (23 जून) को भाजपा ने प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही भाजपा नेता के घर को निशाना बना दिया गया। तृणमूल के गुंडों को इसका जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

बंगाल में इस घटना के अलावा नॉर्थ 24 परगना जिले के नरेंद्रपुर थाना क्षेत्र में ‘जय श्रीराम’ बोलने पर टीएमसी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं की पिटाई का मामला भी सामने आया, जिसके कारण रविवार (जून 23, 2019) को बड़ी तादाद में भाजपा समर्थकों ने नरेंद्रपुर थाने का घेराव कर आरोपितों की गिरफ्तारी की माँग के लिए प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इलाके में रहने वाले भाजपा समर्थकों को तृणमूल गुंडों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और ये सब बेवजह हो रहा है।

खबर के मुताबिक, नॉर्थ 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में 20 जून को हुई घटना के कारण इलाके में लगी 144 धारा के बाद भी माहौल में तनाव बना हुआ है। माहौल को देखते हुए रविवार को दुकान-बाजार भी बंद रखे गए और छुट्टी के दिन लोगों ने घर में रहना ही उचित समझा। हालाँकि, पुलिस की ओर से इलाके में हालात सामान्य करने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन हालात अभी भी बेकाबू हैं। बिगड़ते माहौल के मद्देनजर ही शनिवार (22 जून) को भाजपा का 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल के भाटपारा का दौरा करने पहुँचा था। जिसका नेतृत्व भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया ने किया था।