Sunday, November 17, 2024
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अलीगढ़ में बच्ची को कचरे से निकालने वाली महिला को मिल रही हैं समुदाय विशेष से धमकियाँ

एक ओर जहाँ अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अब इस मामले को नया रूप देने पर उतर आए हैं। अब तक इस मामले में आरोपित जाहिद की पत्नी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बच्ची का शव जिस कपड़े में लिपटा हुआ था, वो जाहिद की पत्नी का दुपट्टा था।

दरअसल, बच्ची का शव कचरे के ढेर में बरामद हुआ था। अब इसे ढूँढने वाली महिला को कुछ लोग धमकियाँ दे रहे हैं। ट्विटर पर आज एक वीडियो सामने आया है जिसमें कचरा साफ़ करने वाली उस महिला को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें समुदाय विशेष के लोग धमकियाँ दे रहे हैं।

वीडियो में महिला कह रही हैं कि इलाके में समुदाय विशेष के द्वारा उन पर पर रिश्वत लेकर मृतक बच्ची को खुद वहाँ फेंकने के आरोप तक लगाए जा रहे हैं। उन्हें धमकियाँ भी दी जा रही हैं। इसके साथ ही महिला को अपने परिवार की सुरक्षा का भी डर सता रहा है। कुछ ट्विटर यूज़र्स का कहना है कि यह महिला एक हिन्दू है जो कि SC है। सम्भावनाएं जताई जा रही हैं कि महिला को इस प्रकरण को उजागर करने के कारण डराया-धमकाया जा रहा है।

Video: हार की समीक्षा के लिए इकट्ठा हुए थे कॉन्ग्रेसी, आपस में ही भिड़ पड़े

कॉन्ग्रेस के अंदर उठा-पटक थमने का नाम नहीं ले रही है। बाहर चाहे कुछ भी खबरें हों, लेकिन मीडिया में सामने आ रही कुछ निंदनीय घटनाएँ ये बताती हैं कि अंदरूनी मनमुटाव तो जारी है। दरअसल, लोकसभा चुनावों में यूपी में कॉन्ग्रेस की हार की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कॉन्ग्रेस के कई नेता इकट्ठा हुए। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में पश्चिम यूपी के कॉन्ग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे।

बैठक दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज परिसर में हो रही थी। लेकिन पहले कॉन्ग्रेस नेता परिसर के अंदर आपस में भिड़े और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भी वहीं उनकी तू-तू मै-मैं हो गई। हालाँकि, जब कॉन्ग्रेस नेताओं से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये उनका आंतरिक मामला है। कॉन्ग्रेस नेता सिर्फ बैठक में ही नहीं बल्कि परिसर के बाहर भी एक दूसरे से बहस करते दिखाई दिए। जिसका वीडियो वायरल हो रहा है

कॉन्ग्रेस नेता सिर्फ परिसर के अंदर ही नहीं भिड़े बल्कि परिसर के बाहर भी एक दूसरे से भिड़ते दिखे और बैठक के बाद कैम्पस में जमकर हंगामा हुआ। इस वीडियो में लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा के पिता और शहर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज पार्टी के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष हरेंद्र कसाना के साथ उलझते देखे गए।

आज की समीक्षा बैठक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 जिले की थी। सिंधिया और राजबब्बर ने 10 जिले के प्रत्याशियों, पूर्व विधायक, पूर्व सांसदों और पदाधिकारियो की समीक्षा बैठक बुलाई थी। अगली बैठक 14 जून को लखनऊ में होगी।

AAP विधायक को दिल्ली कोर्ट ने ठहराया दोषी, 3 महीने की हो सकती है जेल

पूर्वी दिल्ली के कोंडली निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मनोज कुमार को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने साल 2013 में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान एक पोलिंग स्टेशन के पास उत्पाती बर्ताव करने और सरकारी कर्मचारी के काम में रुकावट डालने का दोषी करार दिया है। विधायक के खिलाफ पुलिसवालों की गवाहियों को भरोसेमंद पाते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मनोज कुमार को आईपीसी की धारा 186 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 के तहत दोषी ठहराया है।

अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील को ठुकरा दिया कि महज पुलिसवालों की गवाहियों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। एसीएमएम विशाल ने कहा कि कानून में ऐसी कोई प्रीपोजिशन नहीं है कि निष्पक्ष गवाहों से मेल खाने के बावजूद पुलिसवालों की गवाहियों को मंजूर न किया जाए। हर व्यक्ति से ईमानदारी के साथ काम करने की उम्मीद की जाती है और यह कल्पना पुलिसवालों पर भी उतनी ही लागू होती है जितनी किसी दूसरे व्यक्ति पर। पुलिसवालों की गवाहियों को महज इस आधार पर ठुकराया नहीं जा सकता कि वे पुलिस बल से जुड़े हैं और जाँच और अभियोजन के केस के सफल होने में उनका हित जुड़ा है। ऐसे साक्ष्यों को न्यायिक विवेक के साथ और व्यक्तिगत रूप से परखने की जरूरत पड़ती है। सिर्फ इसीलिए कि वे पुलिसवाले हैं, उनके पक्ष पर शक करने का आधार नहीं बन सकता। अदालत ने कहा कि मामले में अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्य भरोसे के लायक हैं। वे संदेह से परे केस को साबित करने में सफल रहे।

गौरतलब है कि, ये मामला मनोज और उनके 50 समर्थकों द्वारा एमसीडी स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर हंगामा करने से संबंधित है। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही स्कूल का मेन गेट बंद कर दिया था। 4 दिसंबर 2013 में कल्याणपुरी थाने में दर्ज केस के मुताबिक आप विधायक ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कल्याण पुरी स्थित एमसीडी प्राइमरी स्कूल पर बने पोलिंग स्टेशन पर उत्पाती बर्ताव किया। वहाँ दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान हो रहा था। आप विधायक ने वहाँ चुनाव कराने में लगे पुलिस वालों के काम में रुकावट डाली, पुलिस कॉन्स्टेबल को धमकाया और पुलिवालों समेत चुनाव अधिकारियों को पोलिंग बूथ के अंदर बंद कर दिया। इतना ही नहीं, मनोज कुमार और उनके समर्थकों ने मतदान समाप्त होने के बाद भी अपना आंदोलन जारी रखा और बूथ के बाहर EVM बक्से को ले जाने की अनुमति नहीं दी।

इस अपराध के लिए मनोज कुमार को मिलने वाली सजा पर 25 जून को सुनवाई होगी। ये सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट समर विशाल द्वारा की जाएगी। ऐसी संभावना है कि आप विधायक को अधिकतम तीन महीने के लिए जेल में रखा जा सकता है या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है।

UP के शामली में 15 साल की नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार में सुहेल और सोनम फरार

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में दो व्यक्तियों ने 15 वर्षीय एक लड़की को कथित तौर पर अगवा कर लिया और उसका सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस के अनुसार, यह घटना सोमवार (जून 10, 2019) को कंधला थाना क्षेत्र अन्तर्गत खंदरौली गाँव में हुई। किशोरी एक खेत में बेहोश अवस्था में मिली।

दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, थाना प्रभारी एस के विश्नोई ने बताया कि इस संबंध में दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन व्यक्तियों की पहचान सुहेल और सोनम के रूप में की गई है। दोनों फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

घर के बाहर से हुआ था अपहरण

लड़की के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, दो लोगों ने किशोरी का उसके घर के बाहर से अपहरण किया और फिर उन्होंने नजदीक के एक खेत में उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि लड़की को चिकित्सकीय जाँच के लिए ले जाया गया है और गाँव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। साथ ही, अतिरिक्त पुलिस बलों को एहतियातन तैनात किया गया है।

CM जगन रेड्डी ने अपने मामा को बनाया तिरुपति तिरुमला ट्रस्ट का अध्यक्ष, लोगों ने चढ़ाई भौंहें

आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने मामा वाई वी सुब्बा रेड्डी को तिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड (TTD) के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के बाद लोगों ने और राजनीतिक गलियारों के व्यक्तियों ने कई सवाल खड़े किए। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनका परिवार इसाई धर्म में विश्वास रखता है और इसाई तौर-तरीकों का प्रैक्टिस करता है। बता दें कि वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन देखने वाला टीटीडी भारत के सबसे अमीर मंदिर ट्रस्टों में से एक है। पूर्व सांसद सुब्बा रेड्डी ने साफ़ किया है कि वे जगन के माँ के घर से हैं और हिन्दू हैं।

2009 में जब जगन के पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी की एक हैलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनके द्वारा भी देवस्थानम बोर्ड में की गई नियुक्तियों पर सवाल खड़े हुए थे। कई लोगों का मानना था कि रेड्डी मंदिर बोर्ड का ईसाईकरण कर रहे हैं। 2006 में गोल्ड किन स्कैंडल भी सामने आया था। 2012 में जगन मोहन रेड्डी ने बिना डिक्लेरेशन फॉर्म भरे मंदिर में एंट्री की थी, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया था (इस फॉर्म को भरना नॉन-हिन्दुओं के लिए आवश्यक है)। टीटीडी ने सफाई में कहा था कि जगन को तिरुपति भगवान में विश्वास है और इसीलिए यह अनिवार्य नहीं है।

इस वाकए के बाद जनसेना के अध्यक्ष और तेलुगु अभिनेता पवन कल्याण ने कहा था कि जगन ने चप्पल-जूते पहन कर मंदिर में प्रवेश किया है, इसीलिए उन्हें सत्ता कभी नहीं मिल सकती है। टीटीडी के मुख्य पुजारी रहे रमना दिक्षितुलू को वाइएसआर परिवार का करीबी माना जाता था। उन्हें चंद्रबाबू नायडू की सरकार के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के कारण हटा दिया गया था। उन्होंने दावा किया था कि मंदिर के किचेन की खुदाई के बाद मैसूर के राजा द्वारा दिया गया गुलाबी हीरा मिला था, जिसका कुछ पता नहीं चला।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि टीटीडी नायडू परिवार द्वारा संचालित हेरिटेज समूह से दूध ख़रीद रहा है। जगन रेड्डी ने शपथ ग्रहण से पहले तिरुमाला जाकर स्वामी वेंकटेश की ख़ास पूजा की थी। अभी कुछ दिनों पहले टीटीडी की सदस्य सुधा मूर्ति ने इस्तीफा दे दिया था। सुधा मूर्ति ने अपने इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई थी। वह इनफ़ोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष रही है। उन्होंने कहा कि अगर नई सरकार उन्हें बुलाती है, तो वह फिर अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं। हालाँकि, नए अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी ने कहा है कि वे शत प्रतिशत हिन्दू हैं और सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने भी जाते रहते हैं।

रेड्डी ने कहा कि जगन ने उन्हें राज्यसभा भेजने का आश्वासन दिया है और तब तक देवस्थानम बोर्ड का अध्यक्ष पद सँभालने को कहा है। बोर्ड ने इससे पहले मंदिर में विभिन्न पदों पर काम कर रहे नॉन-हिन्दुओं को निकालने का निर्णय लिया था लेकिन हाईकोर्ट ने कहा था कि इन्हें सिर्फ़ इसीलिए नहीं निकाला जा सकता क्योंकि वे मुस्लिम या इसाई हैं। अगले आदेश तक हैदराबाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने को कहा था। राज्य में टीटीडी अध्यक्ष का पद बहुत मायने रखता है और उसे कैबिनेट का दर्जा प्राप्त है।

SC लिखित में दे, भारत में नहीं होगी गिरफ्तारी, तो आज ही लौटने को तैयार: जाकिर नाइक

इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक ने मंगलवार (जून 11, 2019) को भारत लौटने की इच्छा व्यक्त की है। नाइक ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ये आश्वासन देता है कि दोषी ठहराए जाने तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तो वो वापस भारत आने के लिए तैयार है। नाइक 2016 में भारत से भागा था। फिलहाल वो मलेशिया में रह रहा है। मलेशिया सरकार ने उसे स्थायी निवासी का दर्जा दे दिया है।

जाकिर नाइक ने कहा कि उसे भारतीय न्यायपालिका पर तो भरोसा है, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास नहीं है। नाइक पर आतंक से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग तक का आरोप है। नाइक ने कहा कि भारतीय जाँच एजेंसियाँ उसे जेल में डालने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। उसने तो आरोप भी लगा दिया है कि भारत में उसे बिना जाँच और बिना सुनवाई जेल भेजने की तैयारी चल रही है। नाइक ने कहा कि अगर भारत का सुप्रीम कोर्ट उसे लिखित में देता है कि भारत आने पर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तो वो आज ही भारत लौटने को तैयार है। जाकिर नाइक का कहना है कि आरोपों और शिकायतों के बावजूद, भारत या दुनिया में कहीं भी, किसी भी अदालत में उसके खिलाफ एक भी फैसला नहीं है। भारत में समुदाय विशेष के मामले में अदालत द्वारा निर्दोष घोषित करने से पहले ही गिरफ्तार करके 8 से 20 साल तक के लिए जेल में भेजने का इतिहास रहा है। भारतीय एजेंसियों के इस रिकॉर्ड को जानने के बाद वो अपने जीवन और अधूरे काम को बर्बाद करने का चांस नहीं लेना चाहता।

नाइक का कहना है कि भारतीय जाँच एजेंसियाँ हताश हो गई है, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें जाँच किस बात की करनी है। हालाँकि उनकी हताशा शर्मनाक है। ये बड़े आश्चर्य की बात है कि पहले जाँच एजेंसियाँ आतंकी लिंक की तलाश कर रही थीं, लेकिन अब वो मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रही हैं। वो किसी न किसी रूप में उसे फँसाने की साजिश कर रही है।

वहीं, सोमवार (जून 10, 2019) को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जाकिर नाईक को लेकर कहा है कि मलेशिया के पास यह अधिकार है कि अगर जाकिर नाइक के साथ न्यायसंगत व्यवहार नहीं होता है, तो मलेशिया के पास यह अधिकार है कि वह जाकिर नाइक का प्रत्यर्पण न करे। उन्होंने कहा कि जब तक जाकिर नाइक मलेशिया के लिए कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहा है, तब तक उसका प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा।

जाँच एजेंसी के अनुसार, नाइक के भारत और विदेशों में कुल ₹193 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा जाकिर नाईक के खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर के आधार पर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नाइक के खिलाफ जाँच कर रहा है। जाकिर नाईक का कहना है कि भारतीय जाँच एजेंसियों ने उसकी संपत्ति को जब्त करने की कोशिश की, लेकिन 2018 की शुरुआत और मार्च 2019 में अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जाँच एजेंसियों की कार्रवाई पर रोक लगा दी, क्योंकि भारतीय जाँच एजेंसियाँ ये साबित नहीं कर सकी कि संपत्ति अवैध रूप से अधिग्रहित किए गए थे। नाइक का कहना है कि जाँच एजेंसियों को अदालत से कामयाबी नहीं मिलने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

यूट्यूब अदालत में बैठे स्वघोषित जज अभिसार शर्मा का नया प्रपंच, नहीं पच रहा कठुआ का फैसला

पठानकोट कोर्ट ने कठुआ रेप केस में सोमवार (जून 10, 2019) को अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में रेप और मर्डर के आरोपितों को आजीवन कारावास और तीन को सबूत मिटाने के जुर्म में 5-5 साल की सजा सुनाई है। इनमें से एक आरोपित विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से कोर्ट ने बरी कर दिया है।

जंगोत्रा की रिहाई में ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित किए गए CCTV फुटेज और दूसरे एविडेंस का बड़ा योगदान है। प्रमाणों से यह साफ हो गया था कि इस पूरी घटना के दौरान जंगोत्रा कठुआ में मौजूद नहीं था। यहाँ समस्या उसका रिहा होना नहीं है बल्कि कुछ पत्रकार कोर्ट के फैसले के बावजूद इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं।

ऐसे ही एक अपच वाले पत्रकार अभिसार शर्मा, जो खुद से असहमत लोगों के खिलाफ अपनी नफ़रत की वजह से भी जाने जाते हैं, ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट कर प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हुए खुद फेक न्यूज़ पेडल करने के बावजूद ज़ी न्यूज़ पर यह आरोप लगाते पाए गए कि ज़ी न्यूज़ ने जंगोत्रा को बचाने के लिए कुछ झूठे सबूत गढ़े हैं।

अभिसार शर्मा ने अपने नाटकीय अंदाज में ज़ी न्यूज़ के रिपोर्ट को ‘ड्रामा’ कहा जो जाँच एजेंसियों द्वारा ‘गलत’ पाया गया। जबकि सच्चाई इससे बिलकुल अलग है पठानकोट कोर्ट ने ज़ी न्यूज़ के प्रयासों की प्रशंसा की है। जिसकी वजह से सबूतों को बल मिला।

कोर्ट ने कहा, “ज़ी न्यूज़ द्वारा जो ज़रूरी प्रयास किए गए खासतौर से ज़ी के मुख्य संपादक और उनके स्टॉफ प्रशंसा के पात्र हैं क्योंकि उनकी टीम ने अथक प्रयास कर सच्चाई को बाहर ले आए।” इस फैसले में ज़ी द्वारा दिखाए गए सबूतों का बड़ा योगदान है, इसे कोर्ट ने अपने फैसले में स्वीकार किया है।

मीडिया के कुछ खास वर्गों में अपने पहले से चलाए गए नैरेटिव के अनुसार विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित करने की कुछ ज़्यादा ही जल्दबाजी थी। द प्रिंट ने तो कोर्ट से पहले ही सभी को अपराधी घोषित करते हुए यह भी बता दिया कि उन्हें इतनी सजा मिली। यहाँ तक कि स्वघोषित फैक्ट चेकर AltNews ने भी उससे असहमत दूसरों पर अटैक करते हुए विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित कर अपना फैसला सुना दिया।

IAF के लापता AN-32 विमान का मलबा मिला, 13 लोग थे सवार

असम के जोरहाट हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले AN-32 के टुकड़े मिले हैं। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार विमान के कुछ हिस्सों का टुकड़ा जहाँ मिला है वह अरुणाचल प्रदेश में विमान के उड़ान भरने वाली जगह से 15-20 किलोमीटर उत्तर में है। भारतीय वायु सेना (IAF) का हेलिकॉप्टर दल इस मिशन में शामिल था। AN-32 विमान 3 जून से लापता था, जिसमें चालक दल समेत 13 लोग सवार थे।

वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिस इलाके में खोज की जा रही थी वहाँ IAF के Mi-17 हेलीकॉप्टर द्वारा अनुमानित AN-32 के मलबे को आज 16 किलोमीटर उत्तर में लगभग 12000 फीट की ऊँचाई पर देखा गया। वायुसेना के रिटायर्ड एयर मार्शल पी एस अहलूवालिया के अनुसार पहाड़ियों और जंगल से भरा इलाका होने के कारण विमान का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, इसी वजह से इसे ढूँढने में आठ दिनों का वक्त लग गया।

AN-32 ने असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरी थी और उसका गंतव्य अरुणाचल का मेनचुका था। जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के करीब 1 घंटे बाद विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया था जिसके बाद से विमान की तलाश जारी थी। भारतीय वायु सेना के AN-32 की तलाश के लिए चार एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, जिनमें से दो सेना के है, दो सुखोई-30 विमान, एक सी-130 मालवाहक विमान और सेना के एक मानव रहित विमान को खोज अभियान में लगाया था।

इसके अलावा बीते शनिवार (8 जून) को भारतीय वायुसेना ने लापता AN32 विमान के संबंध में जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपए के पुरस्कार की घोषणा भी की थी। एयर मार्शल आरडी माथुर, एओसी-इन-सी-पूर्वी वायु कमान ने विमान का सुराग देने वाले किसी भी व्‍यक्ति या दल को 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी।


विंग कमांडर अभिनंदन से अभी तक डरा हुआ है Pak, बना रहा WC2019 पर भ्रामक विज्ञापन

पाकिस्तानी टीवी चैनल ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान का मज़ाक बनाया है। वर्ल्ड कप 2019 को लेकर बनाए गए वीडियो में यह घटिया कृत्य किया गया है। बालाकोट स्थित आतंकी कैम्पों पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी जिसके बाद भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में WC अभिनन्दन ने सुपरसोनिक जेट फाइटर मिग-21 से पाकिस्तान के F-16 फाइटिंग फाल्कन को मार गिराया था। इसके लिए पूरे दुनियाभर में उनकी वाहवाही हुई थी। पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को अपने कब्ज़े में ले लिया था, जिसके बाद भारत ने उनकी बिना शर्त वापसी सुनिश्चित की।

पाकिस्तानी मीडिया द्वारा क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए तैयार किए गए विज्ञापन में अभिनन्दन के लुक्स और नाम को भुनाया जा रहा है। इस वीडियो में एक मॉडल बात करता दिख रहा है, जिसका लुक्स अभिनन्दन से मिलता-जुलता दिखाने की कोशिश की गई है। उसने भारतीय क्रिकेट टीम जैसी नीली जर्सी भी पहन रखी है। 16 जून को क्रिकेट विश्व कप में भारत-पाकिस्तान का बहुप्रतीक्षित मुकाबला होने जा रहा है। ऐसे में, पाकिस्तान द्वारा ऐसे विज्ञापन बनाए जा रहे हैं। बता दें कि आज तक पाकिस्तान किसी भी विश्व कप मैच में भारत से नहीं जीत पाया है।

वायरल वीडियो में विंग कमांडर अभिनंदन से मिलता-जुलता लुक्स वाला मॉडल ठीक उसी अंदाज़ में बात करता दिख रहा है, जिस तरह विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तानी सेना के सवालों का जवाब दिया था। इस वीडियो में जब उस मॉडल से पूछा जाता है कि भारत के ख़िलाफ़ मैच के दौरान भारत का प्लेयिंग 11 क्या होगा, तो वह मॉडल वही जवाब देता है, जो अभिनन्दन ने पाकिस्तानी सेना का सवालों के बदले दिया था। इस वीडियो में अभिनंदन से मिलते-जुलते लुक्स वाला मॉडल उपर्युक्त सवाल के जवाब में कहता है- “I am sorry, I am not supposed to tell you this” (मुझे माफ़ कीजिए। मैं आपको इसकी जानकारी नहीं दे सकता।)

इस वीडियो में उक्त मॉडल उसी अंदाज़ में चाय पीता हुआ नज़र आ रहा है, जैसे वायरल हुए वीडियो में अभिनन्दन पीते हुए नज़र आए थे। एक अंतर यह है कि असली वीडियो में अभिनन्दन वर्तमान निर्भीक, शांत और सधे हुए नज़र आ रहे थे जबकि उक्त वीडियो में यह मॉडल डरा हुआ और झल्लाया हुआ सा दिख रहा है।

इससे पहले पाकिस्तान के एक चाय के विज्ञापन में भी अभिनंदन का फेक वीडियो इस्तेमाल किया गया था। पाकिस्तान के कराची में टपाल चाय काफ़ी लोकप्रिय है। इस चाय के विज्ञापन में दिखा था कि एक महिला अपने घर की बालकनी में खड़े होकर दूरबीन से झाँक रही है। दूरबीन के दूसरी ओर उन्हें अभिनंदन टपाल चाय पीते दिख रहे हैं।

इस विज्ञापन के अंत में अभिनंदन चाय की चुस्की लेते हुए कहते हैं- ‘Tea is fantastic, Thank You.‘ वायरल हुए विडियो में जब मॉडल जाने लगता है तो बैकग्राउंड में उससे पूछा जाता है- “कप लेकर कहाँ जा रहे हो?” यहाँ वर्ल्ड कप के परिप्रेक्ष्य में बात की गई है। यह सब देखकर ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अभी तक विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य से डरा हुआ है। इसीलिए इस तरह का प्रचार बनाया जा रहा है ताकि पाकिस्तान के नागरिक इस मुगालते में रहें कि उनकी टीम कभी तो किसी वर्ल्ड कप में भारत से जीत जाएगी।

अनुराग कश्यप, अलीगढ़ में बच्ची के साथ हैवानियत हुई है, रेप तो छोटा शब्द है

वामपंथी अतिवाद के नए झंडाबरदार अनुराग कश्यप ने एक बार फिर प्रोपेगेंडा की कमान संभाल ली है और इस बार निशाने पर अलीगढ़ की मासूम बच्ची की जघन्य हत्या है।

अनुराग कश्यप अपने सेक्युलर कॉमरेड की ही तरह गलतबयानी में लग गए, अनुराग के हिसाब से बच्ची के साथ कुछ ज़्यादा बुरा नहीं हुआ है। उसकी हत्या हुई और अपराधी जेल में हैं; और क्या? यहाँ इतना हल्कापन इसलिए है कि इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड में आरोपित ज़ाहिद, असलम और मेंहदी हसन हैं। चूँकि, ‘डरा हुआ शांतिप्रिय’ नैरेटिव को ठेस न पहुँचे इसलिए पूरे मामले की गंभीरता को ही ख़ारिज करने का प्रयास अनुराग ने किया। यह वही अनुराग हैं जिनकी बेटी पर कुछ दिन पहले किसी सिरफिरे ने मात्र कमेंट कर दिया था। इतने भर से न केवल अनुराग अपनी बेटी की सुरक्षा के प्रति चिंतित हो गए बल्कि उनके लिए आपातकाल से लेकर न जाने कौन सा दौर आ गया।

अलीगढ़ में जहाँ बेहद अमानवीय तरीके से एक ढाई साल की बच्ची का क्रूरतम तरीके से हत्या कर दी गई और उसके बलात्कार तक की आशंका व्यक्त की जा रही है। चूँकि, बॉडी बुरी तरह से क्षत विक्षत हो चुकी थी इसलिए पोस्टमॉर्टम में बेशक पुष्टि न हुई हो लेकिन आगे की जाँच के लिए ‘वेजाइनल स्वैब भेजा जा चुका है। शरीर के बुरी से बुरी स्थिति में मिलने के कारण हो सकता है वहाँ भी पुष्टि न हो लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा पाक्सो लगाना इस दिशा में एक प्रयास तो है ही। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही उस नहीं सी जान की हत्या का पूरा डिटेल है। आगे पूछताछ जारी है, फिर भी जिस तरीके से उसके शव के साथ बर्ताव किया गया। क्या वह कम पैशाचिक है?

अलीगढ़ मामले में ही अनुराग जिनके अपराध को डाइल्यूट करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि आरोपित समुदाय विशेष से हैं, उन आरोपितों में से एक असलम तो आदतन अपराधी है। 2014 में उसने अपनी मासूम बेटी का ही रेप किया था और 2017 में भी एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ में उस पर मामला दर्ज है। बाकी अलीगढ़ में बच्ची के साथ ये दरिंदे कितनी बर्बरता से पेश आए इसका वर्णन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी है। फिर किस मुँह से अनुराग उस जघन्यता पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं?

वैसे यह नया नहीं है, इससे पहले भी तरुण तेजपाल मामले में वह तेजपाल को बचाने की कोशिश कर चुके हैं। वही तरुण तेजपाल जो अपनी ही एक जूनियर सहकर्मी के साथ छेड़छाड़ के मामले में आरोपित है। खैर, विरोध के नाम पर एन्टी मोदी नैरेटिव को आगे बढ़ाने वाले अनुराग पहले भी कई अन्य प्रकार के झूठ के प्रचार-प्रसार में संलग्न पाए गए हैं। विरोध जब नफ़रत का रूप ले लेती है तो ऐसी ही हरकतें सामने आती हैं जिनका न कोई सर होता है न पैर बस अपनी विरोध की जमीन को बचाए रखने के लिए किसी भी हद तक इनका पूरा गिरोह जा सकता है चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े बस हर हाल में नैरेटिव और प्रोपेगेंडा ज़िंदा रहे।