स्वघोषित फैक्ट चेकर साइट AltNews ने द इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया है। बता दें कि AltNews, IFCN जो एक वैश्विक नेटवर्क है मास मीडिया और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ के प्रसार को रोकने के लिए, द्वारा वेरीफाइड है। लेकिन, AltNews पिछले काफी समय से फैक्ट चेकिंग के नाम पर कई बार खुद ही फेक न्यूज़ फैलाता हुआ पकड़ा गया है।
साथ ही फैक्ट चेक के नाम पर भी AltNews की एक खास राजनीतिक पार्टी से घृणा और एक खास पार्टी और विचारधारा के प्रति पक्षधारिता किसी से छिपी नहीं है। फैक्ट चेक के नियमों के उल्लंघन में बेशक आज यह संस्था रडार पर हो लेकिन AltNews फैक्ट चेक के नाम पर जिस तरह की अजेंडाबाजी कर रहा है उसे निष्पक्षता नहीं कहा जा सकता। ‘निष्पक्षता’ फैक्ट चेकिंग के लिए अपने आप में एक सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय मानदंड है।
We have been informed of a potential violation of the IFCN code of principles by one of our verified signatories in India.
— IFCN (@factchecknet) June 7, 2019
Further evaluation will be followed by communication with the related organization. https://t.co/yYvcOsn2Z4
जिस प्रमुख शर्त का फैक्ट चेकर AltNews उल्लंघन कर रहा है उसमें है संस्था की ‘निष्पक्षता’ का क्लॉज अर्थात किसी भी राजनीतिक-वैचारिक संस्था से सम्बद्ध न होना। ऐसी ही विसंगतियों से IFCN को अवगत कराने के लिए 7 जून को एक ट्विटर यूजर @attomeybharti ने IFCN का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि AltNews के को-फॉउंडर प्रतीक सिन्हा निष्पक्षता के क्लॉज़ का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि प्रतीक सिन्हा के ट्विटर बायो में ही इस बात का उल्लेख है कि वह ‘जन संघर्ष मंच’ के सदस्य हैं। कहने को यह संस्था प्रतीक सिन्हा के पिता मुकुल सिन्हा द्वारा स्थापित एक ‘सिविल राइट संस्था’ है।
Hello @factchecknet @baybarsorsek @dpfunke, your code of principles says that the members of the applicant org should not be members of any advocacy group. So how did you certify AltNews as compliant when their CEO’s Twitter bio shows that they violate your code? pic.twitter.com/A9UFSWNOjB
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) June 7, 2019
वैसे, यहाँ यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है कि ‘जन संघर्ष मंच’ तमाम राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न है और उन्हें संचालित करती है। इस संस्था का सम्बन्ध वामपंथी राजनीतिक पार्टी ‘न्यू सोशलिस्ट मूवमेंट’ से है। साथ ही ‘जन संघर्ष मंच’ का भारत में सत्ता पक्ष अर्थात बीजेपी के अंधविरोध का खुला स्टैंड है। और ऐसे में ऐसी संस्था के सदस्य से निष्पक्षता की उम्मीद करना क्या अपने आप में बेहद हास्यास्पद नहीं है?
“Comrade” Mukul Sinha, cofounder of Jan Sangharsh Manch, was also founder of a political party. He received rich tributes from communist parties in India. His son is the CEO of AltNews and by his own admission, a member of Jan Sangharsh Manch. @baybarsorsek @factchecknet pic.twitter.com/cN4TvhUxQm
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) June 7, 2019
किसी भी राजनीतिक समूह से असम्बद्धता की IFCN की नीति के अनुसार फैक्ट चेकिंग नेटवर्क से सम्बंधित कोई भी संस्था और उसके सदस्य का सीधा सम्बन्ध किसी भी राजनीतिक पार्टी, राजनीतिक विचारधारा और ऐसी ही किसी पक्षधारिता या किसी खास विचारधारा की वकालत करने वाली संस्था से नहीं होना चाहिए। नियम यह भी है कि फैक्ट चेकिंग संस्था किसी भी चुनाव में किसी भी कैंडिडेट का सपोर्ट नहीं करेगी और न ही किसी अन्य संस्था, पार्टी का पक्ष लेगी जब तक कि उसका सम्बन्ध सीधे-सीधे किसी फैक्ट चेक से नहीं है।
साथ ही फैक्ट चेकिंग संस्था को अपने कर्मचारियों को भी ऐसी राजनीतिक सम्बद्धता से अलग रखना होगा। चूँकि, ‘जन संघर्ष मंच’ ऐसी ही एक राजनीतिक वामपंथी संस्था है। जिसकी एक राजनीतिक विचारधारा है। जिसका सदस्य होने का सीधे-सीधे उल्लेख प्रतीक सिन्हा के बायो में भी है। यह अपने आप में सबसे बड़ा प्रमाण है कि वह खुलेआम IFCN के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर, IFCN द्वारा जो पहला मूल रूप से ट्वीट किया गया था उसमें AltNews के नाम का सीधे-सीधे जिक्र नहीं था। केवल यह लिखा गया था भारत में उनके द्वारा वेरिफाइड ‘एक संस्था’ संदेह के घेरे में है। जिसकी जाँच की जा रही है। लेकिन, बाद में @attomeybharti ने इस मुद्दे को उनके ऑरिजिनल ट्वीट के साथ उठाया तो कन्फर्म हो गया कि बात AltNews की ही हो रही है।
यहाँ अभी यह देखना दिलचस्प होगा कि IFCN, AltNews के साथ बातचीत के बाद उस पर क्या एक्शन लेती है? गौरतलब है कि अभी IFCN इस मुद्दे को लेकर ‘स्वघोषित’ फैक्ट चेकर AltNews की जाँच कर रही है।
अपनी स्वीकारोक्ति के साथ बेशक AltNews की पक्षधारिता अब सामने आई हो लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट और AltNews लगातार जिस तरह का और जैसे फैक्ट चेक कर रहा है वह संदेह से परे नहीं रहा है। पिछले काफी समय से Altnews खुद भी फेक न्यूज़ फ़ैलाने का काम कर रहा है और कई बार ‘स्वघोषित’ फैक्ट चेकर फेक न्यूज़ फैलाते हुए पकड़ा गया है।
अभी हाल की ही बात है जब AltNews ने यह कहते हुए कि ‘अलीगढ़ में 3 साल की बच्ची का रेप नहीं हुआ, उसकी बाँह उखड़ी हुई नहीं थी’, जघन्य हत्या की गंभीरता को कम करने की कोशिश की क्योंकि यहाँ आरोपित समुदाय विशेष से है जो AltNews नैरेटिव को बढ़ावा नहीं दे रहा था। जबकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में था रेप ‘अभी तक’ कन्फर्म नहीं हुआ है। इस मामले में अभी आगे भी जाँच जारी है।
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि AltNews ने मात्र पुलिस के बयान के आधार पर खुद जज बनकर अपना फैसला सुना दिया जबकि AltNews के क्लेम के ठीक एक दिन बाद ही इस मामले में POCSO लगा दिया गया। जो अपने आप में इस तथ्य को सूचित करता है कि ‘सेक्सुअल असॉल्ट’ की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं गया है। AltNews अलीगढ़ मामले में ही फैक्ट चेक के नाम पर जिस तरह ‘पक्षधारिता’ पर उतर आया और एक तरह से ज़ाहिद और असलम के पापों को धोने की कोशिश की। उससे वह यहाँ सिर्फ एक फैक्ट चेकर न होकर कुछ और ही नज़र आता है। खैर, यहाँ एक लम्बी लिस्ट है कि किस तरह से ‘स्वघोषित’ फैक्टचेकर AltNews खुद लम्बे समय से फेक न्यूज़ फ़ैलाने में संलग्न रहा है।