Sunday, November 17, 2024
Home Blog Page 5231

AltNews ने किया अंतरराष्ट्रीय फैक्ट चेकिंग नेटवर्क के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन

स्वघोषित फैक्ट चेकर साइट AltNews ने द इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन किया है। बता दें कि AltNews, IFCN जो एक वैश्विक नेटवर्क है मास मीडिया और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ के प्रसार को रोकने के लिए, द्वारा वेरीफाइड है। लेकिन, AltNews पिछले काफी समय से फैक्ट चेकिंग के नाम पर कई बार खुद ही फेक न्यूज़ फैलाता हुआ पकड़ा गया है।

साथ ही फैक्ट चेक के नाम पर भी AltNews की एक खास राजनीतिक पार्टी से घृणा और एक खास पार्टी और विचारधारा के प्रति पक्षधारिता किसी से छिपी नहीं है। फैक्ट चेक के नियमों के उल्लंघन में बेशक आज यह संस्था रडार पर हो लेकिन AltNews फैक्ट चेक के नाम पर जिस तरह की अजेंडाबाजी कर रहा है उसे निष्पक्षता नहीं कहा जा सकता। ‘निष्पक्षता’ फैक्ट चेकिंग के लिए अपने आप में एक सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय मानदंड है।

जिस प्रमुख शर्त का फैक्ट चेकर AltNews उल्लंघन कर रहा है उसमें है संस्था की ‘निष्पक्षता’ का क्लॉज अर्थात किसी भी राजनीतिक-वैचारिक संस्था से सम्बद्ध न होना। ऐसी ही विसंगतियों से IFCN को अवगत कराने के लिए 7 जून को एक ट्विटर यूजर @attomeybharti ने IFCN का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि AltNews के को-फॉउंडर प्रतीक सिन्हा निष्पक्षता के क्लॉज़ का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि प्रतीक सिन्हा के ट्विटर बायो में ही इस बात का उल्लेख है कि वह ‘जन संघर्ष मंच’ के सदस्य हैं। कहने को यह संस्था प्रतीक सिन्हा के पिता मुकुल सिन्हा द्वारा स्थापित एक ‘सिविल राइट संस्था’ है।

वैसे, यहाँ यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है कि ‘जन संघर्ष मंच’ तमाम राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न है और उन्हें संचालित करती है। इस संस्था का सम्बन्ध वामपंथी राजनीतिक पार्टी ‘न्यू सोशलिस्ट मूवमेंट’ से है। साथ ही ‘जन संघर्ष मंच’ का भारत में सत्ता पक्ष अर्थात बीजेपी के अंधविरोध का खुला स्टैंड है। और ऐसे में ऐसी संस्था के सदस्य से निष्पक्षता की उम्मीद करना क्या अपने आप में बेहद हास्यास्पद नहीं है?

किसी भी राजनीतिक समूह से असम्बद्धता की IFCN की नीति के अनुसार फैक्ट चेकिंग नेटवर्क से सम्बंधित कोई भी संस्था और उसके सदस्य का सीधा सम्बन्ध किसी भी राजनीतिक पार्टी, राजनीतिक विचारधारा और ऐसी ही किसी पक्षधारिता या किसी खास विचारधारा की वकालत करने वाली संस्था से नहीं होना चाहिए। नियम यह भी है कि फैक्ट चेकिंग संस्था किसी भी चुनाव में किसी भी कैंडिडेट का सपोर्ट नहीं करेगी और न ही किसी अन्य संस्था, पार्टी का पक्ष लेगी जब तक कि उसका सम्बन्ध सीधे-सीधे किसी फैक्ट चेक से नहीं है।


Nonpartisanship clause of IFCN code

साथ ही फैक्ट चेकिंग संस्था को अपने कर्मचारियों को भी ऐसी राजनीतिक सम्बद्धता से अलग रखना होगा। चूँकि, ‘जन संघर्ष मंच’ ऐसी ही एक राजनीतिक वामपंथी संस्था है। जिसकी एक राजनीतिक विचारधारा है। जिसका सदस्य होने का सीधे-सीधे उल्लेख प्रतीक सिन्हा के बायो में भी है। यह अपने आप में सबसे बड़ा प्रमाण है कि वह खुलेआम IFCN के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।


Pratik Sinha’s Twitter bio

इस मुद्दे पर, IFCN द्वारा जो पहला मूल रूप से ट्वीट किया गया था उसमें AltNews के नाम का सीधे-सीधे जिक्र नहीं था। केवल यह लिखा गया था भारत में उनके द्वारा वेरिफाइड ‘एक संस्था’ संदेह के घेरे में है। जिसकी जाँच की जा रही है। लेकिन, बाद में @attomeybharti ने इस मुद्दे को उनके ऑरिजिनल ट्वीट के साथ उठाया तो कन्फर्म हो गया कि बात AltNews की ही हो रही है।

यहाँ अभी यह देखना दिलचस्प होगा कि IFCN, AltNews के साथ बातचीत के बाद उस पर क्या एक्शन लेती है? गौरतलब है कि अभी IFCN इस मुद्दे को लेकर ‘स्वघोषित’ फैक्ट चेकर AltNews की जाँच कर रही है।

अपनी स्वीकारोक्ति के साथ बेशक AltNews की पक्षधारिता अब सामने आई हो लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट और AltNews लगातार जिस तरह का और जैसे फैक्ट चेक कर रहा है वह संदेह से परे नहीं रहा है। पिछले काफी समय से Altnews खुद भी फेक न्यूज़ फ़ैलाने का काम कर रहा है और कई बार ‘स्वघोषित’ फैक्ट चेकर फेक न्यूज़ फैलाते हुए पकड़ा गया है।

अभी हाल की ही बात है जब AltNews ने यह कहते हुए कि ‘अलीगढ़ में 3 साल की बच्ची का रेप नहीं हुआ, उसकी बाँह उखड़ी हुई नहीं थी’, जघन्य हत्या की गंभीरता को कम करने की कोशिश की क्योंकि यहाँ आरोपित समुदाय विशेष से है जो AltNews नैरेटिव को बढ़ावा नहीं दे रहा था। जबकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में था रेप ‘अभी तक’ कन्फर्म नहीं हुआ है। इस मामले में अभी आगे भी जाँच जारी है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि AltNews ने मात्र पुलिस के बयान के आधार पर खुद जज बनकर अपना फैसला सुना दिया जबकि AltNews के क्लेम के ठीक एक दिन बाद ही इस मामले में POCSO लगा दिया गया। जो अपने आप में इस तथ्य को सूचित करता है कि ‘सेक्सुअल असॉल्ट’ की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं गया है। AltNews अलीगढ़ मामले में ही फैक्ट चेक के नाम पर जिस तरह ‘पक्षधारिता’ पर उतर आया और एक तरह से ज़ाहिद और असलम के पापों को धोने की कोशिश की। उससे वह यहाँ सिर्फ एक फैक्ट चेकर न होकर कुछ और ही नज़र आता है। खैर, यहाँ एक लम्बी लिस्ट है कि किस तरह से ‘स्वघोषित’ फैक्टचेकर AltNews खुद लम्बे समय से फेक न्यूज़ फ़ैलाने में संलग्न रहा है।

बच्ची के पिता ने देशवासियों को धन्यवाद देकर कहा- उम्मीद नहीं थी देश इस तरह उनके साथ खड़ा होगा

अलीगढ़ में करीब तीन साल की बच्ची की हत्या की झकझोर देने वाली वारदात में मृतक मासूम बच्ची के पिता बनवारी लाल ने सरकार से माँग की है कि दोषी को फाँसी की सजा दी जाए। इसके साथ ही वो इस पूरे प्रकरण में साथ देने के लिए देशवासियों को धन्यवाद देना नहीं भूले।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टप्पल में बच्ची के परिवार से मिलने के लिए डीएम भी पहुँचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। साथ ही बाल आयोग की टीम भी मौके पर पहुँची। इस दौरान जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को एक लाख रूपए का चेक दिया। पीड़ित परिवार को इससे पहले भी दो लाख रुपए का चेक दिया जा चुका है। बच्ची के पिता ने देश को धन्यवाद देते हुए कहा कि, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि देश इस तरह उनके साथ खड़ा होगा।

अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह के साथ आज अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि टप्पल क्षेत्र में पीडि़त परिवार से मिलने गाँव में उनके घर पहुँचे। डीएम के साथ ही एसएसपी भी करीब डेढ़ घंटा तक पीडि़त परिवार के साथ रहे। डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि यह घटना तो बेहद ही दुखद है। इस मामले में जिला तथा पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार ने जिनके ऊपर आरोप लगाया था, उन चारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

वहीं सबूत जुटा रही पुलिस को आरोपित जाहिद के घर एक फ्रिज मिला है वो भी एक दम साफ सुथरी हालत में। ऐसे में पुलिस सम्भावना जता रही है कि बच्ची की हत्या के बाद उसके शव को फ्रिज में रखा गया होगा। मौके पर फ्रिज को देख कर लग रहा है कि शव को फेंकने के बाद फ्रिज को साफ किया गया है। पुलिस सभी बिंदुओं को लेकर जाहिद की पत्नी और भाई मेहंदी हसन से पूछताछ कर रही है।

अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम बच्ची की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। इस बार पुलिस ने आरोपित को पत्नी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कुल चार लोगों को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों में साजिशकर्ता आरोपित की पत्नी, भाई और एक दोस्त शामिल हैं। इधर मामले को लेकर एसएसपी का बयान सामने आया है।

बच्ची का शव जाहिद की पत्नी सबुस्ता के दुपट्टे में लिपटा हुआ था

एसएसपी आकाश ने बताया कि मुख्य आरोपित जाहिद और उसकी पत्नी सबुस्ता, असलम और मेंहदी हसन निवासी ऊपरकोट थाना टप्पल, अलीगढ़ समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा जाँच में पाया गया है कि बच्ची का शव जाहिद की पत्नी के दुपट्टे में लिपटा हुआ था।

अलीगढ़ में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर जमकर विरोध और आक्रोश देखने को मिला है। हालाँकि, स्वयं को निष्पक्ष कहने वाली मीडिया का एक पहलू ऐसा भी है, जो इस प्रकरण में आरोपितों के नाम में मजहब तलाशकर उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करता नजर आ रहा है।

सरेआम जूनियर इंजीनियर से लगवाई उठक-बैठक: BJD विधायक की दबंगई, वीडियो वायरल

ओडिशा में सत्तारुढ़ दल बीजू जनता दल (बीजेडी) के नवनिर्वाचित विधायक सरोज कुमार मेहर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र पटनागढ़ में पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर से सबके सामने उठक-बैठक लगवाई। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, विधायक अपने क्षेत्र में सड़कों की खराब गुणवत्ता को लेकर नाराज थे, जिसकी वजह से उन्होंने सरकारी कर्मचारी को सभी के सामने उठक-बैठक लगाने की सजा दी। वीडियो में बीजेडी विधायक पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर को उठक-बैठक करवाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, जूनियर इंजीनियर ने शुक्रवार (जून 7, 2019) को कहा कि सरोज कुमार मेहर ने सबके सामने एक कार्यकारी इंजीनियर को थप्पड़ मारने के लिए भी कहा था।

इस घटना के बाद, इंजीनियर की पत्नी ने सार्वजनिक रूप से अपने पति को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मेहर के खिलाफ पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई और मेहर की तत्काल गिरफ्तारी की माँग की। वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद बीजेडी विधायक की कड़ी निंदा हो रही है। विपक्ष ने इस घटना को लेकर बीजेडी पर निशाना साधा है। विपक्षी नेताओं ने इस मामले में बीजेडी विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

पटनागढ़ के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सुरेश नायक ने पीटीआई को बताया कि उचित वेरीफिकेशन के बाद पटनागढ़ पुलिस स्टेशन में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि ये मामला आईपीसी और एससी, एसटी एट्रोसिटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।

मेहर ने मामले को बढ़ता देख अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मुझे इस घटना के लिए खेद है, लेकिन मुझे जन आक्रोश के मद्देनजर इंजीनियर को उठक-बैठक करने के लिए कहने को मजबूर होना पड़ा। लोग सड़क निर्माण की गुणवत्ता खराब होने को लेकर नाराज थे। अगर मैंने उन्हें उठक-बैठक लगाने के लिए नहीं कहा होता, तो वो लोग इंजीनियर को नुकसान पहुँचा सकते थे।” उनका कहना है कि स्थिति उनकी नियंत्रण में नहीं थी, क्योंकि गुस्साए लोग दोषी इंजीनियर के खिलाफ सजा की माँग कर रहे थे।

वहीं, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के इस मामले पर चुप रहने की वजह से भाजपा की ओडिशा यूनिट के सचिव लेखसरी सामंतसिंघर ने उन पर हमला बोला। वहीं, डीएम अरिंदम डाकुआ ने भी विधायक की आलोचना की और संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि इस मामले में पटनागढ़ के डिप्टी डीएम की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “मैंने इस घटना पर पटनागढ़ के डिप्टी डीएम से तथ्यात्मक रिपोर्ट माँगी है। रिपोर्ट के आधार पर ही कोई कार्रवाई की जाएगी।”

J&K बैंक को मिला पहला नॉन-कश्मीरी चेयरमैन, HQ में रेड; अमित शाह के दौरे से पहले मची अफरा-तफरी

मोदी 2.0 के आते ही और अमित शाह के गृह मंत्री बनने से सबसे ज्यादा भूचाल जम्मू कश्मीर में देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार की जड़ बन चुके जम्मू एंड कश्मीर बैंक के आला अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आज J&K बैंक के सर्वेसर्वा चेयरमैन और बोर्ड डायरेक्टर परवेज़ अहमद को पद से हटाकर आर के छिब्बर को नया चेयरमैन और बोर्ड डायरेक्टर नियुक्त कर दिया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने जम्मू एंड कश्मीर बैंक के चेयरमैन परवेज अहमद को हटा दिया है। यह जानकारी सरकार के अतिरिक्त वित्त सचिव ने दी है।

शनिवार (जून 08, 2019) को जम्मू-कश्मीर सरकार के अतिरिक्त वित्त सचिव विशाल शर्मा ने एक आदेश में कहा, “चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक परवेज अहमद के बैंक के निदेशक मंडल में निदेशक बने रहने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में अब वह निदेशक मंडल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नहीं हैं।”

इसी बीच परवेज़ अहमद को पद से हटाए जाने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने J&K बैंक के हेडक्वार्टर में छापेमारी भी की है।

J&K बैंक में आजादी के बाद पहले नॉन-कश्मीरी चेयरमैन होंगे छिब्बर

छिब्बर आजादी के बाद पहले नॉन-कश्मीरी चेयरमैन होंगे। मतलब साफ है कि J&K बैंक में फैले कश्मीरियों के वर्चस्व को तोड़ा जाना शुरू हो गया है। परवेज अहमद को पद से हटाए जाने के बाद आज स्टेट विजिलेंस की टीम ने J&K बैंक के श्रीनगर स्थित हेडक्वार्टर पर छापेमारी शुरू कर दी, जो फिलहाल बैंक के कागजात की छानबीन कर रही है। संभावना जताई जा रही हैं कि भ्रष्टाचार और भर्तियों में धाँधली के आरोप में पूर्व चेयरमैन परवेज़ अहमद को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

J&K बैंक का इतिहास और भ्रष्टाचार- धाँधली की दास्तान

J&K बैंक को 1938 में महाराजा हरि सिंह ने स्थापित किया था। आजादी के बाद ये स्टेट के कब्जे में आ गया। इसके बाद इसमें भर्तियों में धाँधली और पैसों के अवैध लेन-देन का अड्डा बन गया, जिसमें कश्मीर घाटी के लोगों का कब्जा रहा। पिछले साल इसके 80 साल का जश्न मनाया था। इस कार्यक्रम में J&K बैंक के संस्थापक महाराजा हरि सिंह का या उनकी तस्वीर तक का कोई जिक्र नहीं था। यहाँ तक कि ऑफिशियल वेबसाइट में भी महाराजा हरि सिंह या फिर उन अधिकारियों का, जिन्होंने इसको स्थापित किया, उनका भी कोई जिक्र नहीं मिलता है।

सार्वजनिक होने के बावजूद RTI के दायरे से है बाहर

J&K बैंक में सांस्थानिक दादागिरी ऐसी है कि पब्लिक बैंक होने के बावजूद भी इस बैंक को आरटीआई के दायरे में नहीं लाया गया। राज्य सरकार के तमाम कर्मचारियों की सैलरी इसी बैंक के जरिए आती है। इसके अलावा ये बैंक पब्लिक बैंक होने के नाते हमेशा सरकारी सहायता लेता रहा है। लेकिन बदले में ऑटोनोमी के नाम पर इसने हमेशा प्राइवेट बैंक की तरह रवैया बनाए रखा और सरकार के प्रति कभी उत्तरदायी नहीं रहा।

बैंक के अधिकारियों पर है हवाला के पैसों से आतंकवाद फ़ैलाने में मदद करने के आरोप

J&K बैंक में कर्मचारियों की भर्ती में हमेशा आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और पारदर्शिता न अपनाए जाने के आरोप लगते रहे, लेकिन कभी कोई कार्रवाई या जाँच नहीं हुई। इसके अलावा, बैंक के अधिकारियों पर हवाला के पैसों का हेर-फेर करने के भी आरोप लगते रहे हैं, जिनका उपयोग कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में किया जाता रहा है। लेकिन इसको लेकर भी कभी जाँच नहीं हुई।

2018 में क्लर्क की भर्ती में कश्मीरी अभ्यर्थियों को जम्मू क्षेत्र के अभ्यर्थियों के मुकाबले कम अंक आने के बावजूद भी प्राथमिकता दी गई। जब जम्मू के अभ्यर्थियों ने सवाल उठाये तो राज्य प्रशासन के दवाब में मामले को दबाने के लिए परीक्षा पास न करने वाले कश्मीरी अभ्यर्थियों को निकाले बिना जम्मू के अभ्यर्थियों को भी भर्ती कर लिया गया। ।

J&K बैंक KYC (Know Your Customer) के नियमों को फॉलो नहीं करता है। जिसके चलते रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक पर ₹3 करोड़ का फाइन भी लगाया था। इसके अलावा इस बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स, यानी NPA भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

300 कश्मीरी पंडित 30 साल बाद करेंगे माँ खीर भवानी की पूजा, सरकार उठाएगी खर्च

आतंकवाद की वजह से घाटी को छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों के लिए एक ख़ुशख़बरी है कि उन्हें फिर से अपनी मिट्टी से जुड़ने का मौक़ा मिला। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के पास खीर भवानी माँ के दर्शन के लिए 300 कश्मीरी पंडितों को न्योता दिया है। कुछ लोगों के लिए यह न्योता किसी सपने से कम नहीं है, तो वहीं कुछ लोगों के लिए यह घर वापसी जैसा है।

ख़बर के अनुसार, 7 लाख कश्मीरी पंडितों के लिए 19 जनवरी 1990 का दिन कभी न भूलने वाला दिन है। क़रीब 30 साल पहले कश्मीर से विस्थापित हुई दीपिका भान का कहना है कि भले ही यह उनके लिए घर वापसी का कारण न हो, लेकिन उम्मीद की किरण तो जगी है। उन्होंने कहा कि माँ भवानी का दर्शन करना बेहद ख़ुशी का पल है। इस आध्यात्मिक यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कश्मीर की युवा पीढ़ी ने कश्मीरी पंडितों की परम्पराओं को नहीं देखा, क्योंकि उन्हें कभी साथ रहने का मौक़ा मिला। दीपिका ने इस बात पर संशय ज़ाहिर किया कि पता नहीं लोग उनके साथ कैसा व्यवहार करेंगे।

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर भवन से जत्था 10 जून को होने वाले माता खीर भवानी के ज्येष्ठ अष्टमी पूजन के लिए रवाना होगा। आने वाले सभी यात्रियों का ख़र्च और उनकी सुरक्षा का पूरा ज़िम्मा राज्यपाल उठाएँगे। लगभग एक हफ़्ते की यात्रा में यह सभी यात्रीगण राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ख़ास मेहमान होंगे। सुरक्षा की बात की जाए तो छ: वॉल्वो बसों में यात्रियों की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। राज्य सरकार को यात्रियों की सूची पहले ही सौंपी जा चुकी है। इस यात्रा में सभी मेहमानों की खीर भवानी के अलावा हरि पर्वत श्रीनगर, शंकराचार्य मंदिर होते हुए 13 जून को दिल्ली वापसी होगी।

सड़क पर नहीं पढ़ने दी नमाज तो नाराज नमाजियों ने जमकर काटा बवाल, कहा- देखते हैं कौन मारता है गोली

उत्तर प्रदेश के बरेली में चौकी चौराहे पर सड़क बंद कर नमाज पढ़ने से मना करने पर नमाजी नाराज हो गए। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि सड़क का रास्ता छोड़कर नमाज पढ़ी जाये, लेकिन शायद नमाजियों को प्रशासन की ये बात पसंद नहीं आई। इसी के चलते चौकी चौराहा मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर इस शुक्रवार भी विवाद हो गया और तीन घंटे खींचतान चलती रही।

पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी पहले ही तय कर चुके थे कि सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी, इसके बावजूद भी व्यवस्थाओं को तोड़ने की कोशिश की गई। जब नाराज नमाजियों का गुस्सा बढ़ने लगा तो अफसरों ने भी कई थानों से पुलिस फोर्स को बुला लिया। बाद में महज 2 चटाई डालकर कुछ लोगों ने मस्जिद के बाहर बैठकर नमाज पढ़ी। हालाँकि, इस दौरान यातायात पर फर्क नहीं पड़ा।

हंगामा करते हुये वे आला हजरत दरगाह पहुँचे, इसके बाद कोतवाली का घेराव कर हंगामा किया। इंस्पेक्टर को चेतावनी दी कि बीच सड़क पर नमाज पढ़ेंगे, देखें कौन रोकता है। इसको लेकर चौकी चौराहे पर पुलिस अधिकारियों व नमाजियों के बीच नोकझोंक हुई। कोतवाली में हंगामा करने वाले 200 से ज्यादा लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है।

यातायात बाधित होने कारण हुई थी शिकायत

चौकी चौराहा स्थित मस्जिद के सामने सड़क पर नमाज पढऩे को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी। यातायात बाधित होने की जानकारी देते हुए आला अफसरों तक शिकायत की। जिसके बाद पिछले शुक्रवार को पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों ने वहाँ पहुँचकर सड़क घेरने से मना किया।

तब भी तनातनी हुई, हालाँकि बाद में बातचीत के बाद अफसरों ने कहा कि पहले मस्जिद के अंदर पूरी जगह भर जाए, इसके बाद आगे की बात की जाएगी। दूसरी मस्जिदों में भी लोग जा सकते हैं। प्रशासन द्वारा एक लाइन भी खींच दी गई, जिससे आगे सड़क बाधित न की जाए।

पिछले शुक्रवार को हुई यह सारी मेहनत एक बार फिर बेकार होती नजर आई। इसका एहसास अफसरों को भी था, इसलिए वे भी सुबह होते ही चौकी चौराहा स्थित पुलिस चौकी में जाकर बैठ गए। सीओ, इंस्पेक्टर ने मस्जिद के इमाम व मुतवल्ली को बुलाकर कह दिया कि सड़क पर चटाई न बिछाएँ।

चटाइयाँ बिछाते गए, पुलिस हटाती गई

नमाजियों ने दोपहर डेढ़ बजे नमाज के लिए मस्जिद के बाहर सड़क पर चटाइयाँ बिछाना शुरू किया लेकिन पुलिस ने उन्हें तुरंत हटवा दिया। जानकारी पर आला हजरत दरगाह से कुछ लोग बातचीत को भेजे गए। वहाँ मौजूद लोगों का कहना था कि वे काफी समय से ऐसे ही नमाज पढ़ते आ रहे हैं और पुलिस बेवजह बात बढ़ा रही। दूसरी ओर पुलिस अफसरों ने दो टूक कह दिया कि किसी भी हाल में सड़क पर नमाज नहीं पढऩे दी जाएगी।

इस पर दोनों पक्षों में बहस बढ़ती गई। आला हजरत दरगाह से कुछ लोग कोतवाली इंस्पेक्टर पंकज वर्मा के पास पहुँचे, उनसे बात की मगर उन्हें साफ मना कर दिया कि सड़क नहीं घेरने देंगे और रास्ता बंद नहीं होगा। विवाद बढऩे पर कई थानों से पुलिस फोर्स बुलवा ली गई। जानकारी मिलने पर एसपी सिटी अभिनंदन सिंह चौकी चौराहे पर पहुँच गए।

पुलिस ने पूछा, जब पहले ही तय हो चुका था तो विवाद की स्थिति क्यों पैदा की गई?

विवाद बढ़ने पर सभी गुस्साए नमाजियों को चौकी चौराहा पुलिस चौकी में बैठाया गया और नासिर कुरैशी, नदीम खां, शाहिद नूरी, डा. नफीस आदि से बातचीत शुरू हुई। एसपी सिटी का कहना था कि जब पहले ही तय हो चुका था कि सड़क पर बैठकर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी तो फिर विवाद की स्थिति क्यों पैदा की गई?

एसपी सिटी का कहना था नमाज अंदर मस्जिद में बैठकर पढ़ें, पुलिस को कोई आपत्ति नहीं है। बातचीत के दौरान एक बार फिर तय हुआ कि बाहर महज 2 चटाई ही पड़ेंगी और रास्ते पर बैठकर नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी, रास्ता बंद नहीं होगा। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे नमाज पढ़ी गई।

एसपी सिटी ने बयान दिया, “मस्जिद के बाहर महज दो चटाई पड़ेंगी। यह बात इमाम व मुतवल्ली को बता दी गई है। इस पर उन्होंने सहमति भी जता दी है। अगर किसी ने लॉ एंड आर्डर बिगाड़ा तो कार्रवाई की जाएगी।”

सड़क पर नमाज पढ़ने से हो गई थी ट्रैफिक अव्यवस्था

दरअसल, ईद से पहले जुमा अलविदा के दिन भी चौकी चौराहे की मस्जिद पर नमाज को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। नमाजियों की भीड़ ज्यादा होने के कारण चौकी चौराहे से सर्किट हाउस को जाने वाली सड़क जाम हो गई। दोनों तरफ का ट्रैफिक रुकने की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हुई थी जिस पर एडीएम सिटी, सीओ सहित तमाम पुलिस फोर्स ने मौके पर जाकर ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ने और कोई हादसा न हो इसको लेकर मस्जिद के जिम्मेदारों को समझाया था। प्रशासन ने नमाजियों को मस्जिद के अंदर नमाज अदा करने की हिदायत दी। शुक्रवार (जून 07, 2019) को दोपहर एक बजे चौकी चौराहे स्थित रहमानिया मस्जिद वालों ने नमाजियों के लिए बाहर टेंट लगा दिए थे। ऐसे में अफसरों ने नमाज शुरू से होने से 20 मिनट पहले टेंट हटाने के निर्देश दिए।

सूचना मिलने पर सीओ प्रथम कुलदीप कुमार, सीओ प्रीतम पाल सिंह और इंस्पेक्टर कोतवाली पहुँच गए। उन्होंने नमाजियों को समझाया कि मस्जिद के अंदर और बाहर नमाज पढ़ो लेकिन सड़क मत घेरो। ट्रैफिक चलता रहना चाहिए। इस पर नमाजी भड़क गये और उन्होंने नमाज पढ़ने से मना कर दिया। बाद में आला हजरत दरगाह पहुँचे। इसके बाद काफी संख्या में लोग कोतवाली इकठ्ठे हुए। वहाँ उन्होंने जमकर हंगामा उठाते हुए इंस्पेक्टर कोतवाली से नोकझोंक की। गुस्साए नमाजियों ने कहा कि बीच सड़क पर नमाज पढ़ेंगे देखें कि कौन गोली मारता है। इसके बाद भीड़ की शक्ल में लोग चौकी चौराहे पहुँचे।

नरेंद्र मोदी को मालदीव का सर्वोच्च पुरस्कार, करेंगे ‘मजलिस’ को संबोधित

प्रधानमंत्री को मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से नवाज़ा जाएगा। यह सम्मान मालदीव में किसी विदेशी महानुभाव को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने यह घोषणा की कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आर्डर ऑफ़ दी रूल ऑफ़ इज़्ज़ुद्दीन से सम्मानित किया जाएगा।

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी को यह सम्मान दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ करने के लिए दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने जिस प्रकार मालदीव की सहायता की उसके लिए मालदीव आभार प्रकट करता है।

प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी श्री लंका और मालदीव की यात्रा पर हैं। यह उनके दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा है। मोदी विगत आठ वर्षों में मालदीव की आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस द्विपक्षीय यात्रा का उद्देश्य मालदीव के साथ भारत की सामरिक साझेदारी स्थापित करना है। इससे चीन के प्रभुत्व को कम करने में मदद मिलेगी। मालदीव यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी वहाँ की पार्लियामेंट ‘मजलिस’ को भी संबोधित करेंगे। ऐसा करने वाले वह विश्व के दूसरे शासनाध्यक्ष होंगे। पिछले महीने ही मालदीव की पार्लियामेंट ने यह प्रस्ताव पारित किया था।

इससे पहले नरेंद्र मोदी भूटान, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, मॉरीशस, श्री लंका, मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन, और युगांडा की पार्लियामेंट को संबोधित कर चुके हैं। उन्हें रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अफ़ग़ानिस्तान और सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुका है। उन्हें 2018 में सिओल पुरस्कार भी मिल चुका है।

अलीगढ़ मर्डर केस में तीसरा आरोपित मेंहदी हसन भी गिरफ्तार, वकील नहीं लड़ेंगे केस

अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम बच्ची सोनम (बदला हुआ नाम) की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने शनिवार (जून 8, 2019) को तीसरे आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने जिसे पकड़ा है, वह आरोपित जाहिद का भाई मेंहदी हसन है। आरोपित से हत्या के मामले में पूछताछ की जा रही है। जिस दिन बच्ची का शव मिला था, उसी दिन मेंहदी हसन को भीड़ ने पकड़ा था लेकिन वह फरार होने में कामयाब हो गया था। मेंहदी से पहले इस मामले में जाहिद और असलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। आरोपियों ने बताया कि महज ₹10 हजार के लिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। बच्ची के पिता ने आरोपित से ₹50 हजार उधार लिए थे, जिसमें से ₹10 हजार वो वापस नहीं कर पा रहे थे। इस बात को लेकर बच्ची के पिता और आरोपियों के बीच कहा-सुनी हुई और फिर आरोपियों ने बदला लेने के लिए ढाई साल की मासूम सी बच्ची की निर्ममता से हत्या कर दी।

वहीं, बच्ची का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल हदला देने वाली है। पोस्टमार्टम में सामने आया है कि बुरी तरह से पिटाई के कारण उसकी छाती के बाएँ हिस्से में चोट थी। उसकी सारी पसलियाँ टूटी हुई थीं। बाएँ पैर में फ्रैक्चर, सर में गंभीर चोट, एक हाथ शरीर से कटा हुआ था। इसके अलावा बच्ची के दोनों आँखों के टिशू बुरी तरह से खराब हो चुके थे। मासूम को इस कदर मारा गया था कि उसका नोजल ब्रिज (नाक और माथे को जोडने वाली हड्डी) टूट गई थी। उसके शरीर में कीड़े पड़े हुए थे, जिसके कारण मासूम की हड्डी भी एक्सपोज़ हो रही थी।

इस केस में ताज़ा समाचार मिला है कि अलीगढ़ बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि वो आरोपितों का केस नहीं लड़ेंगे। बार एसोसिएशन की माँग है कि आरोपितों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले।

पहाड़ों में ड्रोन का कमाल, 100 Km/h की रफ्तार से पहुँचाया ब्लड सैंपल

एक मानव रहित विमान (ड्रोन) ने एक इतिहास रच दिया है। ड्रोन के माध्यम से शुक्रवार (7 जून) को टिहरी ज़िले के एक दुर्गम स्थान से 30 किलोमीटर दूर ख़ून के नमूने सफलतापूर्वक पहुँचाए गए। यह प्रयोग एक अनूठे प्रयोग के रूप में हमेशा यादगार रहेगा। इसकी सफलता से ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों में क्रांति आ सकती है। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, ड्रोन ने नंदगाँव और टिहरी के बीच लगभग 18 मिनट में 30 किमी की दूरी तय की। इसका मतलब है कि ड्रोन लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा करने में सक्षम था।

टिहरी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, “यह एक सफल परीक्षण था। अस्पताल 30 किमी दूर था, लेकिन ब्लड 18 मिनट के भीतर पहुँचाया गया। यह दूरदराज़ के क्षेत्रों में रोगियों के लिए मददगार साबित होगा।” उन्होंने बताया कि यह प्रयोग सुदूर क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को अनुकूल बनाने के तरीकों की खोज के लिए किया गया था।

ख़बर के अनुसार, सड़क मार्ग से इन ब्लड सैंपल को अस्पताल तक पहुँचाने में जितना समय लगता उससे बहुत कम समय में ड्रोन ने यह कमाल कर दिखाया। ज़िला अस्पताल के चीफ़ मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. एस एस पंगती ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि यह प्रयोग डिहरी गढ़वाल में चल रहे टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्ट का एक हिस्सा था। उन्होंने कहा, “ड्रोन ने नंदगाँव पीएचसी से बुराड़ी हॉस्पिटल तक की 36 किलोमीटर की दूरी महज 18 मिनट में पूरी की, जबकि सड़क के जरिए यहाँ तक पहुँचने में 70 से 100 मिनट तक लगते हैं। ड्रोन में ब्लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी ताकि सैंपल ख़राब न हो जाएँ।”


यह प्रयोग टेलि-मेडिसिन प्रोजेक्‍ट का एक हिस्‍सा था (तस्वीर सौजन्य: ANI)

ड्रोन में ब्‍लड सैंपल के अलावा एक कूलिंग किट भी थी (तस्वीर सौजन्य: ANI)

जानकारी के अनुसार, इस ड्रोन को सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की एक फ़र्म ने बनाया था और इसके मालिक निखिल उपाधे हैं जो आईआईटी कानपुर के छात्र रह चुके हैं। उपाधे के अनुसार, “हमने जो ड्रोन बनाए हैं उनमें कूलिंग किट के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं और ब्लड यूनिट को ट्रांसपोर्ट करने की क्षमता है।” उन्होंने बताया कि एक ड्रोन को बनाने में क़रीब 10 लाख रुपए का ख़र्च आने का अनुमान है। साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि आने वाले कुछ हफ़्तों में आपातकालीन दवाओं को इसी तरह भेज कर ट्रायल रन किया जाएगा।

मुहम्मद सलीम पर आठ साल की बच्ची से बलात्कार का आरोप, बच्ची अस्पताल में भर्ती

बाराबंकी के टिकैतनगर में मुहम्मद सलीम नामक व्यक्ति पर आठ साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों के हवाले से 40 साल का बताया जा रहा आरोपित पीड़ित बच्ची समेत गाँव के बच्चों को बाग़ घुमाने ले गया था। वहाँ से उसने अन्य बच्चों को घर वापिस पहुँचा दिया, और पीड़िता को अपने साथ ले जाकर बलात्कार किया।

बच्चों ने बताया, अपने साथ ले गया है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब सलीम बच्ची को अन्य बच्चों के साथ अपनी गाड़ी में बाग घुमाने ले जा रहा था तो बच्ची की माँ ने विरोध भी किया था। इस पर सलीम ने वादा किया कि आधे घंटे में बच्चों को वापिस ले आएगा। बाकी बच्चे तो वापिस आ गए लेकिन पीड़िता वापिस नहीं आई। जब उसके पिता ने बाकी बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि पीड़िता बच्ची को तो सलीम अपने साथ ले गया है।

लहूलुहान बच्ची पहुँची घर, अस्पताल में भर्ती

रात आठ बजे के आस-पास लहूलुहान बच्ची घर पहुँची और अपनी माँ को बताया कि सलीम ने उसके साथ बलात्कार किया है। बच्ची के पिता ने थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। तहरीर पर कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष दुर्गेश मिश्र ने सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बच्ची को भी जिला अस्पताल में भर्ती और उसका मेडिकल कराया गया है। पहले बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था जहाँ महिला चिकित्सक नहीं मिली