Saturday, November 16, 2024

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राहुल गाँधी के नित्य उड़ते ‘राफ़ेल’ और देश की धूमिल होती छवि

स्पष्ट है कि राहुल गाँधी को देश की सामरिक ताक़त बढ़ने से कोई मतलब नहीं है। वो केवल ढेला फेंक कर भागने वाली टुच्ची राजनीति करने में मशगूल हैं। और इस कृत्य में उन्होंने एन राम जैसे खलिहर पत्रकारों को भी मिला लिया है।

दलाल, हरामज़ादा, पूतना, दरिंदा, चोर, भड़वा आदि आराम से क्यों बोलने लगे हैं हमारे नेता?

एक ख़बर आई कि गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी को 'पूतना' और 'किम जोंग उन' कहा है। भाजपा समर्थकों और ममता विरोधियों को ऐसे बयान सुनकर बहुत आनंद मिलने लगता है, लेकिन ऐसे बयानों को बढ़ावा देने से बचना चाहिए।

ट्रेन पर मिथिला पेंटिंग देख चमत्कृत हुए जापान और कनाडा, कहा ‘हमें भी चाहिए’

जापान और कनाडा भारतीय ट्रेनों पर मिथिला पेंटिंग की झलकियाँ देख कर इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने अपने ट्रेनों पर भी इसे उकेरने का निर्णय लिया है। जल्द ही भारत से मिथिला कलाकारों की टीम उन देशों में जाएगी।

‘हिट जॉब विशेषज्ञ’ एन राम के अर्ध-सत्य को राहुल ने खींचना चाहा, सरकार ने उठाकर पटक दिया

द हिन्दू में एन राम ने आज सुबह एक लेख लिखा जिसमें 2015 में रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार का लिखा एक आधा अधूरा पत्र प्रकाशित किया और मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय रक्षा मंत्रालय के काम में अड़ंगा डाल रहा था।

‘हलाला’ और ‘हलाल’ में अधिक अंतर नहीं, क्योंकि तिल-तिल मरते जीवन का कोई अर्थ नहीं

प्रतीत होता है कि ऐसी विषम स्थितियों का सामना कर रही मुस्लिम सम्प्रदाय की महिलाएँ इन कुरीतियों को मानने के लिए लिए जैसे दिमागी तौर पर पहले से ही तैयार रहती हों। लगता है कि विरोध करने की ताक़त तो जैसे उनमें कभी पनपी ही न हो।

अगर मोदी लोकतंत्र को बर्बाद कर रहा है, तो हमें बर्बाद लोकतंत्र ही चाहिए

दामाद जी को प्रवर्तन निदेशालय के दफ़्तर में हाज़िरी लगानी पड़ रही है। चिटफंड घोटालों की आँच ममता तक जा पहुँची है। फ़र्जी कंपनियों की पोल खुल रही है। इसीलिए, लोकतंत्र ख़तरे में है।

हज़रात, हज़रात, हज़रात… जब मोदी ने इतने बम मारे कि विपक्षी बेंच हुआ धुआँ-धुआँ

हम लाए हैं आपके लिए मोदी के भाषण के वो बिंदु जब मोदी ने विपक्ष में बैठे सांसदों के इलाक़े को, सरदार खान के शब्दों में, 'धुआँ-धुआँ' कर दिया।

लोकसभा में मोदी ने दी विपक्ष को पटखनी; गिनाते रहे उपलब्धियाँ, सुनते रहे सब

मोदी की आलोचना कीजिए, सरकार की नीतियों की आलोचना कीजिए, लेकिन आलोचना करते-करते देश की की बुराई की जाने लगती है।

The Quint के ‘आदर्श पत्नी’ वाले लेख के बाद महागठबंधन नेताओं ने वाड्रा को भेजे विवाह प्रस्ताव

अगर प्रियंका अपने पति को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ़्तर छोड़ मोदी को टक्कर दे सकती है, तो राबड़ी ने तो लालू को जेल तक छोड़ा था।

हिन्दुओं की मौत में अख़लाक़ वाला सोफ़िस्टिकेशन नहीं है

क्या मार दिए गए किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए न्याय नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उसका नाम अख़लाक़ नहीं बल्कि रामलिंगम है?

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