स्पष्ट है कि राहुल गाँधी को देश की सामरिक ताक़त बढ़ने से कोई मतलब नहीं है। वो केवल ढेला फेंक कर भागने वाली टुच्ची राजनीति करने में मशगूल हैं। और इस कृत्य में उन्होंने एन राम जैसे खलिहर पत्रकारों को भी मिला लिया है।
एक ख़बर आई कि गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी को 'पूतना' और 'किम जोंग उन' कहा है। भाजपा समर्थकों और ममता विरोधियों को ऐसे बयान सुनकर बहुत आनंद मिलने लगता है, लेकिन ऐसे बयानों को बढ़ावा देने से बचना चाहिए।
जापान और कनाडा भारतीय ट्रेनों पर मिथिला पेंटिंग की झलकियाँ देख कर इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने अपने ट्रेनों पर भी इसे उकेरने का निर्णय लिया है। जल्द ही भारत से मिथिला कलाकारों की टीम उन देशों में जाएगी।
द हिन्दू में एन राम ने आज सुबह एक लेख लिखा जिसमें 2015 में रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार का लिखा एक आधा अधूरा पत्र प्रकाशित किया और मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय रक्षा मंत्रालय के काम में अड़ंगा डाल रहा था।
प्रतीत होता है कि ऐसी विषम स्थितियों का सामना कर रही मुस्लिम सम्प्रदाय की महिलाएँ इन कुरीतियों को मानने के लिए लिए जैसे दिमागी तौर पर पहले से ही तैयार रहती हों। लगता है कि विरोध करने की ताक़त तो जैसे उनमें कभी पनपी ही न हो।
दामाद जी को प्रवर्तन निदेशालय के दफ़्तर में हाज़िरी लगानी पड़ रही है। चिटफंड घोटालों की आँच ममता तक जा पहुँची है। फ़र्जी कंपनियों की पोल खुल रही है। इसीलिए, लोकतंत्र ख़तरे में है।