Saturday, October 19, 2024

बड़ी ख़बर

रॉबर्ट वाड्रा को ‘सत्य की जीत’ की याद आई, ईडी लगातार कर रही है पूछताछ

ईडी ने पिछले साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में वाड्रा को तीसरी बार समन जारी किया था, लेकिन उन्होंने उसकी अनदेखी की थी।

ब्रह्माण्ड में आदिकाल से अविरल बहती ‘सरस्वती’

जुलाई 2017 में पुणे स्थित इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स (IUCAA) के वैज्ञानिकों ने सरस्वती सुपर क्लस्टर की खोज की थी। यह सुपर क्लस्टर हमसे 4 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।

पाक अधिकृत कश्मीर में माँ सरस्वती का निवास, भारत की धरोहर है यह शारदा पीठ

कश्मीर के रहने वाले डॉ अयाज़ रसूल नाज़की 2007 में शारदा पीठ गए थे। डॉ नाज़की की माँ के पूर्वज हिन्दू थे इसलिए वे अपनी जड़ों को खोजने शारदा पीठ गए थे। गत 60 वर्षों में वे पहले और अंतिम भारतीय कश्मीरी थे जो शारदा पीठ गए थे।

हिन्दुओं की जिस परिक्रमा को अकबर ने करवा दिया था बंद, योगी सरकार ने करवाई विधिवत शुरुआत

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रयागराज पहुँचकर इन चारों पावन स्थानों के दर्शन मात्र से ही प्रयाग की परिक्रमा पूरी मानी जाती है।

कॉन्ग्रेस का खुल गया पोल, बीच बजरिया फट गया ढोल: राफ़ेल पर BJP ने दी 10 ‘पटकनी’

राहुल गाँधी हमेशा से ही नए-नए तरीक़ों का इस्तेमाल करके भाजपा के ख़िलाफ़ टीका-टिप्पणी करते नज़र आते हैं। फिर भले ही कॉन्ग्रेस का हर दावा झूठा ही क्यों न साबित हो जाए।

कॉन्ग्रेस में ‘G’ प्रथा को तोड़िए चिदंबरम जी, सबरीमाला-राम मंदिर आपसे न हो पाएगा

प्रथा वो है, जिसमें कॉन्ग्रेस पार्टी की विचारधारा लीन है। ‘परिवारवाद’ है प्रथा चिदंबरम जी... और अगर ये प्रथा नहीं है तो ‘राहुल गाँधी’ ही क्यों कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं... आप बन जाइए!

’10 साल तक PM मनमोहन सिंह की सरकारी फ़ाइलें सोनिया के यहाँ जाती थीं’ – किताब में खुलासा

कुलदीप नैयर के बेटे राजीव ने बताया कि किताब में वही बातें लिखी गई हैं जो मनमोहन सिंह ने ख़ुद उनके दिवंगत पिता से कही थीं। लेकिन अब किताब पढ़ने के बाद वो इस बात को नकार रहे हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट #4: वो 3 नई तकनीकें, जिससे गंगा अब हो रही निर्मल

प्रयागराज में कुल 46 ऐसे नाले थे, जिसका पानी सीधे गंगा में मिल रहा था। ऐसे में गंदे पानी को रोकने के लिए इंस्टिट्यूट रेन ट्रीटमेंट तकनीक के तहत 6 नाले, जियो ट्यूब तकनीक के माध्यम से 5 नाले जबकि 35 नालों को बायोरेमीडिएशन तकनीक से साफ़ किया जा रहा है।

रवीश जी, आर्टिकल ट्रान्सलेट करने के बाद भांडाफोड़ होने पर लेख क्यों नहीं लिखते?

अब यही एन राम, यही हिन्दू और यही रवीश कुमार हर दिन ऐसे कारनामे कर रहे हैं कि मुझे कोई कल को पूछे कि पत्रकारिता में क्या नहीं करना चाहिए तो इनके नाम बताने में झिझक नहीं होगी।

राहुल गाँधी के नित्य उड़ते ‘राफ़ेल’ और देश की धूमिल होती छवि

स्पष्ट है कि राहुल गाँधी को देश की सामरिक ताक़त बढ़ने से कोई मतलब नहीं है। वो केवल ढेला फेंक कर भागने वाली टुच्ची राजनीति करने में मशगूल हैं। और इस कृत्य में उन्होंने एन राम जैसे खलिहर पत्रकारों को भी मिला लिया है।

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