Friday, April 19, 2024

भारत की बात

माँ ज्वाला मंदिर में कटवाई गाय, वराह की मूर्ति तोड़ तालाब में फिंकवाया: शराबी जहाँगीर को बताया जाता है उदार

जहाँगीर द्वारा माँ ज्वालामुखी मंदिर में गाय काटने वाली बात छिपा ली जाती है। उसने भगवान वराह की मूर्ति खंड-खंड करवा तालाब में फिंकवा दी।

पहले खुदीराम बोस… दूसरे कौन? 20 की उम्र में मुस्कराते हुए फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी, जिन्होंने सुनवाई में वकील भी नहीं किया

क्रांतिकारी कन्हाईलाल दत्त को अलीपुर जेल में सत्येन्द्रनाथ बोस के साथ मिल कर गद्दार नरेन्द्र गोस्वामी को मौत के घाट उतारने के लिए जाना जाता है।

1947 ही नहीं, पहले भी कई बार हुआ था भारत का विभाजन: 9 देश, जो कभी हुआ करते थे ‘अखंड भारत’ का हिस्सा

क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के अलावा कई अन्य देश भी हैं जो कभी भारत का हिस्सा हुआ करते थे? भारतवर्ष कैसे टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया, देखिए।

स्वामी विवेकानंद ही नहीं, शिकागो में इन्होंने भी लहराई थी धर्म की ध्वजा: वो गाँधी, जिन्हें हम भूल गए…

आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें विश्व धर्म संसद में बड़े ध्यान से सुना गया था - स्वामी विवेकानंद के साथ। वो भी गाँधी ही थे, वीरचंद राघवजी गाँधी।

‘काफिर राज्य’ की हार के इंतजार में था हुमायूँ, नहीं की थी रानी कर्णावती की मदद: रक्षाबंधन की फर्जी कहानी और चित्तौड़ का वो...

मेवाड़ की महारानी कर्णावती ने मुग़ल शासक हुमायूँ को पत्र और राखी भेजी थी, जिसके बाद वो तुरंत उनकी मदद के लिए निकल पड़ा था। जानिए इस कहानी का सच।

पढ़ाया ‘कृषि विद्रोह’, था हिंदुओं का नरसंहार: 10000+ मौतें, मंदिरों में गोमांस, बापों के सामने धर्म बदल बेटियों का निकाह

जिसे 'कृषि विद्रोह' व 'स्वतंत्रता संग्राम' बताया गया, वो मोपला में हिन्दुओं का नरसंहार था। पढ़िए क्या हुआ था 1921 में केरल के मालाबार में।

‘काफिरों! तुम्हारा अंत अब ज्यादा दूर नहीं…’: जरा याद उन हिंदुओं को भी कर लो जिनका कत्लेआम डायरेक्ट एक्शन डे के नाम

डायरेक्ट एक्शन डे, एक अलग देश के लिए कम, हिन्दू नरसंहार के लिए आतुर मुस्लिम कट्टरपंथियों के मन में सुलग रही मजहबी इच्छा का दिन था।

नेहरू के बराबर एक IAS को बनाया गया PM, दादरा एवं नगर हवेली को आजादी के 14 साल बाद RSS की मदद से मिली...

क्या आपको पता है कि 'दादरा एवं नगर हवेली' को पुर्तगाल से स्वतंत्र कराने में RSS ने बड़ी भूमिका निभाई थी? कई स्वयंसेवक बलिदान हुए, तब सिलवासा में तिरंगा लहराया था।

‘मस्जिद के सामने जुलूस निकलेगा, बाजा भी बजेगा’: जानिए कैसे बाल गंगाधर तिलक ने मुस्लिम दंगाइयों को सिखाया था सबक

हिन्दू-मुस्लिम दंगे 19वीं शताब्दी के अंत तक महाराष्ट्र में एकदम आम हो गए थे। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इससे कैसे निपटे, आइए बताते हैं।

शिवाजी से सीखा, 60 साल तक मुगलों को हराते रहे: यमुना से नर्मदा, चंबल से टोंस तक औरंगज़ेब से आज़ादी दिलाने वाले बुंदेले की...

उनके बारे में कहते हैं, "यमुना से नर्मदा तक और चम्बल नदी से टोंस तक महाराजा छत्रसाल का राज्य है। उनसे लड़ने का हौसला अब किसी में नहीं बचा।"

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe