Monday, November 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

वो हिंदुस्तानी जो अभी भी नहीं हैं आजाद: PoJK के लोग देख रहे आशाभरी नजरों से भारत की ओर, हिंदू-सिखों का यहाँ हुआ था...

विभाजन की विभीषिका को भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता-प्राप्ति का मूल्य समझकर और स्वतन्त्रता का मूल्य चुकाकर ही हम अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित कर सकते हैं।

स्वतंत्रता के हुए 75 साल, फिर भी बाँटी जा रही मुफ्त की रेवड़ी: स्वावलंबन और स्वदेशी से ही आएगी आर्थिक आत्मनिर्भरता

जब हम यह मानते हैं कि सत्य की ही जय होती है तब ईमानदार सत्यवादी देशभक्त नेताओं और उनके समर्थकों को ईडी आदि से भयभीत नहीं होना चाहिए।

हिंदू-सिखों को मरते छोड़ भाग गए थे कॉन्ग्रेसी नेता, सैकड़ों RSS कार्यकर्ताओं के बलिदान से बची हजारों जिंदगी: इतिहास की इन किताबों से जानें...

भारत बँटवारे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने बहादुरी का परिचय देते हुए सैकड़ों हिंदू-सिख परिवारों की रक्षा की।

लालू-नीतीश से ऊब चुके बिहार में कौन होगा BJP का देवेंद्र फड़नवीस? कीचड़ में कमल खिलाने वाला चाहिए, लेकिन पार्टी के अधिकतर नेता अपने...

बिहार भाजपा के अधिकतर बड़े नेताओं का अपने जिले से बाहर कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में देवेंद्र फड़नवीस वाला कार्य कौन कर सकता है? तेजस्वी बनाम कौन?

कोउ नृप (सरकार) होउ बिहारी को ही हानी… नीतीश कुमार इधर रहें या जंगलराज की छाया में पसरें, बिहार पर बोझ बना रहेगा

बिहार सियासी तौर पर अभिशप्त है। फिर भी जंगलराज की छाया से दूर रहने का सुकून था। हालिया राजनीतिक हलचल उस सुकून पर हमले जैसा है।

पसमांदा से ही मुस्लिम ‘वोट बैंक’, मजहबी भीड़ भी इनसे ही: चाहिए दलितों का कोटा, पर वोट उनको जिधर मदरसे-मौलवी

कौन हैं पसमांदा मुस्लिम? 'सबका साथ-सबका विकास' के बाद क्यों चर्चा में पसमांदा प्लान? क्या 2024 के लिए ऐसे किसी प्रयोग की बीजेपी को सच में जरूरत है?

बालपन की कुछ सफेद कहानियाँ और काले कपड़ों वाली कॉन्ग्रेस…

कॉन्ग्रेस के कर्म ऐसे हैं कि काले कपड़ों में प्रदर्शन कर वह उन्हें ढक नहीं सकती। इसलिए संसद से सड़क तक जुमे पर उसने जो सियासी तमाशा किया, वह बेअसर साबित हुई।

1000 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव परिणाम तय करने वाला अल्पसंख्यक कैसे? संविधान में सभी समान, फिर विदेशी संप्रदाय के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय क्यों?

क्या उस समुदाय को अल्पसंख्यक कह सकते हैं जो भारत के लगभग लगभग 200 लोकसभा और 1000 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव परिणाम तय करता हो?

स्मृति ईरानी पर वार के लिए कॉन्ग्रेस ने अपनाए पुराने पैंतरे, बेटी को बनाया निशाना: चुनावी हताशा की लड़ाई लड़ रहे राहुल गाँधी के...

किसी महिला को नीचा दिखाने का सबसे आसान तरीका क्या है? खासतौर से तब जब उसने किसी विशेष व्यक्ति को उसके ही गढ़ में मात दी हो?

पंजाब से नहीं लिया ज्ञान, आपसी खींचतान से छत्तीसगढ़-कर्नाटक कॉन्ग्रेस हलकान: दिल्ली दरबार में पहुँचे CM बघेल, सिंहदेव भी पहुँचे बिगाड़ने खेल

छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन दोनों में राज्यों में कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं के बीच खींचतान शुरू हो गई है।

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