वायर की पूरी कश्मीर रिपोर्टिंग केवल और केवल झूठ और प्रोपेगंडा पर ही आधारित है। यही नहीं, इसका मकसद भी केवल भारत की बुराई नहीं, बल्कि 'हिन्दू फ़ासीवाद', 'डरा हुआ मुसलमान' के दुष्प्रचार से हिन्दुओं को बदनाम करने के साथ दबाए रखना, और 'इस्लाम खतरे में है' के हौव्वे को भड़काकर जिहाद को बढ़ावा देना है।
क्या लद्दाख के बौद्ध लोगों का डर नाजायज है कि जब कश्मीरी आतंकी वहाँ लहसुन-ए-हिन्द चिल्लाकर नारा-ए-अदरक लगाते आएँगे तो उन्हें वहाँ से भाग कर कहीं और नहीं जाना पड़ेगा?
लोकतंत्र की दुहाई देकर राहुल गॉंधी के लिए पहली कतार में सीट मॉंगने का कोई मौका जाया नहीं करने वाली कॉन्ग्रेस के निशाने पर अब लोकतांत्रिक मूल्य हैं। स्वतंत्रता दिवस के जश्न के मौके पर लाल किले से सोनिया-राहुल का गायब रहना और प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से नवाजे जाने के समारोह से उनकी दूरी बानगी भर।
महबूबा मुफ़्ती ने कहा था कि अगर अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ की गई तो J&K में कोई तिरंगे को कंधा देने वाला भी नहीं बचेगा। पिछले 3 साल में 700 आतंकियों को कन्धों की ज़रूरत पड़ चुकी है, वो भी चार-चार। समय बदल गया है। ब्लैकमेलिंग का ज़माना गया।
मीडिया के इस ख़ास वर्ग का दर्द यह है कि इतना बड़ा ऐतिहासिक फैसला बिना किसी हिंसा और संघर्ष के इतने शानदार होम वर्क के साथ आखिर कैसे सम्भव हो गया? बुद्धिपीड़ितों को तो अभी भी यह उम्मीद है कि काश कहीं तो कुछ खूनखराबा हो, ताकि सरकार के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा सके।
प्रियंका गाँधी कॉन्ग्रेस के शीर्ष परिवार से आती हैं, उनकी जगह अगर कोई भाजपा वार्ड सदस्य के साले के फूफे की बहन का भतीजा होता तो न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट में भी इस पर एकाध लेख लिखा जा चुका होता कि कैसे भारत की 'राइट विंग हिंदुत्व पार्टी' ने मीडिया की स्वतंत्रता पर ग्रहण लगा दिया है और देश में पत्रकारों को खतरा है।
पाकिस्तान की समस्या यह है कि उसका दम्भ भी भीख पर टिका हुआ है और अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने उसके कटोरे में सिक्के डालने से मना कर दिया है। अब पाकिस्तान उस कटोरे को बेच कर नान और टिमाटर का जुगाड़ कर सकता है, लेकिन भारत से युद्ध की सोचने पर भी, उसकी हालत यह होगी कि वहाँ की जनता भारत के बमों से नहीं, भूख से मर जाएगी।
इनकी मूर्खता आप देखिए कि खुद खाने के लाले पड़े हैं और चाहते हैं कि कश्मीर ले कर उन्हें भी अपने जैसा बना देंगे। यही तो खिलाफत है कि खलीफा के शासन में सारे लोग सिर्फ इसलिए खुश रहें कि अब तो हम इस्लामी खिलाफत में हैं और शरिया कानून है यहाँ। वो रुक कर ये तक नहीं सोचते कि ऐसे शासन में उनका जीवन स्तर क्या होगा?
राहुल ने बरसों पहले कहा था, "कॉन्ग्रेस एक परिवार है जिसमें तेजी से बदलाव की जरूरत है। सोच-समझकर, प्यार से और सबकी सुनकर बदलाव करना है।" इसलिए राहुल का उत्तराधिकारी चुनने के लिए कॉन्ग्रेसियों ने तेजी से बदलाव करते हुए उनकी मॉं को चुन लिया है।
पहले वर्ग के अनुसार यह वह भूमि है जहाँ मानव समाज की स्थापना हिंदू ऋषि कश्यप ने की। दूसरे वर्ग के अनुसार इस स्थान का नाम कैशमीर उचित है, क्योंकि यह 1947 के बाद से पाकिस्तान को विश्व भर से और भारत के वर्ग विशेष को पाकिस्तान से कैश उपलब्ध कराता रहा है।