गंभीर ने ट्वीट किया, “ऊपर वाला अब और करीब से देखेगा। मेरी माताओं, बहनों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए मैंने आज से अपने संसदीय क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का काम शुरू कर दिया है। वैसे मफलरवाले (केजरीवाल) सर जी मेरा एक कैमरा आपके झूठे वादों पर भी फोकस्ड है।”
राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने देश में लागू आपातकाल की सीमा बढ़ा दी है। यह शनिवार को समाप्त होने वाला था। इस कानून के अंतर्गत पुलिस और सुरक्षा बलों को हिरासत समेत इसके अंतर्गत व्यापक अधिकार मिले थे।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के भाटपारा इलाक़े में एक बार फिर हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसके बाद क्षेत्र में भाजपा का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस की निंदा करने वाले नारे लगाए गए।
पुलिस ने इस मामले में घटना की जगह की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला और शुरुआती जाँच के बारे में बताते हुए रोहिणी के डीसीपी एस डी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह से बात की, जिसने उन्हें इस घटनाक्रम के पूरे सीक्वेंस को बताया। इससे मोमिन के आरोप साबित नहीं होते हैं।
दूसरे देशों की सम्प्रभुता में हस्तक्षेप की नीति और कुछ नहीं, साम्राज्यवाद ही है। अमेरिका हिंदुस्तान के मुस्लिमों की चिंता छोड़ कर अपनी खुजली का इलाज करे।
CBI की FIR के अनुसार, 2011 से 2015 के बीच एक तरफ पिलाटस वायुसेना को ट्रेनर विमान सप्लाई कर रहा था, तो दूसरी ओर संजय भंडारी के भारत और दुबई स्थित कंपनियों में करोड़ों रुपए जमा करा रहा था। इस बीच 350 करोड़ रुपए जमा कराने के सबूत मिले हैं।
सलमान खुर्शीद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आज तो हम यही जानते हैं कि चुनाव हुआ और चुनाव में पीएम की लोकप्रियता इतनी थी कि उसके सामने कोई खड़ा नहीं हो पाया, लेकिन एक अच्छी बात है कि सुनामी आया, उसने सब कुछ बहा दिया, लेकिन कम से कम हम जिंदा रहे और आपसे बात तो कर सकते हैं।”
आलोक रंजन ने ये भी कहा कि इस अस्पताल के पीछे अज्ञात शवों को फेंकने की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। उन्होंने बताया कि अस्पाल के बिल्कुल पास में शवदाह गृह होने से गलतफहमी हो जाती है। इसलिए अब प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से शवदाह गृह को दादर घाट शिफ्ट करने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी को समझ में आ गया है कि तृणमूल को मुस्लिम तुष्टिकरण भारी पड़ेगा। 2019 के चुनावों ने दिखा दिया कि भाजपा के बंगाल में उत्थान में बहुत बड़ा ध्रुवीकरण था। अगर तृणमूल के पक्ष में मुस्लिम लामबंद हुए तो हिन्दुओं ने भी भाजपा को वोट दिए।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि जन्नत के नाम पर युवाओं को बरगलाया जाता है कि हथियार उठाने पर वे जन्नत जाएँगे। उन्होंने कहा कि वास्तव में यहाँ के युवाओं के पास दो जन्नत हैं। एक तो खुद कश्मीर है और दूसरा वो जो वे एक अच्छा मुस्लिम बनकर बाद में हासिल करेंगे।