इस ट्वीट में सरफराज ने लिखा, "ये मस्जिद हमारा था और हमारा रहेगा। आज वो पावर में हैं तो मंदिर बना लिया। हम पावर में होंगे तो फिर से मस्जिद होगा। क्योंकि इतिहास रिपीट होता है।"
इतना सब होने के बावजूद भी बरखा दत्त और उनकी लॉबी के ये लोग मानने को तैयार नहीं हैं कि उनसे कोई गलती हुई है। साल 2004 में भले ही कोई बरखा या एनडीटीवी से जवाब माँगने वाला नहीं था। लेकिन अब.........
"बॉलीवुड के कई इंडिपेंडेंट फिल्म योद्धा अब मेनस्ट्रीम बॉलीवुड के चाटुकार बन चुके हैं। ये वही लोग हैं जो 24/7 लोगों का ध्यान खींचने के लिए सिस्टम के बारे में खुलकर बातें करते थे........"