नेशनल कॉन्फ्रेंस मुखिया फारूक अब्दुल्ला छुपे तौर पर मोदी सरकार के 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले के समर्थन में थे। उन्होंने इसे जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पास करवाने में मदद करवाने की भी बात कही थी। यह खुलासा भारत की खुफिया एजेंसी R&AW के पूर्व प्रमुख AS दुलत ने किया है। वहीं अब्दुल्ला ने यह आरोप नकारे हैं।
पूर्व R&AW प्रमुख ने अपनी नई किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाय’ (मुख्यमंत्री और जासूस) में यह सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने लिखा कि जब 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी कर दिया था, जिसके बाद अब्दुल्ला ने उनसे बात की थी।
फारूक अब्दुलाह तब कई कश्मीरी नेताओं के साथ नजरबंद किए गए थे। दुलत ने किताब में बताया, “अब्दुल्ला ने कहा कि शायद नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी इस प्रस्ताव को पारित करवा सकती थी। जब मैं 2020 में उनसे मिला तो उन्होंने मुझसे कहा कि हम मदद करते लेकिन हमें विश्वास में क्यों नहीं लिया गया?”
दुलत ने अपनी किताब में बताया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर फैसला लिए जाने के बाद 2020 में केंद्र सरकार ने अब्दुल्ला से बातचीत करने भेजा था। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने उनसे फारूक अब्दुल्ला को इस बात के लिए मनाने को कहा था कि वह नजरबंदी से बाहर आने पर यह मुद्दा ना उठाएँ और पाकिस्तान का राग भी ना अलापें।
दुलत ने इसके अलावा यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने अब्दुल्ला से यह भी बताने को कहा था कि वह मीडिया से इस मुद्दे पर बात भी नहीं करेंगे। पूर्व खुफिया एजेंसी प्रमुख ने दावा किया है कि अब्दुल्ला ने यह बात मान ली थी और कहा था कि वह सिर्फ संसद में यह मुद्दा उठाएँगे और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा करेंगे।
अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थन को लेकर अब श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई है। विश्वसनीयता खोने के डर के चलते फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से यह दावे नकार दिए हैं। उन्होंने इसको लेकर सफाई दी है।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “दुलत साहब ने नहीं जो किताब लिखी है, उसमें इतनी गलतियाँ हैं कि मैं बयान नहीं कर सकता। अफ़सोस है कि अगर वह मुझे अपना दोस्त कहते हैं तो दोस्त ऐसा नहीं लिख सकता… अगर हमने अनुच्छेद 370 को धोखा देना होता तो इसके खिलाफ हम प्रस्ताव विधानसभा में क्यों पास करते?”
VIDEO | Srinagar: Reacting to the remarks made in former RAW chief AS Dulat’s latest book 'The CM and the Spy', National Conference President Farooq Abdullah said:
— Press Trust of India (@PTI_News) April 16, 2025
“Dulat sahab’s book is full of so many inaccuracies, I can’t even begin to describe them. It’s unfortunate — if he… pic.twitter.com/AoT5CDDl1x
उन्होंने दुलत की किताब के उस दावे को भी नकार दिया जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना की बात कही थी। वहीं दुलत ने इन सबके बीच कहा है कि अब्दुल्ला को इस पर गुस्सा होने के बजाय किताब पढ़नी चाहिए और इसमें उनकी तारीफ़ ही लिखी गई है।
गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने को फारूक अब्दुल्ला ने धोखा करार दिया था। उन्होंने और उनकी पार्टी ने इस कदम का विरोध लगातार किया है। उन्होंने 2024 के अंत में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उठाया है। अब उनके इस सार्वजनिक स्टैंड से उलट दावा सामने आया गया है।
दुलत के इस दावे के बाद फारूक अब्दुल्ला और उनकी पार्टी सवालों के घेरे में है। इससे पहले भी नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार पर आरोप लगता रहा है कि वह कश्मीर में सत्ता चलाने के लिए केंद्र के साथ गुपचुप समझौते में आ चुके हैं। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सार्वजनिक मंचों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ़ को लेकर भी यही बातें कही गई हैं।
इस किताब ने और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।