कर्नाटक में 27 फरवरी 2024 को राज्यसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी नासिर हुसैन की जीत हुई थी। इसी जश्न का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ जैसा नारा लगाते सुनाई दिए। पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी। इसी जाँच के दौरान अचानक मोहम्मद जुबैर की एंट्री होती है जो फैक्ट चेक की आड़ में अपना ख़ास मजहबी एजेंडा बड़े स्तर पर चला रहा है। आनन-फानन में जुबैर ने संदिग्धों को क्लीन चिट दे डाली और अपनी स्वघोषित रिपोर्ट में यह बता दिया कि नारे में ‘नासिर साहब जिंदाबाद’ बोला गया था।
जुबैर की यह साजिश तब फ़ौरन ही कामयाब होती दिखी जब कर्नाटक कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी उसकी हाँ में हाँ मिला दी। हालाँकि बाद में FSL रिपोर्ट आई जिसमें संदिग्धों द्वारा लगाए गए नारों में पाकिस्तान जिंदाबाद बोले जानी की पुष्टि हो गई। पुलिस ने इल्ताज, मुनव्वर और मोहम्मद नाशीपुडी को गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बावजूद भी मोहम्मद जुबैर अपनी करतूत पर अड़ा रहा और उसने अपने ट्वीट को डिलीट नहीं किया।
सनातन को खत्म करने की कसम खाने वाले एक मुख्यमंत्री से सम्मानित होने के बाद अपनी हरकतों के चरम पर पहुँच चुके मोहम्मद जुबैर द्वारा ऐसी हरकत पहली बार नहीं की गई। ऐसे मामले में जुबैर के कलंकित इतिहास की फेहरिस्त काफी लम्बी है। मोहम्मद जुबैर के इसी एजेंडे वाले इतिहास में सबसे अहम बात ये है कि जहाँ सच्ची घटना होती है वहाँ वो भ्रम फैलाने लगता है लेकिन जहाँ भ्रामक घटनाएँ होती हैं उसे वह सच साबित करने में जुट जाता है।
मजहबी क्लीन चिट पर भारी FSL रिपोर्ट
कर्नाटक में 27 फरवरी 2024 को लगे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों के बाद जुबैर उसी दिन रात 8:44 पर अपनी थ्योरी लेकर आ जाता है। फैक्ट चेकिंग के लिए उसने Inshot ऐप का प्रयोग किया। ऐप से वीडियो को स्लो मोशन कर के उसने इसे उच्च तकनीकि वाला साबित करने की भरसक कोशिश की। अपनी मजहबी अदालत में उसने कन्नड़ चैनलों के तमाम स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए उन्हें और भाजपा समर्थको को दोषी भी करार दे दिया। भ्रम की दीवार बेहद मजबूत हो जाए इसके लिए उसने आदतन/साजिशन नीचे कई थ्रेड भी डाल दिए।
Kannada News Channels are propagating the lie of 'Pakistan Zindabad' slogans being heard. The supporters of @NasirHussainINC said 'Nasir Saab Zindabad'. The lies by the News channels is picked up by BJP leaders like @ShobhaBJP @RAshokaBJP @BYVijayendra in Karnataka.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 27, 2024
Even the… pic.twitter.com/axz9c862t3
हालाँकि मोहम्मद जुबैर की मुस्लिम ब्रदरहुड वाली मजहबी क्लीन चिट पर कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई भारी पड़ी। 4 मार्च 2024 को FSL रिपोर्ट में आरोपितों द्वारा लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों की पुष्टि हुई। पुलिस ने मोहम्मद नशीपुडी, मुनव्वर और इल्ताज को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की रिपोर्ट कर्नाटक के गृहमंत्री को भी प्रेषित की जा रही है। इतने के बावजूद मजहबी जुबैर को अपनी करतूत पर अब इतनी भी शर्म नहीं कि वह अपने उस ट्वीट को डिलीट कर ले जिसमें AIMIM पार्टी के कई कट्टरपंथी उसकी शह पर बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।
ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा तो उनसे भी 2 कदम आगे निकल गए। उन्होंने अपनी एजेंडे वाली वेबसाइट ALT News पर तो बाकायदा आर्टिकल पब्लिश कर डाला। आर्टिकल में उन्होंने नासिर साहब जिंदाबाद बोले जाने का एलान FSL रिपोर्ट आने से पहले ही कर डाला। इस से भी बड़ी बात ये है कि यह आर्टिकल अभी तक ज्यों की त्यों मौजूद है। इस आर्टिकल को ओशिनी भट्टाचार्य द्वारा लिखा गया है।
अमित मालवीय सहित अन्य BJP नेता और कुछ मीडिया संगठनों ने ये दावा किया कि कर्नाटक में कांग्रेस नेता नासिर हुसैन की चुनावी जीत के बाद 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगे. ये दावा सरासर ग़लत निकला. वहां 'नासिर साब ज़िंदाबाद' के नारे लगे थे. | @Oishanib_https://t.co/7C6JsifJ0u
— Pratik Sinha (@free_thinker) March 4, 2024
बेलगावी मामले पर भी डाला था पर्दा
जैसा हम पहले ही बता चुके हैं कि पाकिस्तान परस्तों की पैरवी मोहम्मद जुबैर ने पहली बार कर्नाटक के बेंगलुरु में नहीं की है। इससे पहले उसने यही हरकत कर्नाटक के ही बेलगावी में की थी। तब राज्यसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी की जीत हुई थी। इसी क्रम में बेलगावी विधानसभा से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी आसिफ जीत कर विधानसभा पहुँचे थे। उस समय उनके विजय जुलूस में नारेबाजी हुई थी जिसमें ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहे जाने का आरोप लगा था।
27 सेकेंड लम्बे इस वीडियो में कुछ इस्लामी टोपी पहने लोग पुलिस की मौजूदगी में आपत्तिजनक नारेबाजी करते दिखे थे। इसी वीडियो के बैकग्राउंड में कुछ लोगों को यह कहते सुना गया था कि ‘वीडियो बनाओ, कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद बोल रहे हैं’।
Some people are saying that they are shouting "Asif Sait Zindabad" but Asif Sait is more famous as Raju Sait.
— Facts (@BefittingFacts) May 13, 2023
Also you can hear from 0:08 in background police saying "video banao video banao, pakistan zindabad bol rahe" https://t.co/NTs8oNIjrr
इस मामले में भी फ़ौरन ही मोहम्मद जुबैर ने एंट्री की थी। पहले उसने @total_woke_ के ट्वीट को कोट कर के मामले को भटकाने के लिए बताया कि पुलिस ने कहा कि दूसरे प्रत्याशी की जीत पर कुछ मत बोलो। इसके बाद 13 मई 2024 को एक अन्य ट्वीट में उसने बेलगावी इंस्पेक्टर दयानन्द से बातचीत का दावा करते हुए कहा कि पुलिस के मुताबिक अभी तक पाकिस्तान जिंदाबाद बोले जाने को ले कर कुछ भी साफ़ नहीं कहा जा सकता। इसी ट्वीट की अंतिम लाइन में जुबैर ने बताया कि पुलिस ने उन्हें आगे की जाँच के लिए वीडियो के FSL में भेजे जाने की बात कही है।
I spoke to Police Inspector Mr. Dayanand from Belagavi, He says, They have not concluded if the slogans raised were "Pakistan Zindabad" OR "Asif (Raju) Sait Zindabad". They are sending the viral video to FLS for further investigation. https://t.co/LZOCxouhYB
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 13, 2023
बाद में प्रदेश के ADG लॉ एंड ऑर्डर ने 14 मई 2023 को अपने ट्वीट में बताया था कि FIR दर्ज करके आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। ADG L/O के बयान के बावजूद मोहम्मद जुबैर के रुख और ट्वीट में ज़रा सी भी तब्दीली नहीं आई। जुबैर का वह भ्रामक ट्वीट अभी भी ज्यों का त्यों कायम रह कर भ्रम फैला रहा है।
Case is registered and needful action is being taken https://t.co/qkV7MRwofy
— alok kumar (@alokkumar6994) May 14, 2023
भीलवाड़ा में भी किया जाँच को प्रभावित
मोहम्मद जुबैर खुद को और अपनी वेबसाइट ALT News को एक अदालत के तौर पर बनाने का प्रयास कर रहा है जहाँ से कोई भी पाकिस्तान समर्थक प्रथम दृष्टया क्लीन चिट ले सकता है। वह न सिर्फ संदिग्धों को क्लीन चिट देता है बल्कि उनकी हरकतों को दिखाने वाले मीडिया संस्थानों पर भी ऐसा दबाव बनाने की कोशिश करता है जिससे वो भविष्य में पाकिस्तान परस्तों की हरकतों को नजरअंदाज कर दें।
इसी क्रम में एक अन्य घटना राजस्थान के भीलवाड़ा की है। मई 2022 में जुबैर ने राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की घटना का जिक्र करते हुए एक बार फिर से पाकिस्तान परस्तों को कवर किया था। यह घटना फरवरी 2021 की थी जब प्रतिबंधित आतंकी समूह PFI की राजनैतिक शाखा SDPI के नेता अब्दुल सलाम अंसारी ने एक रैली निकली थी। इस रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। इस वीडियो को ABP और दैनिक भास्कर सहित कई अन्य मीडिया संस्थानों ने खबर के तौर पर चलाया।
घटना के लगभग सवा साल बाद 19 मई 2022 को आदतन जुबैर इस मामले में भी पकिस्तन परस्तों के साथ सीना तान कर खड़ा हो गया था। उसने दैनिक भास्कर और ABP को ही गलत ठहराते हुए घोषित कर दिया कि नारे के तौर पर ‘SDPI जिंदाबाद’ बोला गया था।
Dainik Bhakar and ABP Live revived a video from Feb 2021 and falsely reported that 'Pakistan Zindabad' slogan was raised in Rajasthan's Bhilwara. The actual chant was 'SDPI Zindabad'. The video was shot after local election. #AltNewsFactCheck | @ArchitMetahttps://t.co/cQGDUtnSfv
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 19, 2022
हालाँकि, 22 नवंबर 2022 को इस वीडियो की फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आ गई। फॉरेंसिक जाँच में पाकिस्तान जिंदाबाद नारे की पुष्टि हुई थी। तब भीलवाड़ा पुलिस ने PFI के जिलाध्यक्ष अब्दुल सलाम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बावजूद मोहम्मद जुबैर, उसकी वेबसाइट ALT News और सहयोगी अर्चित अपने झूठ पर अड़े रहे। वो खबर, ट्वीट इत्यादि अभी भी ज्यों की त्यों अपनी जगह मौजूद है।
Not the first time @zoo_bear and @AltNews lied that no Pakistan Zindabad slogans were raised.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) March 5, 2024
In 2021, Pakistan Zindabad slogans were raised by PFI Workers.
Zubair said it is 'SDPI Zindabad'
Rajasthan police under Congress confirmed it was Pakistan Zindabad, arrested accused. pic.twitter.com/M6pZKPZ1j7
इसके अलावा कई अन्य मौकों पर जुबैर और उसके गिरोह ने पुलिस या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की जाँच से पहले ही अपनी कथित अदालत से फैसला सुना दिया था। दबाव बनाने की यह साजिश न सिर्फ प्रशसनिक अधिकारियों बल्कि मीडियाकर्मियों के खिलाफ भी लक्षित होती है। हालाँकि इस बात की संभावना न के बराबर है कि बार-बार अपनी पोल खुलने के बावजूद जुबैर और उसके गिरोह की हरकतों में जरा सा भी सुधार होगा। फ़िलहाल पाकिस्तान परस्तों में जुबैर की पोल बार-बार खुलने और भ्रामक दबाव काम न करने की वजह से थोड़ी मायूसी जरूर है।