Sunday, February 16, 2025
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‘पारसी है आफताब, मुस्लिमों को बदनाम मत करो’: दलित श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाले के मजहब पर क्यों डाला जा रहा पर्दा

इंस्टाग्राम पर '@zloymom' नाम के हैंडल ने साल 2014 में आफताब का मज़हब पूछा था। उस पोस्ट के जवाब में भी आफताब ने खुद को मुस्लिम बताया था। इस दौरान वो खुद के कृष्ण या मुस्लिम होने पर सवाल जवाब कर रहा था।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार (12 नवंबर, 2022) को श्रद्धा नाम की दलित लड़की की हत्या और लाश के 35 टुकड़े करने के आरोप में आफ़ताब को गिरफ्तार किया है। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। इस खबर के वायरल होते ही सोशल मीडिया के एक खास वर्ग ने आफताब के मज़हब को छिपाने की कोशिश शुरू कर दी। उस समूह ने यह अफवाह उड़ानी शुरू कर दी कि श्रद्धा का कातिल आफताब मुस्लिम नहीं बल्कि पारसी है।

इस नैरेटिव को भी सेट किया जाने लगा कि आफ़ताब को इस्लाम मजहब से जुड़ा बता कर मुस्लिमों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

भ्रम फैलाने की कोशिश

‘मियाँ ज़ालिक (@XunizXan)’ नाम के हैंडल ने भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला के ट्वीट को Quote करते हुए लिखा, “वो तेरी बिरादरी का है।” बता दें कि शहजाद भी मुस्लिम समुदाय से ही आते हैं।

लगभग इसी प्रकार का कमेंट सईद मोहम्मद ने भी @Syed5056 नाम के हैंडल से किया है। उन्होंने लिखा, “लड़के का नाम आफ़ताब पूनावाला है जो पारसी है न कि मुस्लिम। इसे कुछ लोग हिन्दू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है।”

एक अन्य यूजर मोहम्मद मीराज ने भी आफ़ताब के पारसी होने का दावा किया है।

आफ़ताब ने ही खुद को बताया था मुस्लिम

अक्सर ये देखने को मिलता है कि मुस्लिम समुदाय के लोग आरोपित के अपने मज़हब और पीड़ित के हिन्दू होने के मौकों पर मामले को उलझाने का प्रयास करते हैं। जबकि, सच्चाई इस से थोड़ा अलग होती है। आफ़ताब की ही साल 2014 में की गई एक पोस्ट में उसने खुद के मुस्लिम होने की बात कबूली है। आफताब का इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल ‘@thehungrychokro’ नाम से है।

इंस्टाग्राम पर ‘@zloymom’ नाम के हैंडल ने साल 2014 में आफताब का मज़हब पूछा था। उस पोस्ट के जवाब में भी आफताब ने खुद को मुस्लिम बताया था।

चित्र साभार- आफताब के इंस्टाग्राम कमेंट

ऊपर दिए तमाम सबूतों से जाहिर है कि श्रद्धा का कातिल आफताब इस्लाम मजहब का है। इसके अतिरिक्त मृतका के पिता द्वारा पुलिस में दर्ज FIR में भी आरोपित को मुस्लिम मज़हब का बताया गया है।

FIR Copy

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि साल 2019 में मुंबई के कॉल सेंटर में एक साथ काम करने के दौरान आफ़ताब और श्रद्धा लिव इन रिलेशन में रहना शुरू कर दिए थे। बाद में श्रद्धा ने आफताब पर शादी का दबाव बनाया। हालंकि इसके लिए मृतका के परिजन तैयार नहीं थे। बाद में सबको छोड़ कर श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रहने चली आई। यहाँ आफताब ने 18 मई 2022 को श्रद्धा का गला दबा कर मार डाला और लाश के 35 टुकड़े कर के 18 दिनों में ठिकाने लगा दिया। नवम्बर 2022 में श्रद्धा के पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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