Tuesday, March 19, 2024
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फ्रॉड फैक्टचेकर प्रतीक सिन्हा, AltNews का एक और कारनामा: गूगल सर्च को ही सच मान कर फैला रहा झूठ

एक फोटो है, जिसमें एक हिन्दू संन्यासी बर्फ में बैठे हुए हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस फोटो को फ्रॉड फैक्टचेकर प्रतीक सिन्हा ने झूठा बता दिया। उसके अनुसार फोटो में बर्फ है ही नहीं... कुल मिलाकर वो यह कहना चाह रहा था कि आखिर एक साधु इस तरह का दुष्कर कार्य कर भी कैसे सकता है!

खुद को फैक्ट-चेकर बताने वाले AltNews के प्रतीक सिन्हा ने एक बार फिर से फैक्टचेक के नाम पर झूठ फैलाया है। फेसबुक पर ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने उसे ‘कपटपूर्ण घोटालेबाज’ बताते हुए उसकी पोल खोली है। प्रतीक सिन्हा ने इस बार जम्मू कश्मीर में एक हिन्दू संन्यासी की तस्वीर को लेकर झूठ फैलाया। ‘ट्रू इंडोलॉजी (TI)’ ने आरोप लगाया कि वामपंथी कम दिमाग वाले होते हैं, इसीलिए उन्हें मूर्ख बनाने वाले प्रतीक सिन्हा को डोनेशन मिलता है और उसका कारोबार चलता है।

दरअसल, हुआ यूँ कि ट्विटर पर प्रतीक सिन्हा ने ‘ट्रू इंडोलॉजी’ के एक दावे का फैक्टचेक किया। अब ‘ट्रू इंडोलॉजी’ का ट्विटर हैंडल सस्पेंडेड है, ऐसे में खुले सांड की तरह प्रतीक सिन्हा ने ये सोच कर झूठ फैला दिया कि इसका जवाब देने वाला तो ट्विटर पर है ही नहीं। उसने दो तस्वीरें शेयर की और दावा किया कि ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने जम्मू कश्मीर के एक हिन्दू संन्यासी की तस्वीर शेयर की थी और दावा किया था कि वो बर्फ में बैठा हुआ है।

इसके बाद सिन्हा ने एक अन्य तस्वीर शेयर कर के दावा किया कि वो संन्यासी बर्फ में तो बैठा ही नहीं हुआ था, इसीलिए ये दावा झूठा है। उसने ‘Getty Images’ का एक लिंक शेयर कर के अपनी बात साबित करने का भी प्रयास किया। TI ने इस बात पर आपत्ति जताई कि प्रतीक सिन्हा ने उसके लिए ‘ट्रू फ़्रॉडॉलॉजी’ शब्द का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि रैंडम रिवर्स गूगल सर्च को ही वो फैक्टचेक समझता है।

प्रतीक सिन्हा और उसकी वेबसाइट AltNews की हमेशा से आदत रही है कि वो गूगल रिवर्स इमेज सर्च को ही असली फैक्टचेक समझता है और उसकी नजर में किताबों या ऐसी किसी चीज का कोई अस्तित्व ही नहीं है, जो ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हो या फिर जिनके बारे में उसे कुछ अंदाज़ा ही न हो। रिसर्च के नाम पर वो एक रिवर्स गूगल सर्च मार लेता है, बस। लेकिन, उसे पता होना चाहिए कि दुनिया इससे इतर भी है।

जिस तस्वीर को लेकर पूरा विवाद हुआ, वो ‘कश्मीर: न्यू सिल्क इंडस्ट्री’ नामक पुस्तक से लिया गया है। सिल्क व्यापारी सर थॉमस वार्डले की इस पुस्तक का प्रकाशन 1904 में हुआ था और उसमें उनके मित्र जॉफ्री डब्ल्यू मिलियम्स की क्लिक की हुई तस्वीरें थीं। इसी किताब के पेज संख्या 376 पर वो तस्वीर है, जिसके बारे में TI ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा था और उसे पोस्ट किया था। इस तस्वीर का कैप्शन है – “Holy man, Dal Lake, sitting in the snow in Winter“.

इसका अर्थ हुआ, ‘पवित्र व्यक्ति, डल झील, ठण्ड के मौसम में बर्फ के बीच बैठा हुआ‘ जबकि प्रतीक सिन्हा का दावा है कि उस तस्वीर में बर्फ तो है ही नहीं। TI ने आरोप लगाया कि एक भी पुस्तक न पढ़ने वाले प्रतीक सिन्हा को न तो जम्मू कश्मीर और न ही वहाँ के मौसम के बारे में कोई जानकारी है। अब प्रतीक सिन्हा ने ‘Getty Images’ का जो स्कीनशॉट डाला, वो बताता है कि इस तस्वीर को 1910 में लिया गया था। जबकि उसी प्लेटफॉर्म में एक और रूप में ये तस्वीर मौजूद है और उसकी तारीख 1990 है।

TI ने फेसबुक पोस्ट के जरिए प्रोपेगंडा का दिया जवाब

तो प्रतीक सिन्हा ने एक ऑनलाइन विदेशी सेकेंडरी सोर्स की मदद लेकर इस तस्वीर को झुठलाना चाहा। आखिर वो इससे साबित क्या करना चाहता था? TI के मुताबिक, इससे उसका हिन्दूफोबिया सामने आता है। उसकी सोच है कि आखिर एक हिन्दू साधु इस तरह का दुष्कर कार्य कर भी कैसे सकता है? यूट्यूब पर ऐसे न जाने कितने ही वीडियोज हैं, जिनमें भारी बर्फ के बीच साधुओं को भक्ति में मगन देखा जा सकता है।

लेकिन, एक बार सोचने लायक है कि प्रतीक सिन्हा ने जिस ‘Getty Images’ का लिंक शेयर किया, उसमें तो कहीं नहीं लिखा है कि उक्त हिन्दू संन्यासी बर्फ में नहीं बैठा हुआ है? फिर उसने इतने आत्मविश्वास के साथ ऐसा दावा कैसे कर दिया? प्रतीक सिन्हा को ये तक नहीं पता कि ठण्ड के मौसम में डल झील के पास कैसी स्थिति रहती है? वहाँ बर्फ़बारी की क्या स्थिति होती है और आसपास की पहाड़ी चोटियों पर कितना बर्फ होता है?

वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब प्रतीक सिन्हा ने इस तरह का झूठ फैलाया है। उसकी और जुबैर की जोड़ी के साथ-साथ दोनों की वेबसाइट AltNews पर भी कई बार इस तरह के झूठ पाए गए हैं। इसी तरह से उसने अर्णब गोस्वामी को लेकर दावा किया था कि वो पत्रकार नहीं है। साथ ही राहुल और प्रियंका गाँधी हँसते हुए हाथरस जा रहे थे तो उसका झूठा फैक्टचेक कर दिया। उस पर ऐप के जरिए निजी सूचनाएँ इकट्ठा करने का भी आरोप है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू को लेकर भी वो झूठ फैला चुका है। जुबैर पर तो एक बच्ची की ऑनलाइन प्रताड़ना से जुड़ा मामला भी दर्ज हुआ था। ISRO अध्यक्ष की पूजा करते हुए तस्वीर आने के बाद वो बौखला गया था। Altnews ने तो पीएम मोदी के जन्मदिवस पर ख़ुशी मनाने वाली मुस्लिम महिलाओं के मुस्लिम होने के सर्टिफिकेट को ही ‘रद्द’ कर दिया था। AltNews की एक के बाद एक कई करतूतों को लेकर आप ऑपइंडिया पर पढ़ सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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