Friday, April 26, 2024
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प्रफुल्ल पटेल और इक़बाल मिर्ची की डील को अमित शाह ने बताया देशद्रोह, कहा- ‘जितनी मर्जी चीख लें, कोई फ़ायदा नहीं’

अमित शाह ने इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार से सवाल पूछने की बात कही। शाह ने बताया कि 1993 मुंबई ब्लास्ट में आरोपित इक़बाल मिर्ची के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इन सबके बावजूद प्रफुल्ल पटेल का उनकी पत्नी के साथ डील करना आश्चर्यजनक है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपित और दाऊद के क़रीबी इक़बाल मिर्ची के साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल की डील किसी देशद्रोह से कम नहीं है। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और एनसीपी के संस्थापाक-अध्यक्ष शरद पवार से कहा कि उन सभी को इस मामले में ख़ुद को पाक-साफ़ करना चाहिए। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और इक़बाल मिर्ची की पत्नी हाजरा बीबी के बीच 2007 में एक रियल स्टेट डील हुई थी, जिसे लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस मामले में राहुल गाँधी से सवाल पूछे जाने चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि उस समय केंद्र और महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस की सरकारें थीं। अमित शाह ने इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार से सवाल पूछने की बात कही। शाह ने बताया कि 1993 मुंबई ब्लास्ट में आरोपित इक़बाल मिर्ची के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इन सबके बावजूद प्रफुल्ल पटेल का उनकी पत्नी के साथ डील करना आश्चर्यजनक है।

अमित शाह ने लीक हुए दस्तावेजों को लेकर एनसीपी और कॉन्ग्रेस को घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें एनसीपी और कॉन्ग्रेस की चुप्पी से हैरानी हो रही है। उन्होंने पूछा कि आखिर प्रफुल्ल पटेल की ऐसी क्या मज़बूरी थी कि उन्हें हाजरा बीबी के साथ डील करना पड़ा? अमित शाह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा:

“इस मामले में जाँच चल रही है। आप और हम यहाँ बैठकर निर्णय नहीं कर सकते हैं। ईडी मामले की बारीकियाँ जुटा रही है। एक बार जाँच पूरी हो जाए और विश्लेषण हो जाए तभी हम टिप्पणी कर सकते हैं कि इसमें कोई आतंक से सम्बंधित ऐंगल है या नहीं। लेकिन, पहली नजर में इकबाल मिर्ची की पत्नी के साथ करार करना ‘देशद्रोह’ जैसा ही लगता है।”

अमित शाह ने विपक्ष के इन आरोपों को लेकर इनकार किया कि केंद्र सरकार चुनाव के समय गड़े मुर्दे उखाड़ रही है। उन्होंने पूछा कि पी. चिदंबरम मामले के समय कौन सा चुनाव था? साथ ही उन्होंने पूछा कि जब अगस्ता-वेस्टलैंड हैलीकॉप्टर मामले में कार्रवाई की गई, तब कौन सा चुनाव था? इस दौरान शाह ने नेशनल हेराल्ड केस का भी जिक्र किया। इस मामले में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी जमानत पर बाहर हैं। शाह ने पूछा कि उस वक़्त कौन सा चुनाव था? अमित शाह ने कहा कि चाहे वे जितनी मर्जी चीख-चिल्ला लें, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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