Tuesday, March 19, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षदादी की नाक, डैडी का हेयरकट, गंगा स्नान.. और अब 'समुद्र के किसानों' के...

दादी की नाक, डैडी का हेयरकट, गंगा स्नान.. और अब ‘समुद्र के किसानों’ के भरोसे कॉन्ग्रेस का भविष्य

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने किसान हितों का समर्थन करने की ऐसी जिम्मेदारी उठा ली है कि इसके लिए अब वो राह चलते आदमी को भी ये पूछने लगी हैं कि उसके खाते में गन्ने के रूपए आए या नहीं?

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा अब लगातार मेहनत करते नजर आते हैं। देश में चुनाव हों या ना हों, कल ही होने हों या फिर पाँच साल बाद; वो अब तन, मन और धन से जनता के बीच मौजूद हैं। इसके लिए कभी बहन गंगा स्नान करने लगी हैं, तो कभी भैया राहुल कॉन्ग्रेस के लिए रात-दिन एक करते हुए पार्टी का भूत-भविष्य और वर्तमान एक करते देखे जाते हैं।

आज ही राहुल गाँधी ने पुडुचेरी के मुथियालपेट में कहा कि मछुआरे समुद्र के किसान हैं और उनके लिए मोदी जी ने कोई मंत्रालय नहीं बनाया। एक ओर, जहाँ लोगों को भय है कि युवराज ने आज कहीं किसी दो साल पुराने भाषण को तो नहीं पढ़ लिया तो वहीं दूसरी ओर, राहुल गाँधी के इस बयान के बाद केंद्र सरकार एक ऐसा विधेयक लाने पर भी विचार कर रही है, जिसके बाद तमाम राजनीतिक पार्टी के नेताओं को सामान्य ज्ञान की किताबें पढ़ना आवश्यक कर दिया जाएगा।

उधर, प्रियंका गाँधी वाड्रा ने किसान हितों का समर्थन करने की ऐसी जिम्मेदारी उठा ली है कि इसके लिए अब वो फेक न्यूज़ फ़ैलाने के अलावा राह चलते आदमी को भी ये पूछने लगी हैं कि उसके खाते में गन्ने के रूपए आए या नहीं? गन्ने का जूस बेचने वालों की जेब में तो इंदिरा की पोती ने जबरन रूपए ठूँसकर उन्हें फासीवाद सरकार के दौरान ही मालामाल करने की कसम खा डाली होगी।

समाज में नैरेटिव विकसित करने के लिए कॉन्ग्रेस को पहले इतने प्रयोग करते हुए कभी नहीं देखा गया। एक दौर था, जब सदियों बाद ही ये पार्टी कभी पेड़ गिरने और धरती हिलने जैसा बयान देकर मामला इकतरफा करने का कांफिडेंस लेकर चलती थी, लेकिन अब हालात ये हैं कि एक ही साल के भीतर इसके युवा नेता, जो कि संयोग से भाई-बहन हैं, अपनी दादी की नाक से लेकर पापा का हेयर स्टाइल तक अपनी राजनीति के बीच ले आए मगर ‘पॉलिटिकल ग्रिप’ है कि कमजोर ही हुए जा रही है।

राहुल गाँधी आज ‘समुद्र के किसानों’ से मिलते हुए जिस कॉन्फिडेंस में नजर आए, उसे देखकर तो लगता है कि अगर ‘बाय चांस’ कभी उनकी पार्टी सत्ता में वापसी करती है, तो वो आसमान के किसानों के लिए भी किसी मंत्रालय की घोषणा ना कर बैठें।

किसान हित सर्वोपरी हैं मगर राहुल गाँधी इन हितों के लड़ते-लड़ते ये भूल बैठे हैं कि उनके आए दिन ऐसे बयानों को सुनने और सहन करने वालों के भी कुछ अधिकार होते हैं, जिन्हें कि मानवाधिकार कहा जाता है और वो हैं कि इन अधिकारों की निर्मम हत्या किए जा रहे हैं और पारी की घोषणा करने को भी तैयार नहीं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर K कविता ने रची थी साजिश, AAP को दिए थे ₹100 करोड़: दिल्ली शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

बीआरएस नेता के कविता और अन्य लोगों ने AAP के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर शराब नीति कार्यान्वयन मामले में साजिश रची थी।

क्या CAA पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में 200+ याचिकाओं पर होगी सुनवाई, बोले CM सरमा- असम में 3-5 लाख प्रताड़ित हिन्दू नागरिकता के...

CM सरमा ने बताया कि असम में NRC की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग 16 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। इसमें 7 लाख मुस्लिम हैं जबकि बाकी कोच-राजबंशी और दास जैसे उपनाम वाले असमिया हिन्दू हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe