Saturday, July 27, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षExit Poll के रुझान देखकर मीडिया गिरोह ने जताई 5 साल के लिए गुफा...

Exit Poll के रुझान देखकर मीडिया गिरोह ने जताई 5 साल के लिए गुफा में तपस्या करने की प्रबल इच्छा

ख़ुफ़िया सूत्रों ने बताया कि वास्तव में एग्जिट पोल के रुझान देखने के बाद मीडिया गिरोह ने जिसकी माँग की थी, वो ट्रेवल एजेंसी की सीमाओं के बाहर था। बाद में केदारनाथ वाली गुफा ही फाइनल हुई। अब तैमुर की लंगोट और...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केदारनाथ की गुफा में तपस्या करता देख कल से ही मीडिया में एक जबरदस्त शिफ्ट देखने को मिला। तैमूर की दिनचर्या से लेकर राहुल गाँधी के क्यूट डिम्पल्स के पल-पल की निष्पक्ष जानकारी दर्शकों को देने वाले निष्पक्ष और बिना गोदी वाले मीडिया गिरोहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा पर जमकर बवंडर मचाया है। लेकिन, एग्जिट पोल के रुझान आते ही यही निष्पक्ष मीडिया गिरोह अचानक से ट्रेवल एजेंसीज़ द्वारा ‘केदारनाथ वाली गुफा’ की जानकारी लेते देखा गया है।

ट्रेवल एजेंसीज ने कहा पहले आओ, पहले पाओ के तर्ज पर ही होगी बुकिंग

नाम न बताने की शर्त पर ऑपइंडिया तीखीमिर्ची सेल को ख़ुफ़िया सूत्रों ने बताया कि वास्तव में एग्जिट पोल के रुझान देखने के बाद मीडिया गिरोह ने माँग तो किसी ऐसे भूमिगत स्थान की उठाई थी जहाँ सूर्य प्रकाश तक न पहुँचता हो, लेकिन ऐसे किसी ‘स्थान विशेष’ में मीडिया गिरोह को पहुँचा पाना ट्रेवल एजेंसी की सीमाओं के बाहर था, इसलिए उन्होंने उन्हें सबसे सुरक्षित जगह वही गुफा बताई, जिसके पीछे वो 2 दिन से अपनी सारी शक्ति झोंकते जा रहे थे यानी, केदारनाथ वाली गुफा।

कुछ नहीं रखा है दुनियादारी में

मीडिया गिरोहों ने स्वीकार करते हुए कहा है कि जिस बेसब्री से वो मोदी घृणा में महागठबंधन में से ही किसी टोंटीचोर तक में प्रधानमंत्री की तलाश करने तक को तैयार हो गए थे, ऐसे में अब उनके लिए और 5 साल नरेंद्र मोदी को हर दिन प्रधानमंत्री बने देखना असहनीय पीड़ादायक होने वाला है। इसी वजह से मीडिया गिरोह के प्रमुखों ने तत्परता से यह फैसला लेना बेहतर समझा है कि किसी सुदूर क्षेत्र में बैठकर ही अब वो जीवनयापन करेंगे।

व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भी किया है आवेदन

अगले 5 साल गुफा में बिताने की चॉइस रखने वालों की अर्जी में एक नाम बेहद चौंकाने वाला था। यह नाम एक मशहूर व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के कुलपति का था। अपने विवरण में इस कुलपति ने स्पष्ट किया है कि पिछले 5 साल वो दर्शकों से TV ना देखने की अपील करते करते थक चुके हैं और अब अगले 5 साल भी वही काम दोबारा नहीं कर पाएँगे। चौंकाने वाली बात ये थी कि कुलपति के साथ-साथ ही गुफा में जीवनयापन करने के लिए कुछ विभिन्न भाषाओं में फेसबुक पोस्ट का ट्रांसलेशन करने वाले अनुवादकों ने भी नाम दाखिल करवाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -