Wednesday, May 8, 2024
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1 नहीं अयोध्या में बन रही रामलला की 3 मूर्ति, अलग-अलग पत्थरों से हो रहा निर्माण: जानिए कौन-कौन दे रहे आकार

"रामलला की मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कर्नाटक के डॉ. गणेश भट्ट, जयपुर के सत्य नारायण पाण्डेय और कर्नाटक के ही अरुण योगीराज तीन अलग-अलग पत्थरों से अलग-अलग जगहों पर मूर्तियाँ बना रहे हैं। निर्धारित समय के भीतर मूर्ति निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा।"

उम्मीद की जा रही है कि 2024 की शुरुआत से श्रद्धालु अयोध्या के भव्य राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। निर्माण कार्य फिलहाल जोरों पर है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि अयोध्या में रामलला की तीन मूर्तियों का निर्माण हो रहा है। ये मूर्ति जल्द ही बनकर तैयार हो जाएँगी।

चंपत राय ने मंगलवार (30 मई 2023) को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “रामलला की मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कर्नाटक के डॉ. गणेश भट्ट, जयपुर के सत्य नारायण पाण्डेय और कर्नाटक के ही अरुण योगीराज तीन अलग-अलग पत्थरों से अलग-अलग जगहों पर मूर्तियाँ बना रहे हैं। निर्धारित समय के भीतर मूर्ति निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। अन्य मूर्तियों के बारे में हमने अभी तक कोई विचार नहीं किया है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम मंदिर में गर्भगृह समेत ग्राउंड फ्लोर का 85% काम पूरा हो चुका है। गर्भगृह में गुरुवार (1 जून 2023) से नक्काशीदार पत्थर लगाए जाएँगे। ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी आमंत्रित किया है। वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-पाठ के बीच सुबह 9 बजे से पत्थरों को जोड़ने का काम शुरू होगा। महासचिव चंपत राय ने पत्र भेजकर संतों को भी आमंत्रित किया है।

चंपत राय ने बताया कि भगवान रामलला के विराजमान होने के बाद सेकेंड फ्लोर का निर्माण होता रहे और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसको लेकर भी ट्रायल किया गया है। इसके अलावा निषादराज, शबरी, अहिल्या, वाल्मीकि, वशिष्ठ की मूर्ति बनाए जाने को लेकर मंथन हुआ है। उनके मुताबिक ग्राउंड फ्लोर तैयार होने के बाद मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दिसंबर तक मंदिर को फाइनल टच दिया जाएगा। राम लला की प्रतिमा 51 इंच की होगी।

हाल ही में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य का पहला चरण इस साल 30 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद श्रद्धालु दर्शन भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा था, “मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण का प्रथम चरण 30 दिसंबर 2023 तक पूरा करने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में भूतल पर पाँच मंडप होंगे। इनमें सबसे प्रमुख गर्भगृह है, जहाँ भगवान की मूर्ति स्थापित की जाएगी। पाँच मंडपों के निर्माण में लगभग 160 स्तंभ लगे हैं। उनमें आइकनोग्राफी (चित्र और प्रतीक) का काम पूरा किया जाना है। मंदिर के निचले हिस्से में भगवान राम से प्रसंग होंगे। इसी तल पर बिजली और अन्य सुविधाओं को पूरा किया जाना है। ये सभी कार्य 30 दिसंबर 2023 तक पूरे कर लिए जाएँगे।”

कौन हैं अरुण योगीराज

जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया है। उनके द्वारा बनाई शंकराचार्य की प्रतिमा भगवान शिव की नगरी केदारनाथ की शोभा बढ़ा रही है। 12 फुट की इस पत्थर की प्रतिमा को उन्होंने मैसूर के सरस्वतीपुरम में गढ़ा था। इसके अलावा अरुण योगीराज ने मैसूर में 14.5 फ़ीट की महाराजा जयचमराजेंद्र वोडेयार की संगमरमर की प्रतिमा बनाई थी। साथ ही वो रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा भी बना चुके हैं। भगवान शिव की सवारी नंदी, हनुमान, भगवान वेंकटेश्वर और महान इंजीनियर विश्वेश्वरैया के अलावा वो 5.5 फ़ीट की गरुड़ की प्रतिमा भी बना चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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