Sunday, October 13, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'घृणा फैलाने वालों को फॉलो करते हैं PM मोदी, किसी मुस्लिम ने हिन्दू देवी-देवताओं...

‘घृणा फैलाने वालों को फॉलो करते हैं PM मोदी, किसी मुस्लिम ने हिन्दू देवी-देवताओं पर नहीं की टिप्पणी’: बोले नसीरुद्दीन शाह – मेरे घर भी पड़ सकती है रेड

वहीं उन्होंने आगे यह भी कहा, "मैं चाहता हूँ कि पीएम ट्विटर पर जिन नफरत फैलाने वालों को फॉलो करते हैं… उन्हें कुछ करना होगा। जहर को बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें कदम उठाने की जरूरत है।"

पैगंबर मुहम्मद पर पूर्व भाजपा प्रवक्ता की विवादित टिप्पणी से मुस्लिम उम्माह जहाँ भड़का हुआ है वहीं वे इसे भारत को बड़े पैमाने पर लगे अंतरराष्ट्रीय झटके के रूप में भी देख रहे हैं। अब इस मामले में विवादित अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने NDTV से आज बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कदम उठाना चाहिए और इस जहर को रोकना चाहिए।

नसीरुद्दीन शाह ने धर्म संसद वाले विवाद पर एनडीटीवी से इंटरव्यू में कहा, “मैं पीएम से इन लोगों में कुछ अच्छी समझ डालने की अपील करूँगा। अगर उनका मानना ​​है कि (हरिद्वार) धर्म संसद में जो कहा गया है, वह सही है तो उन्हें ऐसा कहना चाहिए और यदि नहीं, तो उन्हें इस पर भी अपनी बात रखनी चाहिए।”

वहीं उन्होंने आगे यह भी कहा, “मैं चाहता हूँ कि पीएम ट्विटर पर जिन नफरत फैलाने वालों को फॉलो करते हैं… उन्हें कुछ करना होगा। जहर को बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें कदम उठाने की जरूरत है।”

बता दें कि बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को हाल ही में निलंबित कर दिया गया था। करीब 10 दिन पहले टाइम्स नाउ के एक टीवी डिबेट शो के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर उनकी टिप्पणियों के बाद सड़क से लेकर, सोशल मीडिया और मीडिया में मचे बवाल के बीच उन पर यह कार्रवाई की गई। वहीं इसी की प्रतिक्रिया में ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी सहित कम से कम 15 देशों ने भी अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराया था।

वहीं जब बात नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी मिलने की आई तो नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इसकी निंदा की जानी चाहिए। बता दें कि इस मामले में एक अन्य भाजपा नेता, नवीन जिंदल को पैगंबर मुहम्मद पर सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के लिए निष्कासित कर दिया गया था। वहीं नूपुर शर्मा ने कई बार यह बताया था कि उन्होंने भगवान शिव पर की जा रही ख़राब टिप्पणियों से आहत होकर पैगम्बर पर हदीसों में लिखा सच कहा।

जब इस मामले में NDTV ने नसीर से पूछा कि सरकार का कहना है कि ये टिप्पणियाँ सरकार का बयान नहीं बल्कि फ्रिंज एलिमेंट्स के विचार हैं।

तब नसीरुद्दीन शाह ने कहा, “वो महिला कोई मामूली तत्व नहीं है। वह एक राष्ट्रीय प्रवक्ता है।”

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हिंदू देवताओं के अपमान पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, “उन्हें ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं है जब किसी मुस्लिम ने हिंदू देवता पर इस तरह का भड़काऊ बयान दिया हो।”

उन्होंने आगे जॉर्ज ऑरवेल के 1984 के संदर्भ का सहारा लेते हुए यह भी कहा, “यह एक कपटपूर्ण माफी थी, शायद ही आहत भावनाओं को शांत करने के लिए थी। आप शांति और एकता की बात करते हैं और आपको एक साल के लिए जेल भेज दिया जाता है। आप नरसंहार की बात करते हैं, आपको कलाई पर एक थप्पड़ मिलता है। यहाँ दोहरे मापदंड काम कर रहे हैं।”

वहीं नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी मिलने पर उन्होंने दोहराया कि इसकी निंदा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “ऐसा सोचना भी गलत है। इसलिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान जिस स्थिति में हैं, उसमें वे हैं। हम इन देशों का अनुकरण नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम किसी तरह ऐसा कर रहे हैं। गाय को मारने के संदेह में लोग मारे जाते हैं। ये चीजें बर्बर इस्लामिक देशों में हुईं लेकिन भारत में नहीं।”

अभिनेता ने अभद्र भाषा के लिए समाचार चैनलों को भी दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, “नफरत पैदा की जाती है और यह एक जहर है जो तब उगलता है जब आप एक विरोधी दृष्टिकोण का सामना करते हैं। इसके लिए टीवी समाचार और सोशल मीडिया जिम्मेदार हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि बॉलीवुड के खानों को मौजूदा विवाद पर बोलना चाहिए था, शाह ने कहा, “मैं उस स्थिति में नहीं हूँ जिसमें वे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि वे ऐसी स्थिति में हैं जहाँ उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है। मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि वे बहुत अधिक जोखिम उठा रहे होंगे।” वहीं सोनू सूद पर बात करते हुए कहा मुझ पर भी रेड पड़ सकती है।

वहीं अंत में जब पपूछा गया कि शाह क्या आप एक मुस्लिम के रूप में खुद को हासिए पर महसूस करते हैं। तब शाह ने कहा कि सब कुछ के बावजूद, मैंने खुद को हाशिए पर महसूस नहीं किया। उन्होंने इस पर एक लम्बी टिप्पणी में कहा-

“मैं भारत में बहुसंख्यक मुसलमानों की तुलना में भाग्यशाली हूँ जो खतरा या हाशिए पर महसूस करते हैं। मैं खुद को हाशिए पर महसूस नहीं करता। मैं इस देश में दुखी नहीं हूँ। यह वह देश है जिसमें मेरा पालन-पोषण हुआ और मैं भाग्यशाली हूँ। एक ऐसी स्थिति जहाँ मुझे हाशिए पर नहीं रखा जा सकता। ऐसा नहीं है कि मेरे सत्ता विरोधी बयानों ने मुझे काम करने से रोका है। मुझे बस उम्मीद है कि किसी तरह अच्छी समझ बनी रहे। व्यक्तिगत रूप से, मैं खुद को अलग नहीं महसूस करता। मुझे अपने बारे में पता है कि मेरी मुस्लिम पहचान और मेरी मुस्लिम संस्कृति है। मेरी पत्नी एक हिंदू है और हम ऐसा कहने से पीछे नहीं हटते। यह नफरत की लहर खत्म हो जाएगी। किसी दिन।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र के रत्नागिरी में तनाव: दशहरा के मौके पर RSS का निकला ‘पथ संचालन’, इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ की भड़काऊ नारेबाजी पर FIR दर्ज

रत्नागिरी में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ को नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है, जबकि आरएसएस के कार्यकर्ता शांति से अपना मार्च निकाल रहे थे।

ठप कर देंगे सारी मेडिकल सेवा… RG Kar रेप-मर्डर मामले में न्याय माँग रहे डॉक्टर आमरण अनशन पर, 1 प्रदर्शनकारी की तबीयत बिगड़ने पर...

आरजी कर मेडिकल रेप-मर्डर को लेकर आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में एक की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल एसोसिएशन ने सीएम ममता को चेतावनी दी है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -