Wednesday, March 26, 2025
Homeविविध विषयअन्य3 बार के ग्रैमी विजेता लेकर आए 'जन-गण-मन' की नई प्रस्तुति: 14000 जनजातीय बच्चों...

3 बार के ग्रैमी विजेता लेकर आए ‘जन-गण-मन’ की नई प्रस्तुति: 14000 जनजातीय बच्चों ने गाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड, हरिप्रसाद चौरसिया से लेकर लंदन का बैंड तक शामिल

वीडियो में किन-किन महारथियों का चित्रण किया गया है, उनके बारे में भी उन्होंने बताया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "इसमें पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, राकेश चौरसिया, अमान और अयान अली बंगश, राहुल शर्मा, जयंती कुमारेश, शेख और कालीशाबी महबूब, गिरिधर उडुपा, रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा (यूके), कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज शामिल हैं।"

भारत के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ग्रैमी अवॉर्ड विजेता संगीतकार रिकी केज ने राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का नया एडिशन लॉन्च किया है। इस संस्करण में ब्रिटिश ऑर्केस्ट्रा, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, राकेश चौरसिया, अमान एवं अयान अली बंगश, शेख महबूब सुभानी, कालीशाबी महबूब, गिरिधर उडुपा जैसे संगीत उस्तादों की प्रस्तुति शामिल है। इसके अलावा, इसमें 14000 जनजातीय बच्चे भी शामिल हैं।

रिकी केज ने बुधवार (14 अगस्त 2024) की शाम को सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर नए संस्करण का वीडियो शेयर किया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, “भारत के राष्ट्रगान का शानदार गायन साझा करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। इसमें भारत के शीर्ष दिग्गज संगीतकार, 100 सदस्यीय ब्रिटिश ऑर्केस्ट्रा और 14000 आदिवासी बच्चों का समूह शामिल हैं! हमने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी जीता है।”

तीन बार प्रतिष्ठित ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले रिकी केज ने आगे कहा, “कृपया शेयर करें, देखें, इस्तेमाल करें, लेकिन सम्मान के साथ। यह अब आपका है। हर जगह हर भारतीय को मेरा विनम्र उपहार। जय हिंद! स्वतंत्रता दिवस 2024 की शुभकामनाएँ।” इस वीडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया है। इसमें जिन 14,000 जनजातीय बच्चों की बात कही गई है, वे ओडिशा के रहने वाले हैं।

वीडियो में किन-किन महारथियों का चित्रण किया गया है, उनके बारे में भी उन्होंने बताया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, “इसमें पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, राकेश चौरसिया, अमान और अयान अली बंगश, राहुल शर्मा, जयंती कुमारेश, शेख और कालीशाबी महबूब, गिरिधर उडुपा, रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा (यूके), कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज शामिल हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

न्यायपालिका में सुधार के लिए आया NJAC, पर सुप्रीम कोर्ट ने ही कर दिया खारिज: जज ही जज नियुक्त करेंगे, जज ही जज की...

सुप्रीम कोर्ट में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है। उस पर भाई-भतीजावाद के भी आरोप लगते रहते हैं। इसको देखते हुए न्यायिक सुधार की जरूरत है।

जो जैसे समझे, उसे उसी भाषा में समझाना जरूरी: ‘बुलडोजर सिस्टम’ पर बोले CM योगी, कहा- भलाई के काम नहीं करता वक्फ बोर्ड, जब...

सीएम योगी ने कहा, "वक्फ के नाम पर आज तक एक भी समाज कल्याण का काम नहीं किया गया है। उसके नाम पर जो भी आता है उसका व्यक्तिगत लाभ लिया जाता है।
- विज्ञापन -