Saturday, April 27, 2024
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ये पल भावुक करने वाला, नेताजी के नाम से मिलती है नई ऊर्जा: जानिए PM मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर क्या कहा

“ये मेरा सौभाग्य है कि 2018 में हमने अंडमान के द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा। देश की भावना को समझते हुए, नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी ही सरकार ने सार्वजनिक कीं। ये हमारी ही सरकार का सौभाग्य रहा जो 26 जनवरी की परेड के दौरान INA Veterans परेड में शामिल हुए। आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे...."

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ममता बनर्जी भी ‘पराक्रम दिवस’ समारोह में शामिल हुईं। साथ ही बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी वहाँ पहुँचे। ममता और पीएम मोदी विक्टोरिया मेमोरियल पहुँचे। विक्टोरिया मेमोरियल में मंच पर आने के बाद जोरदार नारेबाजी से सीएम ममता बनर्जी नाराज हो गईं। उन्होंने भाषण देने से इनकार कर दिया। सीएम ममता ने कहा कि बुलाकर अपमान करना ठीक नहीं। साथ ही पीएम मोदी ने नेताजी की स्मृति में डाक टिकट जारी किया।

कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण

पराक्रम दिवस पर संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी परिस्थिति में रहा हूँ, ये नाम कान में पड़ते ही मैं एक नई ऊर्जा से भर गया। इतना विराट व्यक्तित्व है उनका।

नेताजी ने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी

पीएम मोदी ने कहा कि आज के ही दिन माँ भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, “मैं तुमसे आजादी माँगूँगा नहीं, छीन लूँगा।”

नेताजी को नमन

उन्होंने कहा, “मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूँ। मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूँ।”

नेताजी के योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए। इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे।

पीएम ने कहा, “ये मेरा सौभाग्य है कि 2018 में हमने अंडमान के द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा। देश की भावना को समझते हुए, नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी ही सरकार ने सार्वजनिक कीं। ये हमारी ही सरकार का सौभाग्य रहा जो 26 जनवरी की परेड के दौरान INA Veterans परेड में शामिल हुए। आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा: क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है।”

नेताजी का जीवन हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नेताजी ने संकल्प किया था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया। उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया।” उन्होंने कहा कि उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था। उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा। उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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