Tuesday, April 23, 2024
Homeविविध विषयअन्य6 बॉल डालने में फूलने लगती थी साँस, संन्यास की सोच रहे थे अश्विन;...

6 बॉल डालने में फूलने लगती थी साँस, संन्यास की सोच रहे थे अश्विन; बताया- कैसे कुलदीप यादव को प्रमोट कर रवि शास्त्री ने तोड़ा

"कई खिलाड़ियों पर भरोसा जताया गया, तो मुझ पर क्यों नहीं। मैंने कुछ कम नहीं किया। मैंने टीम को कई मैच जिताए, लेकिन मुझ पर भरोसा नहीं जताया गया।"

टेस्ट क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) विकेट लेने के मामले में लगातार नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। इस मामले में भारत में अब उनसे आगे केवल अनिल कुंबले और कपिलदेव ही हैं। टीम इंडिया (India Cricket team) के अनुभवी ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने एक इंटरव्यू में कई चौंकाने वाले खुलासे​ किए हैं। उन्होंने बताया है कि 2018 से 2020 के बीच वह क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे। इस दौरान वे चोटिल थे और कोई भी खिलाड़ी उनका सपोर्ट नहीं कर रहा था।

35 वर्षीय इस खिलाड़ी ने खुलासा किया है कि एक वक्त ऐसा भी आया था जब सिर्फ 5-6 बॉल डालने के बाद एथलेटिक प्यूबल्जिया और पेटेलर टेंडोनाइटिस (athletic pubalgia and the patellar tendonitis) के कारण उनकी साँस फूलने लगती थी। लेकिन अब वह उस चीज से उबर गए हैं।

ईएसपीएन क्रिकइन्फो को दिए इंटरव्यू में रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि 2018 और 2020 के बीच ऐसा वक्त आया था जब वह क्रिकेट से संन्यास लेने की सोचने लगे थे। अश्विन ने कहा कि उस समय मुझे यही लगता था कि खेल को छोड़ देना चाहिए। मैं काफी कोशिश कर रहा था, लेकिन सफल नहीं हो रहा था। मैं जितना ट्राई करता था, उतनी ही चीजें मुश्किल हो रही थीं।

उन्होंने बताया कि 5-6 बॉल डालते ही उनकी साँस फूल जाती थी। उसके बाद लगातार दर्द होता था। उस समय उन्हें एक ब्रेक की जरूरत होती थी। जब उनके घुटने में दर्द बढ़ता तो उसके बाद वे कम उछलते थे। उनकी कमर, कंधों में तकलीफ होने लगती थी। बढ़ती उम्र की वजह से फिटनेस को कंट्रोल में रखना काफी मुश्किल हो रहा था।  

अश्विन ने यह भी बताया कि उनकी चोट को लेकर खिलाड़ी संवेदनशील नहीं थे और कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। भारतीय टीम में कई खिलाड़ियों पर भरोसा जताया गया, लेकिन अश्विन के साथ ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि कई खिलाड़ियों पर भरोसा जताया गया, तो मुझ पर क्यों नहीं। मैंने कुछ कम नहीं किया। मैंने टीम को कई मैच जिताए, लेकिन मुझ पर भरोसा नहीं जताया गया।”

जब कुलदीप यादव ने सिडनी में पाँच विकेट झटके थे, उस समय रवि शास्त्री ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें भारत का नंबर 1 विदेशी स्पिनर बताया था। इसको लेकर आप पर कोई प्रभाव पड़ा? इस सवाल के जवाब में अश्चिन ने कहा, “हर किसी का समय आता है। उस समय मुझे यही लगा कि किसी और का समय आ गया और मेरा चला गया।” तमिलनाडु के इस स्पिनर ने कहा, “मैं रवि भाई का बहुत सम्मान करता हूँ। हम सब करते हैं। मैं समझता हूँ कि वह हमें कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन उस समय मुझे बहुत दुख पहुँचा। मैं बेहद छोटा महसूस कर रहा था। आप मुझे कुछ भी कह सकते हैं या आप मुझे बाहर निकाल सकते हैं, जो की ठीक है, लेकिन आप मेरे इरादे या मेरे संघर्ष पर संदेह नहीं कर सकते हैं। यह सब मेरे लिए पीड़ादायक था। हम सभी के लिए अपने साथियों की सफलता मायने रखती है। मैं कुलदीप के लिए बहुत खुश था, क्योंकि मैं पाँच विकेट हासिल नहीं कर पाया था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उसका पाँच विकेट लेना काफी शानदार था। मैं अच्छी गेंदबाजी के बावजूद 5 विकेट झटकने में नाकामयाब रहा। इसलिए मैं वास्तव में उसके लिए खुश था।”

इंटरव्यू के दौरान अश्विन ने अपनी पत्नी और अपने पिता से मिले सपोर्ट के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि पिता और पत्नी को उन पर पूरा भरोसा था। पिता को लगता था कि उनका बेटा भारत के लिए फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलेगा। हालाँकि, इसके बाद अश्विन ने शानदार वापसी की और टी-20 वर्ल्डकप में भी भारतीय टीम में जगह बनाई। टेस्ट में अश्विन टीम इंडिया के सबसे अहम खिलाड़ियों में से एक हैं। भारत के मुख्य स्पिनर होने के साथ ही अश्विन ने कई बार बल्ले के साथ भी कमाल किया है और भारत को मैच जिताए हैं। 26 दिसंबर से सेंचुरियन (Centurion) में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में अश्विन भी भारत की ओर से खेलने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि अश्विन ने 2018 से 2020 के बीच कुल 18 टेस्ट मैच खेले और 24.26 की औसत से 71 विकेट लिए। उन्होंने इस अवधि के बीच विदेशों में भी 10 टेस्ट मैच खेले और 27.02 की औसत से 37 विकेट लिए। कुल मिलाकर अश्विन ने भारत के लिए 81 टेस्ट मैच खेले हैं और 24.12 की शानदार औसत से 427 विकेट झटके हैं। बात करें वर्ष 2021 की तो रविचंद्रन अश्विन के लिए यह वर्ष काफी बेहतरीन रहा है। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 8 मैच में 52 विकेट लिए। इसी साल अश्विन ने टेस्ट विकेट लेने के मामले में हरभजन सिंह और वसीम अकरम को पीछे छोड़ा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जेल में ही रहेंगे केजरीवाल और K कविता, दिल्ली कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई: ED ने कहा था- छूटने पर ये...

दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के कविता की न्यायिक हिरासत को 7 मई तक बढ़ा दिया गया है।

‘राहुल गाँधी की DNA की जाँच हो, नाम के साथ नहीं लगाना चाहिए गाँधी’: लेफ्ट के MLA अनवर की माँग, केरल CM विजयन ने...

MLA पीवी अनवर ने कहा है राहुल गाँधी का DNA चेक करवाया जाना चाहिए कि वह नेहरू परिवार के ही सदस्य हैं। CM विजयन ने इस बयान का बचाव किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe