Thursday, April 25, 2024
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CJI गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की ख़बरों पर प्रतिबंध के लिए HC में याचिका दायर

इस याचिका में क़ानून मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, ऑपरेशनल हेड वाट्सएप, गूगल, यूट्यूब, लिंक्डइन और वेबसाइट Scroll.in को पक्षकार बनाया गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ उत्पीड़न के आरोपों की रिपोर्ट करने के लिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की माँग की गई है। याचिका में टीवी, अख़बारों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर CJI गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित ख़बरों के प्रकाशित करने पर रोक लगाने के लिए सरकार और भारतीय प्रेस परिषद से निर्देश माँगे गए।

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई की, जिसमें CJI के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रसारित करने से “समाचार मीडिया चैनलों और अन्य प्लेटफार्मों पर तत्काल प्रतिबंध” की माँग की और इसे सोमवार (29 अप्रैल) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने अपने वकीलों के माध्यम से, इस आधार पर मामले की तत्काल सूची के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया कि CJI के ख़िलाफ़ आरोपों का प्रसारण और प्रकाशन “भारतीय न्यायिक प्रणाली पर सीधा हमला है।”

इस याचिका में क़ानून मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, ऑपरेशनल हेड वाट्सएप, गूगल, यूट्यूब, लिंक्डइन और वेबसाइट Scroll.in को पक्षकार बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए थे। अदालत ने CJI पर लगाए गए आरोपों की आंतरिक जाँच के आदेश दिए थे और साथ ही मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ साज़िश के आरोपों की जाँच के निर्देश दिए थे। CJI ने कहा था कि यह आरोप उन्हें अगले सप्ताह महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई से रोकने की बड़ी साज़िश है। इन मामलों में राहुल गाँधी की अवमानना का मामला भी शामिल था।


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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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