Friday, October 4, 2024
Homeदेश-समाजअवमानना के दोषी प्रशांत भूषण के समर्थन में उतरे 41 वकील, भूषण ने 'समाज...

अवमानना के दोषी प्रशांत भूषण के समर्थन में उतरे 41 वकील, भूषण ने ‘समाज कल्याण’ के लिए माँगी फ्री स्पीच की अनुमति

वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण ने पूर्व CJI पर जो बयान दिया था, वो अवमानना कैसे हो गया?

अदालत की अवमानना के दोषी ठहराए जाने के बाद 41 वकील प्रशांत भूषण के समर्थन में आगे आए हैं। इनमें आधे वरिष्ठ हैं। इन वकीलों का कहना है कि इस मामले में कोर्ट अपने फैसले को अमल में नहीं लाए। वहीं, खुद प्रशांत भूषण ने सोमवार (अगस्त 17, 2020) को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सार्वजनिक हित के लिए भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाने वाले वकीलों को फ्री स्पीच के तहत ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

भूषण 2009 में तहलका पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में अपनी टिप्पणी पर आपराधिक अवमानना ​​के आरोपों का जवाब दे रहे थे। वहीं, उनके वकील वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण ने पूर्व CJI पर जो बयान दिया था, वो अवमानना कैसे हो गया?

वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में वो रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे। 2009 में भूषण के खिलाफ दर्ज अवमानना के मुकदमे का ज़िक्र करते हुए धवन ने कहा कि उस समय इनका ये कथन कोर्ट की अवमानना कैसे हो सकता है, जिसमें भूषण ने कहा था कि हाल ही में रिटायर हुए जजों में से 16 भ्रष्ट हैं, उन्होंने सेवारत जजों के बारे में तो कुछ कहा ही नहीं था।

राजीव धवन ने दलील दी कि स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले प्रशांत भूषण को दोषी तय करने वाले अपने फैसले के एक हिस्से में तो कोर्ट ने विवादास्पद ट्वीट्स को अवमानना बताया है, लेकिन दूसरे हिस्से में उसे अवमानना नहीं माना है, ऐसे में भूषण कोर्ट के सामने पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे ताकि स्थिति स्पष्ट हो।

शुक्रवार (अगस्त 14, 2020) को सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना वाले मामले में दोषी करार दिया था। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने भूषण को अवमानना का दोषी ठहराते हुए कहा कि इसकी सजा पर 20 अगस्त को बहस सुनी जाएगी।

प्रशांत भूषण ने देश के सर्वोच्च न्यायालय और मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के खिलाफ ट्वीट किया था, जिस पर स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट कार्यवाही कर रहा है। गत 27 जून को प्रशांत भूषण ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और दूसरा ट्वीट मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के खिलाफ किया था। 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रशांत भूषण को नोटिस मिला था।

प्रशांत भूषण ने अपने पहले ट्वीट में लिखा था कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएँगे और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका को लेकर पूछेंगे। न्यायालय ने इस मामले में एक याचिका का संज्ञान लेते हुये प्रशांत भूषण के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही के लिए उन्हें 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा से पहले 16 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ तोड़ीं, 3 मंदिरों में हमला-तोड़फोड़: हिंदुओं पर हमले अब भी जारी

बांग्लादेश में 28 सितंबर और 1 अक्टूबर को पबना जिले के सुजानगर उपजिला में दो पूजा मंडपों पर हमले किए गए, जिसमें दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ तोड़ी गईं।

मुल्ला-मुल्ला, भाई-भाई… बांग्लादेश में पाकिस्तानी सामान जाएँगे बेरोकटोक, हटाया जाँच का नियम: भारत से वापस बुलाया था राजदूत

बांग्लादेश की मोहम्मद युनुस की सरकार ने पाकिस्तान से आयात हो कर आने वाले सामानों की जाँच का नियम खत्म कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -