Saturday, October 5, 2024
Homeदेश-समाजये 'रिसोल बैंक ऑफ इंडिया' क्या है जो छापता है अनुपम खेर की तस्वीर...

ये ‘रिसोल बैंक ऑफ इंडिया’ क्या है जो छापता है अनुपम खेर की तस्वीर वाले ₹500 के नोट, हैरान कर देगी ₹1.60 करोड़ की वह ठगी जिसमें चला गया 2100 ग्राम सोना

घटना के सामने आने के बाद अपनी तस्वीर वाले नोट देख बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने भी चुटकी ली है। कई चौंकने वाली इमोजी के साथ अनुपम खेर ने लिखा, "लो जी कर लो बात। पाँच सौ के नोट पर गाँधी जी की फ़ोटो की जगह मेरी फ़ोटो? कुछ भी हो सकता है।"

गुजरात के एक सोना व्यापारी से नकली नोटों के जरिए 1 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की गई है। 500 रुपए मूल्य के इन नोटों पर महात्मा गाँधी के बदले अनुपम खेर की फोटो छपी हुई है। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्पेलिंग भी गलत छपी हुई है। इस नोटों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसे खुद अनुपम खेर ने शेयर किया है। पुलिस ने नकली नोटों को कब्ज़े में ले लिया है और रविवार (24 सितंबर 2024) को केस दर्ज करके ठगों की तलाश शुरू कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठगी का यह अनोखा मामला गुजरात की राजधानी अहमदाबाद का है। यहाँ के मानेक चौक इलाके में मेहुल ठक्कर की सर्राफे की दुकान है। 24 सितंबर को उनके पास प्रशांत पटेल नामक युवक की कॉल आती है। कॉलर ने 2100 ग्राम सोना खरीदने की इच्छा जताई। प्रशांत पटेल एक नामी ज्वैलरी शॉप का मैनेजर था जहाँ से मेहुल से पुराने व्यापारिक संबंध थे। प्रशांत पटेल की बातों में आकर मेहुल इस डील के लिए तैयार हो गए।

एडवांस माँगे जाने पर प्रशांत ने बताया कि खरीदार इतना पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर नहीं कर सकता। उसने मेहुल को पैसे डिलीवरी वाले पते पर ही कैश में देने का भरोसा दिया। प्रशांत ने सोने की डिलीवरी के लिए नवरंगपुरा क्षेत्र की एक कूरियर कम्पनी का पता दिया। 1 करोड़ 60 लाख रुपयों में डील फाइनल हो जाने के बाद ठक्कर का कर्मचारी भरत जोशी सोना लेकर बताए गए पते पर पहुँच गया।

यहाँ पर उसे एक व्यक्ति मिला जिसने एक प्लास्टिक का कवर देते हुए उसमें 1 करोड़ 30 लाख रुपए होने का दावा किया। इस प्लास्टिक कवर में 500 रुपए की नकली नोटों के 26 बंडल मौजूद थे। ठग ने भरत जोशी से नोटों को कैश मशीन में गिनने के लिए कहा। इसी के साथ वह सोना उठाकर यह कहते हुए चला गया कि बचे 30 लाख रुपए वो बगल वाली दुकान से ला रहा है। इधर कर्मचारी ने जैसे ही प्लास्टिक कवर खोला तो उसके अंदर से नकली नोट निकले।

इन नोटों की बनावट भी अजीब थी। नोटों में महात्मा गाँधी की जगह अनुपम खेर का चित्र छपा हुआ था। इन नकली नोटों के ऊपर ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ के बदले ‘रिसोल बैंक ऑफ इंडिया’ लिखा है। ये नोट जिस बंडल में पैक किए गए थे उनमें ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ की जगह Start Bank of India प्रिंट था। अपने साथ हुई ठगी को भाँपते हुए भरत जोशी फ़ौरन ही ठग की तलाश में बाहर निकले। हालाँकि इतनी देर वो रफूचक्कर हो चुका था।

आखिरकार भरत जोशी ने अपने मालिक मेहुल को सूचना दी। मेहुल के जरिए यह सूचना पुलिस तक पहुँची। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर नोटों को अपने कब्ज़े में लिया और पड़ताल शुरू कर दी। जाँच में पता चला कि दोनों ठगों ने अपनी करतूत को लम्बी प्लानिंग के बाद अंजाम दिया था। इन्होंने जो कूरियर कम्पनी खोली थी वह भी फर्जी थी। बाहर एक फर्जी बोर्ड लगवा रखा था। दुकान किराए पर थी जिस पर महज 2 दिनों पहले ही पूरा सेटअप किया गया था।

पुलिस को यह भी पता चला कि ठगों ने दुकान मालिक से 1-2 दिनों के बाद एग्रीमेंट बनवाने की बात कही थी। फ़िलहाल पुलिस CCTV फुटेज सहित अन्य सबूतों की पड़ताल कर के ठगों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है। वहीं अपनी तस्वीर से छपे नोटों पर बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने भी चुटकी ली है। कई चौंकने वाली इमोजी के साथ अनुपम खेर ने लिखा, “लो जी कर लो बात। पाँच सौ के नोट पर गाँधी जी की फ़ोटो की जगह मेरी फ़ोटो? कुछ भी हो सकता है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भाई अदनान शेख ने मेरे प्राइवेट पार्ट पर मारा, हिन्दू लड़की से किया निकाह: बहन इफ्फत ने खोली Bigg Boss वाले की पोल

इन्स्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अदनान शेख की बहन इफ्फत ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अदनान की बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कई बातों का खुलासा किया है।

शौहर पाकिस्तानी, बीवी बांग्लादेशी… कर्नाटक में हिंदू नाम रख YouTube पर देता था इस्लामी ज्ञान, गाजियाबाद में रामलीला करने वाले 3 मुस्लिम गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की दो अलग-अलग घटनाओं ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और मजहबी पहचान छिपाकर भारत में रहने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -