Tuesday, September 10, 2024
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इस्लाम-वामपंथ के नाम पर करोड़ों लोगों का कत्ल हुआ, अब हर साल जहरीली एलोपैथिक दवाएँ खाकर मर रहे करोड़ों: बाबा रामदेव, आर्थिक स्वतंत्रता का किया आह्वान

बाबा रामदेव ने कहा, "एलोपैथी की जहरीली दवाएँ खाकर करोड़ों लोगों की मौत हो रही है। अंग्रेजों ने अपना साम्राज्य कायम करने के लिए 10 करोड़ लोगों का क़त्ल किया।"

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि सिंथेटिक एलोपैथी दवाएँ खा कर करोड़ों लोग हर साल मर रहे हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि इससे पहले इस्लाम और वामपंथ के नाम पर करोड़ों को लोगों को मारा जा चुका है। बाबा रामदेव ने कहा कि वह देश की आर्थिक आजादी के लिए प्रयास करेंगे।

बाबा रामदेव ने हरिद्वार पतंजलि पीठ में गुरुवार (15 अगस्त, 2024) को तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए चिंता व्यक्त की कि विश्व की संपदा पर मात्र कुछ लोगों का कब्ज़ा है। उन्होंने अंग्रेजों की लूट का भी उदाहरण दिया।

बाबा रामदेव ने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता है कि हम राजनीतिक आजादी के साथ-साथ इस देश में आर्थिक आजादी के लिए एक बड़ी क्रान्ति कर रहे हैं और करेंगे। क्योंकि पूरी दुनिया की सम्पत्ति, एश्वर्य और वैभव पर 1% आबादी का एकाधिकार है। साम्राज्यवादी ताकतों ने सारी सम्पत्ति को जकड रखा है।”

उन्होंने आगे कहा, “ईस्ट इंडिया कम्पनी से लेकर अंग्रेजों ने इस देश में एक हजार लाख करोड़ की लूट की है। अभी भी भारत की लाखों करोड़ की अर्थव्यवस्था पर, भारत के शेयर मार्केट से लेकर हर सेक्टर पर, FMCG पर विदेशी ताकतों का कब्जा है। यदि किसी देश की अर्थव्यवस्था पर कब्ज़ा होता है तो यह शर्म की बात है।”

इसके बाद उन्होंने जहरीली दवाओं से लोगों की मौत का मुद्दा उठाया। बाबा रामदेव ने कहा, “एलोपैथी की जहरीली दवाएँ खाकर करोड़ों लोगों की मौत हो रही है। अंग्रेजों ने अपना साम्राज्य कायम करने के लिए 10 करोड़ लोगों का क़त्ल किया। इस्लाम के नाम पर करोड़ों लोग मारे गए। लेनिन और माओ की क्रान्ति की नाम पर भी करोड़ों लोग मारे गए। लेकिन अब हर साल निर्दोष लोग जहरीली और सिंथेटिक दवाएँ खाकर मर रहे हैं। पतंजलि इसके विरुद्ध आन्दोलन मुखर करेगा।”

गौरतलब है कि बाबा रामदेव इससे पहले भी एलोपैथिक दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट के दुष्परिणामों पर बोलते आए हैं। हाल ही में उनको इस संबंध में कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें माफ़ी माँगने को भी कहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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