Saturday, June 21, 2025
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बांग्लादेश भागने वाला था ‘जिहाद का इंजीनियर’ हुमायूँ कबीर, अम्मी-अब्बू को चाकुओं से गोदा, फिर मदरसे में किया अटैक: बंगाल पुलिस से बचाना चाहती थी इस्लामी भीड़

बंगाल में 28 मई 2025 को अपने माता-पिता की हत्या करने वाला हुमायूँ कबीर जिहादी मानसिकता से ग्रस्त था। वो मदरसे में आलिमों से इस्लाम पर बहस करता था और कई कट्टरपंथी विदेशी ग्रुप से जुड़ा हुआ था।

बंगाल में अपने अम्मी-अब्बू की चाकू से बेहरमी से हत्या करने वाले हूमायूँ कबीर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अपनी जिहादी सोच की वजह से उसने न सिर्फ अम्मी-अब्बू का मर्डर किया बल्कि मदरसा के 4 आलिमों को मारने की कोशिश की।

वह बांग्लादेश भागना चाहता था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को शक है कि वो कई विदेशी कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में था।

जाधवपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियर की डिग्री लेने वाला हुमायूँ कबीर ने बुधवार (28 मई 2025) को अपने अब्बू मुसफतिजुर रहमान और अम्मी मुमताज परवीन की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि वे उसे जिहादी मानसिकता से अलग होने और सामान्य जीवन जीने के लिए समझाया करते थे। घटना वाले दिन भी अम्मी-अब्बू ने उसे समझाने की कोशिश की थी।

जिहादी सोच की वजह से बीवी ने छोड़ा साथ

कबीर का पिछले साल तलाक हुआ था। पड़ोसियों के मुताबिक कबीर की जिहादी सोच की वजह से ही बीवी ने उसे तलाक दे दिया। बीवी पढ़ी-लिखी थी और उसे जिहादी सोच से बाहर निकलने के लिए कहती थी। बीवी के अम्मी-अब्बू दुबई में रहते हैं। जब कबीर ने जिहादी मानसिकता नहीं छोड़ा तो बीवी उसे छोड़कर दुबई चली गई। इसके बाद वह और भी जिद्दी और गुस्सैल हो गया।

कबीर नोएडा में काम करता था, लेकिन 5 महीने पहले उसकी नौकरी चली गई और वह वापस कोलकाता चला गया। वह अक्सर लैपटॉप और मोबाइल पर जेहादी कंटेंट देखता था। 2012 में यूनिवर्सिटी से पास आउट हुमायूँ पर जिहादी साहित्य का काफी असर पड़ा।

अम्मी-अब्बू ने की थी समझाने की कोशिश

मेमारी में घर पर अम्मी-अब्बू की हत्या से पहले भी उसकी बहस उनसे हुई थी। बहस के बाद अम्मी-अब्बू ने हावड़ा में स्कूल टीचर बेटी तमन्ना रहमान से बात की और भाई को समझाने को कहा था।
यहाँ तक कि अम्मी-अब्बू ने पड़ोसियों को भी बेटे को समझाने के लिए कहा था, लेकिन किसी की नहीं चली।

सवाल नहीं देने पर की आलिमों पर हमला

पुलिस के मुताबिक उसने मदरसे के आलिमों पर ‘जवाब नहीं देने पर’ हमला किया था। आलिमों ने इस्लाम और जिहाद से संबंधित उसके सवालों का जवाब देने से मना कर दिया था। हुमायूँ बांग्लादेश भागना चाहता था इसलिए सीमा से सटे क्षेत्र बनगाँव के मदरसे में पहुँचा था। पुलिस जब उसे गिरफ्तार करने पहुँची तो मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। भीड़ हुमायूँ को छुड़वाना चाहती थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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