जमुई के बलियाडीह गाँव में 16 फरवरी 2025 को हनुमान चालीसा पाठ कर लौट रहे लोगों पर मस्जिद के पास हमला हुआ था। मुस्लिम भीड़ की पत्थरबाजी के बाद प्रशासन को इंटरनेट बंद करना पड़ा था। अब इस घटना पर बिहार की नीतीश कुमार सरकार के मंत्री सुमित सिंह का बयान सामने आया है।
उन्होंने पूछा है कि हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए कोई अनुमति क्यों नहीं ली गई थी? साथ ही यह भी पूछा है कि हिन्दू वहाँ क्या करने गए थे? बिहार की चकाई सीट से निर्दलीय विधायक और राज्य सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मामलों के मंत्री सुमित सिंह ने कहा, “यहाँ पर कुछ उन्मादी लोग माहौल बिगाड़ रहे थे। फर्जी तरीके से कहीं जाकर उलटा-पुल्टा काम करना, इसका कोई औचित्य नहीं है। असमय कोई भी काम करेंगे तो उसका परिणाम बुरा होता है।”
उन्होंने आगे कहा, “असमय जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगिएगा, कोई रोक थोड़े है पढ़ने पर। हमसे बड़े हनुमान जी कि भक्त थोड़े हैं, जो लोग गए थे… ये सब जो नौटंकी करते हैं किताब खोल कर एकदम चिल्ला कर, ऐसे हनुमान चालीसा नहीं पढ़ी जाती है।”
सुमित सिंह ने पूछा, “आप वहाँ पर क्यों गए थे? आप वहाँ पर क्या करने गए थे? और अगर आप वहाँ पर गए थे तो क्या आपने प्रशासन को इसकी सूचना दी थी क्या? आपने इसका लाइसेंस लिया था? हम घर में कहीं भी कोई जागरण करते हैं या कुछ करते हैं उसके लिए लाइसेंस लिया जाता है।”
कैबिनेट मंत्री सुमित सिंह ने यह बयान जमुई के बलियाडीह गाँव में रविवार (16 फरवरी, 2025) को हुई घटना के बाद दिया है। बलियाडीह में एक हिन्दू संगठन के कुछ कार्यकर्ता एक मंदिर पर हनुमान चालीसा पढ़ने गए थे। यहाँ से लौटते वक्त उनकी गाड़ियों पर मुस्लिम भीड़ ने हमला बोल दिया।
मस्जिद के पास से आई भीड़ की पत्थरबाजी में कई हिन्दू कार्यकर्ता घायल हुए थे। कई के सर भी चोटिल हो गए थे। इस दौरान हिन्दू कार्यकर्ता कई घंटे तक फंसे रहे थे। एक हिन्दू कार्यकर्ता खुशबू पांडेय ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम भीड़ उन्हें जलाने की बात कर रही थी।
इस घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे। पुलिस ने घटना के बाद कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में 9 उपद्रवी भी गिरफ्तार किए थे। खुशबू पांडेय को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जमुई में घटना के बाद इन्टरनेट भी बंद कर दिया गया था।