Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाजबंगाल में रामनवमी हिंसा की जाँच NIA के हवाले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सारे कागजात...

बंगाल में रामनवमी हिंसा की जाँच NIA के हवाले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सारे कागजात और सबूत सौंपने के लिए पुलिस को दो सप्ताह का वक्त दिया

रामनवमी को पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की थी और फिर कई वाहनों में आग लगा दी गई थी। इस मामले की NIA जाँच कराने की माँग भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने की थी।

इस रामनवमी पर ममता बनर्जी की शासन वाले पश्चिम बंगाल में हुई जबरदस्त हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से कराने का निर्देश दिया है। रामनवमी के दौरान राज्य के हावड़ा, हुगली और दलखोला में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जाँच से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज NIA को सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सभी संबंधित थानों को दो सप्ताह के भीतर सभी रिकॉर्ड, FIR और सीसीटीवी फुटेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब केंद्र सरकार से NOC मिलते ही NIA मामले की जाँच शुरू कर देगी। दरअसल, उच्च न्यायालय ने यह आदेश शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन हुई हिंसा की जाँच NIA से कराने की माँग कोर्ट से की थी।

इसके पहले कोर्ट ने कहा था, “रिपोर्टों से पता चलता है कि हिंसा के लिए पहले से तैयारी की गई थी। आरोप है कि छतों से पत्थर फेंके थे। जाहिर है कि पत्थर 10-15 मिनट में छत पर नहीं ले जाया जा सकता। यह खुफिया तंत्र की विफलता है।”

कोर्ट ने आगे कहा था, “यहाँ समस्या दो समस्याएँ हैं। पहली यह है कि हिंसा दो समूहों के बीच हुई है। दूसरी समस्या यह है कि एक तीसरा समूह इस हिंसा का लाभ उठा सकता है। ऐसी स्थिति में इसकी जाँच NIA द्वारा की जानी चाहिए। यदि राज्य पुलिस इस मामले की जाँच करती है तो उसके लिए यह पता लगाना मुश्किल होगा कि इस हिंसा से किसको लाभ हो रहा।”

जज ने यह भी कहा था, “बीते 4-5 महीनों ने हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 8 आदेश भेजे हैं। ये सभी मामले धार्मिक आयोजनों के दौरान हुई हिंसा से संबंधित हैं। क्या यह कुछ और नहीं दर्शाता है? मैं बीते 14 सालों से न्यायाधीश हूँ। लेकिन अपने पूरे करियर में ऐसा कभी नहीं देखा।”

कोर्ट ने यह भी कहा था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को पेलेट गन और आँसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इसको देखकर ऐसा लगता है कि मामला गंभीर था। हिंसा में तलवारें, बोतलें, टूटे शीशे और तेजाब का इस्तेमाल किया गया और इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 

बता दें कि रामनवमी को पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की थी और फिर कई वाहनों में आग लगा दी गई थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe