Saturday, July 27, 2024
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अब ‘Z’ कवच में रहेंगे भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, IB की रिपोर्ट पर मोदी सरकार ने दिया आदेश: खुफिया एजेंसी ने राजीव कुमार की सुरक्षा को बताया था खतरा

जेड सुरक्षा कवच में 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिसकर्मियों सहित 22 कर्मी शामिल होते हैं। उद्योगपति गौतम अडानी, बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। Z श्रेणी के तहत एक निजी व्यक्ति को सुरक्षा कवर मिलता है तो वह इसका भुगतान करता है, जबकि अन्य व्यक्तियों का खर्च सरकार उठाती है।

खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की रिपोर्ट के आधार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को Z कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है। राजीव कुमार को जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद अब वे देश में जहाँ भी जाएँगे, उनके साथ यह सुरक्षा घेरा साथ चलेगा।

दरअसल, देश में लोकसभा चुनाव की प्रतिक्रिया जारी है। तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के साथ-साथ कई राजनीतिक पार्टियाँ इस समय हंगामा कर रही है। इसको देखते हुए ही इंटेलिजेंस ब्यूरो ने ‘थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट’ आई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चुनाव आयुक्त को सुरक्षा दी गई है।

बता दें कि देश में मिलने वाली 6 सुरक्षा श्रेणियों में SPG सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। यह सुरक्षा सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को दी जाती है। इसके बाद Z+ सुरक्षा और Z सुरक्षा आती है। जेड सुरक्षा भारत की तीसरी सबसे उच्च सुरक्षा श्रेणी है।

इस सुरक्षा कवच में 4-6 एनएसजी कमांडो और पुलिसकर्मियों सहित 22 कर्मी शामिल होते हैं। उद्योगपति गौतम अडानी, बाबा रामदेव और अभिनेता आमिर खान को Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। Z श्रेणी के तहत एक निजी व्यक्ति को सुरक्षा कवर मिलता है तो वह इसका भुगतान करता है, जबकि अन्य व्यक्तियों का खर्च सरकार उठाती है।

ध्यान देने वाली बात ये है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दोनों निर्वाचन आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष के लिए होता है। सीईसी की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और चुनाव आयुक्तों की 62 वर्ष होती है। भारत के निर्वाचन आयोग के पास विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी होती है।

भारत के तीन सदस्यों से मिलकर बनने वाला निर्वाचन आयोग के प्रमुख के चुनाव आयुक्तों का पद और वेतनमान भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश के सामान होता है। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के जरिए ही हटाया जा सकता है। इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त अपने पद से स्वयं इस्तीफा देकर भी हट सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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