Sunday, April 28, 2024
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‘हनुमान जी को सब पता था, लेकिन उन्हें किसी ने याद दिलाई’: ISRO के वैज्ञानिकों ने PM को बताया प्रेरणास्रोत, कहा- देश को ऐसे ही नेता की जरूरत

पीएम मोदी ने इसरो पहुँचकर ऐलान किया कि ‘चंद्रयान-3’ की कामयाबी का जश्न मनाने के लिए 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने शनिवार की सुबह इसरो में घोषणा की कि जिस बिंदु पर चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम उतरा है, उसका नाम ‘शिवशक्ति’ रखा जाएगा। वहीं, चंद्रयान-2 का लैंडर जिस बिंदु के पास पहुँचा था, उसे ‘तिरंगा’ कहा जाएगा।

ग्रीस यात्रा से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (26 अगस्त 2023) को बेंगलुरु पहुँचे। यहाँ उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से बातचीत को लेकर इसरो के वैज्ञानिक काफी उत्साहित नजर आए। वैज्ञानिकों ने PM को प्रेरणादायक बताते हुए कहा है कि देश को इसी तरह के लीडर की जरूरत है, जो उन्हें मोटिवेट कर सके।

वैज्ञानिक और प्रज्ञान रोवर टीम की सदस्य रीमा घोष ने कहा है, “हम बहुत खुश हैं। प्रधानमंत्री जी ने हमारे सभी प्रयासों की सराहना की है। मैं प्रज्ञान टीम में थी। यह मेरे लिए एक बच्चे की तरह है। वह चंद्रमा पर छोटे-छोटे कदम बढ़ा रहा है। पहली बार चंद्रमा पर रोवर को उतरते हुए देखना अद्भुत अनुभव है।”

उन्होंने आगे कहा है, “उन्होंने इतना समय निकाला, यह बड़ी बात है। हम आगे कुछ और बेहतर करने वाले हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि आकाश की कोई सीमा नहीं है। इसलिए हम जल्द ही कुछ और महत्वपूर्ण मिशन लॉन्च करेंगे। इसरो की योजना में मंगल लैंडिंग मिशन, आदित्य-एल1 मिशन सहित कई अन्य मिशन हैं।”

चंद्रयान-3 की आयोजन समिति के सदस्य और वैज्ञानिक एफबी सिंह ने कहा है, “प्रधानमंत्री जी बेहद प्रेरणादायी हैं। 12-13 घण्टे की यात्रा करने के बाद वे यहाँ पहुँचे और इसरो के वैज्ञानिकों को प्रेरणा दी। हम लोगों ने बहुत मेहनत की थी। हमें उनके जैसे नेता की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने हमें दूरदर्शिता दी है। जहाँ तक प्रतिभा की बात है तो इसरो के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो हमें प्रेरित करें।”

उन्होंने आगे कहा, “यदि आप हमारे हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं को देखें तो हनुमान जी को सब पता था। वह सब जानते थे, लेकिन किसी ने उन्हें याद दिलाया। इसलिए यहाँ जो कुछ भी हुआ है, वह ठीक उसी प्रकार याद दिलाने की तरह है। प्रधानमंत्री बता रहे हैं कि आप में प्रतिभा है। आगे बढ़िए। चिंता नहीं करनी है। मैं आपके साथ हूँ। वह आउट ऑफ द बॉक्स वाली सोच के साथ समझाते हैं। चंद्रयान-2 की असफलता के बाद लोग निराश हो गए थे, लेकिन उन्होंने कहा था कि असफलता से ही सफलता के लिए सीख मिलती है।”

इसरो के एक अन्य वैज्ञानिक सुधीर कुमार एन ने कहा, “मैं निःशब्द हूँ। भारत पहुँचते ही प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से यहाँ आए। उन्होंने कहा कि वह हमें जल्द से जल्द मिलना चाहते थे। इससे अधिक हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने चंद्रयान-3 बिंदु के लैंडिंग पॉइंट को ‘शिवशक्ति’ पॉइंट और चंद्रयान-2 के पॉइंट को ‘तिरंगा’ पॉइंट का नाम दिया है। उन्होंने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। यह सफलता का जश्न मनाने के लिए है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ यह याद रखें कि हमने इस दिन बड़ा कारनामा किया था।”

इसरो की वैज्ञानिक और चंद्रयान-3 की सदस्य डैफिनी ने कहा है, “प्रधानमंत्री से बातचीत करना हमारे लिए सुखद अनुभव है। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों से खासतौर से बात की। महिला वैज्ञानिक इस पूरे सिस्टम का हिस्सा हैं। हालाँकि, सिर्फ महिलाएँ ही नहीं, बल्कि पुरुषों ने भी कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। इसलिए सफलता मिली।”

पीएम मोदी ने इसरो पहुँचकर ऐलान किया कि ‘चंद्रयान-3’ की कामयाबी का जश्न मनाने के लिए 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने शनिवार की सुबह इसरो में घोषणा की कि जिस बिंदु पर चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम उतरा है, उसका नाम ‘शिवशक्ति’ रखा जाएगा। वहीं, चंद्रयान-2 का लैंडर जिस बिंदु के पास पहुँचा था, उसे ‘तिरंगा’ कहा जाएगा।

रोवर चला 12 मीटर

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 रोवर प्रज्ञान ने 26 अगस्त की सुबह तक 12 मीटर की दूरी तय की थी। उन्होंने चंद्रमा से कई तस्वीरें पीएम के साथ साझा कीं। दरअसल 23 अगस्त 2023 को ‘चंद्रयान-3’ चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया था। वहाँ लैंडर विक्रम ने साउथ पोल पर रोवर प्रज्ञान को उतारा था। 

लैंडर मॉड्यूल पर दो खंडों के फोल्डेबल रैंप ने रोवर को एक तार के साथ साउथ पोल की सतह पर नीचे लुढ़कने में मदद की। रोवर के चंद्रमा की सतह को छूने के बाद ये तार हटा दिया गया था। जैसे ही यह चला, एक सौर पैनल भी खुल गया, जिससे रोवर को अपने 500 मीटर के सफर के लिए 50W बिजली पैदा करने सुविधा मिल गई। इसी लैंडर को लेकर शुक्रवार इसरो ने ताजा अपडेट एक्स हैंडल पर डाला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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