हाल ही में तमिलनाडु में कारीगरों द्वारा बनाई गई गणेश प्रतिमाओं को सील किए जाने का मामला सामने आया था। वहीं अब अब ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने एक फरमान जारी करके कहा है कि हिन्दुओं को विनायागार (गणेश) पांडाल लगाने के लिए बिजली विभाग, पुलिस, अग्निशमन विभाग, हाईवे विभाग और स्थानीय निकाय से पहले इस बात की इजाजत लें कि क्या वह पांडाल लगा सकते हैं।
इन सब शर्तों के अलावा DMK शासित राज्य की पुलिस ने कई अन्य शर्तें भी गणेश चतुर्थी त्योहार को लेकर लगाई हैं जिसमें मूर्ति की ऊँचाई, धार्मिक नारे न लगाने, पटाखे ना फोड़ने और गणेश मूर्तियों को प्रवाहित करने से सम्बंधित भी नियम लागू कर दिए हैं। यहाँ तक कि ऐसे स्थानों पर पांडाल लगाने से भी मना कर दिया गया है जहाँ कोई स्कूल या अस्पताल हैं।
आप भी एक बार ग्रेटर चेन्नई पुलिस द्वारा हिन्दुओं को जारी की गई इन गाइडलाइन्स को एक बार देखिए:
- 1. जिन लोगों को जमीन पर गणेश प्रतिमा स्थापित की जानी है वो स्थानीय निकाय, हाइवे विभाग और अन्य सरकारी विभागों से अनुमति लें।
- 2. अग्निशमन विभाग, बिजली विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लें।
- 3. सारे नियमों को मानते हुए एक फ़ार्म भरके स्थानीय पुलिस थाने से अनुमति लें।
- 4. गणेश प्रतिमा की ऊँचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- 5. मूर्तियों को धार्मिक स्थलों, अस्पतालों और स्कूलों के आसपास नहीं बनाया जा सकता।
- 6. ऐसे नारे ना लगाए जाएँ कि दूसरे धर्म के लोग आहत हो जाएँ।
- 7. दो व्यक्तियों को 24 घंटे मूर्तियों के पास तैनात किया जाए।
- 8. पूजा पांडालों पर किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन वाले बैनर पोस्टर नहीं लगाए जा सकते।
- 9. आग से बचाने वाले नियम माने जाएँ, हर समय इस बात की निगरानी की जाए।
- 10. पुलिस द्वारा निर्धारित दिनों पर ही प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाए, प्रतिमाओं को चौपहिया वाहनों में रखा जाए और उन्हीं रूट से ले जाया जाए जो पुलिस बताए।
- 11. कहीं पर भी पटाखे ना फोड़े जाएँ, ना ही पांडालों में ना विसर्जन यात्रा के दौरान।
चेन्नई पुलिस ने यह सारे नियम ट्विटर पर एक नोटिस डालकर जारी किए हैं। लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने चेन्नई पुलिस से प्रश्न पूछा है कि क्या वह अन्य मजहबों के त्यौहार पर क्या वह ऐसी ही एडवायजरी देते हैं और अगर ऐसा नहीं है तो फिर केवल हिन्दुओं के लिए ही ऐसे नियम क्यों हैं।
लोगों ने यह भी प्रश्न पूछा है कि हाल ही में चेन्नई में ही हुए एआर रहमान के कॉन्सर्ट के लिए क्या एडवायजरी दी गई थी? गौरतलब है कि इस कॉन्सर्ट में कई महिलाओं के साथ छेड़खानी हुई थी और इसके गड़बड़ प्रबन्धन को लेकर चेन्नई के प्रशासन की खूब आलोचना हुई थी।
चेन्नई पुलिस ने यह सब नियम जारी करते हुए यह भी लिखा है कि नारों से किसी अन्य धर्म को समस्या ना हो। ऐसे में सवाल उठ सकता है कि क्या चेन्नई पुलिस ने पहले ही मान लिया है कि हिन्दुओं द्वारा लगाए जाने वाले नारों से अन्य धर्म के लोग भड़केंगे? हालाँकि, यह पहला मौका नहीं है जब गणेश चतुर्थी में खलल डालने का प्रयास ना किया गया हो।
Greater Chennai Police
— GREATER CHENNAI POLICE -GCP (@chennaipolice_) September 17, 2023
On the occasion of Vinayagar Chaturthi, instructions for the installation and worship of Vinayagar idols:
1. Land owners where Vinayagar idols are going to be installed must have obtained permission from local bodies concerned, Highway Department or… pic.twitter.com/hYsV5O2PMU
इससे पहले हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाने वाले कारीगरों के कारखानों को भी DMK सरकार ने सील करवा दिया था। यह कारीगर इस समय भगवान गणेश की मूर्तियाँ बना रहे थे जो कि इनकी आय का एकमात्र स्रोत हैं। अधिकारियों ने निर्दयता से इनके कारखानों को प्रदूषण के नाम पर सील कर दिया था।
हिन्दू कारीगरों पर हुए इस अत्याचार को मद्रास हाईकोर्ट ने सुनते हुए रविवार (17 सितंबर, 2023) को इनकी मूर्तियों की बिक्री को मंजूरी तो दे दी, लेकिन फिर एक डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के फैसले को पलट दिया। कारीगरों पर आरोप था कि उन्होंने प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मूर्तियाँ बनाई है जबकि उनका कहना था कि मूर्तियाँ ऐसी सामग्री से बनी हैं जो कि पानी में पूरी तरह से घुल जाती हैं। गणेश चतुर्थी पर नियम कानून बनाने वाली डीएमके के ही नेता उदयनिधि स्टालिन ने बीते दिनों सनातन को डेगू और मलेरिया जैसा बताकर खत्म करने की बात कही थी जिसका पूरे देश में विरोध हुआ था।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में डाली गई याचिका पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है।