Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजIMA चीफ जयलाल करते हैं ईसाई धर्म का प्रचार, लोगों को धर्म परिवर्तन के...

IMA चीफ जयलाल करते हैं ईसाई धर्म का प्रचार, लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाते हैं: दिल्ली के वकील ने की शिकायत दर्ज

"IMA ‘जीसस क्राइस्ट के प्यार’ को साझा करे, सभी को भरोसा दिलाए कि जीसस ही व्यक्तिगत रूप से रक्षा करने वाले हैं। चर्चों और ईसाई दयाभाव के कारण ही विश्व में कई महामारियों और रोगों का इलाज आया।"

दिल्ली के एक वकील ने शुक्रवार (28 मई 2021) को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रमुख डॉ जेए जयलाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है​ कि वकील विष्णु शर्मा ने जयलाल के खिलाफ ईसाई धर्म का प्रचार करने और लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की शिकायत दर्ज कराई है।

शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि जयलाल सोशल मीडिया पर ईसाई धर्म का जिस तरह से प्रचार कर रहे हैं, उससे धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वो टेलीविजन पर एक डिबेट देखे, जिसमें जयलाल बाबा रामदेव को गाली दे रहे थे, उन पर आरोप लगा रहे थे और उन्हें धमका रहे थे। शर्मा ने जयलाल पर आरोप लगाया ​है कि वह मीडिया में अपने इंटरव्यू के जरिए ईसाई धर्म को बढ़ावा दे रहे थे।

मालूम हो कि आईएमए महासचिव डॉ. जयेश लेले ने गुरुवार (27 मई 2021) को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि रामदेव अपने वीडियो के जरिए कोविड-19 के इलाज और डॉक्टरों के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। वहीं, इससे पहले जयलाल ने भी कहा था कि यदि रामदेव कोरोना टीकाकरण और आधुनिक चिकित्‍सा के खिलाफ अपने बयान वापस ले लेते हैं तो उनके खिलाफ भेजे गए नोटिसों को वापस लेने पर विचार किया जा सकता है।

गौरतलब है कि डॉ. जयलाल ने कहा था, “हमें धर्मनिरपेक्ष संस्थानों, मिशनरी संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में काम करने के लिए और अधिक ईसाई डॉक्टरों की आवश्यकता है। मैं एक मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा हूँ, इसलिए मेरे लिए यह एक अच्छा अवसर है कि मैं वहाँ समग्र चिकित्सा के सिद्धांतों को आगे बढ़ा सकूँ। मुझे ग्रेजुएट और इंटर्न को सलाह देने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है।” डॉ. जयलाल अपनी वेबसाइट के अनुसार क्रिश्चियन मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, गुड सेमेरिटन क्लब और रेड क्रॉस सोसाइटी ऑफ इंडिया के भी सदस्य हैं।

बता दें कि डॉ जयलाल ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे चाहते हैं कि IMA ‘जीसस क्राइस्ट के प्यार’ को साझा करे और सभी को भरोसा दिलाए कि जीसस ही व्यक्तिगत रूप से रक्षा करने वाले हैं। उन्होंने कहा था कि चर्चों और ईसाई दयाभाव के कारण ही विश्व में पिछली कई महामारियों और रोगों का इलाज आया।

उन्होंने ईसाई संस्थाओं में भी गॉस्पेल (ईसाई सन्देश) को साझा करने की ज़रूरत पर बल दिया था। उन्होंने IMA में अपने अध्यक्षीय भाषण में भी कहा था कि आज जो भी हैं वह ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर जीसस क्राइस्ट’ का गिफ्ट है और कल जो होंगे, वे भी उनका ही गिफ्ट होगा। उन्होंने इस दौरान मदर टेरेसा के उद्धरण का जिक्र किया था, जिन पर पहले से ही ईसाई धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं। ‘क्रिस्चियन टुडे’ के इंटरव्यू में भी उन्होंने बताया कि कैसे महामारी के बावजूद ईसाई मजहब आगे बढ़ रहा है।

इसके अलावा, डॉक्टर JA जयलाल यहीं पीछे नहीं रहे। उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार इसलिए आयुर्वेद में विश्वास करती है, क्योंकि उनके सांस्कृतिक मूल्य और पारंपरिक आस्था हिंदुत्व में है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 3-4 वर्षों से आधुनिक मेडिसिन की जगह आयुर्वेद को लाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी और योग इत्यादि की जड़ें संस्कृत में हैं, जो हिंदुत्व की भाषा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -