Tuesday, May 30, 2023
Homeदेश-समाजकोरोना संक्रमण पर लगातार चेताते रहे, लेकिन दिल्ली सरकार ने कदम नहीं उठाए: सुप्रीम...

कोरोना संक्रमण पर लगातार चेताते रहे, लेकिन दिल्ली सरकार ने कदम नहीं उठाए: सुप्रीम कोर्ट से केंद्र

केंद्र ने बताया कि 11 नवंबर 2020 को हुई बैठक में दिल्ली सरकार की खामियाँ सामने आई थीं। इतना ही नहीं केजरीवाल सरकार पर अस्पतालों में आईसीयू बेड और टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए समय पर उपाय नहीं करने का भी आरोप केंद्र की ओर से लगाया गया है।

दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देख दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से नाइट कर्फ्यू लगाने पर उनका पूरा प्लान माँगा है। सरकार ने कोर्ट को इससे पहले सूचित किया था कि वह इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है।  

केंद्र सरकार की ओर से इस विचार पर कह दिया गया है कि गृह मंत्रालय की नई एडवाइज़री के अनुसार राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश अपना मूल्यांकन करने के बाद नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।

बता दें कि दिल्ली में नाइट कर्फ्यू को लेकर कोर्ट में कोई निर्णय नहीं लिया गया है, मगर इस मामले की सुनवाई के बीच केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली की बिगड़ी स्थिति के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहराया गया है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि दिल्ली सरकार ने त्योहारों में सख्ती नहीं बरती, इसलिए कोरोना के केस बढ़े हैं। केंद्र की ओर से कहा गया कि दिल्ली सरकार ने त्योहारों और बढ़ती सर्दी में कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्ती से नहीं करवाया। हलफनामे में यह भी कहा गया है दिल्ली सरकार द्वारा उपायों को लागू करने में असफल होने के कारण संक्रमण फैला।

जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा की तमाम चेतावनियों के बावजूद दिल्ली सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए। राज्य सरकार ने डेंगू की रोकथाम समेत तमाम विज्ञापन दिए, लेकिन कोविड के बारे में उनका एक भी विज्ञापन नहीं आया।

केंद्र ने बताया कि 11 नवंबर 2020 को हुई बैठक में दिल्ली सरकार की खामियाँ सामने आई थीं। इतना ही नहीं केजरीवाल सरकार पर अस्पतालों में आईसीयू बेड और टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए समय पर उपाय नहीं करने का भी आरोप केंद्र की ओर से लगाया गया है। 

केंद्र सरकार की मानें तो हाईपॉवर कमेटी ने दिल्ली सरकार को चेताया था। मगर केजरीवाल सरकार इसे अनसुना करती गई। उन्होंने टेस्टिंग क्षमता खासकर आरटी पीसीआर नहीं बढ़ाई, यह लंबे समय से 20,000 पर ही टिका रहा। इसके अलावा होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की भी प्रभावी ढंग से ट्रेसिंग नहीं हुई।

केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली की सरकार की नाकामियों के कारण 15 नवंबर को कोविड स्थिति की समीक्षा करने के लिए नई योजना तैयार करने की पहल करनी पड़ी। इस नई योजना में 30 नवंबर तक टेस्टिंग दुगनी होगी और रेपिड एंटीजन 60,000 किया जाएगा।

बता दें कि अब तक दिल्ली में 5,45,787 मामले सामने आ चुके हैं। इनमे से 38,387 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 4,98,780 ठीक हो चुके हैं और मृतकों की संख्या 8720 हो चुकी है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्थर से फट गई खोपड़ी, गर्दन से पेट तक 16 बड़े घाव: साक्षी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, साहिल के इंस्टाग्राम हैंडल पर हुक्का पार्टी...

साक्षी के शरीर पर 16 बड़े घाव मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारी चीज से हमला होने के कारण मृतका की खोपड़ी फट गई थी।

‘साहिल को हिन्दू समझती थी’: हत्यारे को लेकर साक्षी की दोस्त का बड़ा खुलासा, ‘लव जिहाद’ के एंगल से भी जाँच करेगी पुलिस

साहिल और साक्षी एक दूसरे को 3-4 सालों से जानते हैं। दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा चल रहा था। साक्षी साहिल से बात नहीं करना चाहती थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
258,878FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe