कैश कांड में फँसे दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरण करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 मार्च 2025) को जारी कर दी। स्थानांतरण की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे केंद्र स्वीकार कर लिया है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की माँग भी खारिज कर दी। इस बीच जस्टिस वर्मा के घर में किसी रहस्यमयी महिला के आने बात भी सामने आ रही है।
दरअसल, होली के दिन 14 मार्च की रात करीब 11.30 बजे जस्टिस वर्मा के घर में आग लगी थी। उस समय जस्टिस वर्मा अपनी पत्नी के साथ मध्य प्रदेश में थे। दिल्ली के आधिकारिक आवास में उनकी वृद्ध माँ और बेटी थी। जस्टिस वर्मा के निजी सचिव ने दिल्ली फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। दमकल कर्मी जब जस्टिस वर्मा के घर आए तो वहाँ बोरों में भरी हुई नोटों की गड्डियों में आग लगी देखी।
मीडिया में यह खबर सात दिन बाद 21 मार्च को आई। इसके बाद बवाल होने लगे। आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की बैठक बुलाई और जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया। वर्मा वहीं से दिल्ली हाई कोर्ट में प्रोन्नत होकर आए थे। उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण का विरोध किया और कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट कूड़ेदान नहीं है।
जस्टिस वर्मा के घर मिली भारी नकदी के मामला तूल पकड़ने लगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय से रिपोर्ट माँगी। रिपोर्ट में जस्टिस उपाध्याय ने कहा कि गहन जाँच की जरूरत है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय एक आंतरिक जाँच कमिटी बनाई, जो मामले की जाँच कर रही है।
इस बीच एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा कि जस्टिस वर्मा पर FIR दर्ज करने की माँग की। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने कहा कि इस पर विचार करने से इनकार कर दिया। वहीं, यह मामला संसद में भी गूँजा। बाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति के बाद ही FIR दर्ज की जा सकती है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि CJI संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बताई गई प्रक्रिया के तहत मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने जाँच के लिए जजों की एक समिति भी बनाई है। समिति की जाँच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। इस बीच केेंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद स्थानांतरण करने की स्वीकृति दे दी और सुप्रीम कोर्ट ने इसका आदेश भी जारी कर दिया।
अधिसूचना में कहा गया है, “राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने का निर्णय लिया है।” हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने समिति की जाँच रिपोर्ट आने तक जस्टिस वर्मा को न्यायिक कार्यों से दूर रखने का भी आदेश दिया है। उधर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने इसे भारतीय न्यायपालिका का काला दिन बताया और कहा कि इसको लेकर बेमियादी हड़ताल जारी रहेगा।
#BREAKING: The government has approved the transfer of Justice Yashwant Varma from the Delhi High Court to the Allahabad High Court, following the recommendation of the Supreme Court Collegium pic.twitter.com/2saCqsHhp6
— IANS (@ians_india) March 28, 2025
‘रहस्यमयी महिला’ और जले एवं बचे हुए नोटों की गुमशुदगी
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में मिली भारी मात्रा में नकदी के मामले में एक महिला की एंट्री हो गई है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि जस्टिस वर्मा के घर में आग लगने के कुछ देर बाद एक महिला कार से वहाँ पहुँची थी। महिला ने वहाँ तैनात पुलिस अधिकारियों को अपनी बातों में उलझाया और जस्टिस वर्मा के बंगले के स्टोर रूम में चली गई। कहा जा रहा है कि कुछ पुलिसकर्मी भी उसके साथ गए थे।
इस मामले में दो पुलिस अधिकारी और एक जूनियर अधिकारी जाँच के दायरे में हैं। जाँचकर्ता यह भी जाँच कर रहे हैं कि स्टोर रूम से जले और बिना जले नोटों को हटाने में उस महिला की कोई भूमिका थी और इसमें उसकी किसी पुलिस कर्मी ने सहायता की थी? फिलहाल, वहाँ तैनात 5 पुलिस कर्मियों को अपना मोबाइल पुलिस में जाँच के लिए जमा करने का आदेश दे दिया गया है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच में पता चला है कि जस्टिस वर्मा के घर पर लगी आग में वहाँ रखी नकदी का कुछ ही हिस्सा जला था। वहाँ पर नोटों की गड्डियों से भरे कई बैग रखे थे, जलने से बच गए थे। ऐसे में जाँचकर्ता ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जले हुए नोटों और जलने से बच गए नोटों से भरे बैगों का क्या हुआ।
यह भी पता लगाया जा रहा है कि घटना वाली रात को जज के आवास से कुछ नकदी निकाली भी गई थी या नहीं। दरअसल, जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च की रात आग लगी थी। यह आग बेहद मामूली थी और 15 मिनट में ही इसे बुझा दिया गया था। हालाँकि, पुलिस और दमकल कर्मी वहाँ 2 घंटे तक रहे थे। यह फायर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है।