Saturday, April 20, 2024
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दिल्ली दंगों में स्पेशल कोर्ट ने सुनाई पहली सजा: दिनेश यादव को 5 साल की जेल, लगाया ₹12000 का जुर्माना

उसे पिछले महीने की शुरुआत में ही दिल्ली में दंगा करने और 73 साल की एक वृद्ध महिला के घर में आग लगाने के मामले में दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने दोषी दिनेश यादव पर 12,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

देश की राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों (Delhi riots) के मामले में स्पेशल कोर्ट (special court) ने गुरुवार 20 जनवरी, 2022 को बड़ा कदम उठाते हुए इसमें शामिल एक आरोपित दिनेश यादव (25) को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। यादव पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगे में दोषी ठहराया गया पहला व्यक्ति है।

उसे पिछले महीने की शुरुआत में ही दिल्ली में दंगा करने और 73 साल की एक वृद्ध महिला के घर में आग लगाने के मामले में दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने दोषी दिनेश यादव पर 12,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट शिखा गर्ग ने दिनेश यादव की पैरवी की थी।

दिल्ली के दंगे में शामिल रहे दिनेश यादव को 8 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया था। 3 अगस्त 2021 को उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप तय किए गए थे। हालाँकि, उस दौरान उसने कहा था कि वो दोषी नहीं है। इसके बाद पिछले महीने 6 दिसंबर 2021 को एडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट ने दिनेश यादव को इस मामले में दोषी करार दिया था।

उल्लेखनीय है देश की राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। बड़ी संख्या में मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ ने चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बनाया, उनके घर और दुकानों पर पथराव किए थे। इसके अलावा सुनियोजित तरीके से दंगे को अंजाम देने के लिए मुस्लिमों ने अपने घरों की छतों पर तेजाब की बोतलें और दूसरे ज्वलनशील पदार्थ जमा कर रखे थे। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे।

इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में ये साबित किया कि दिनेश यादव दंगाइयों की भीड़ में शामिल था। उसने 25 फरवरी 2020 की रात को मनोरी नाम की एक 73 वर्षीय महिला के घर में तोड़फोड़ की और आग लगाया था। मनोरी ने ये आरोप लगाया था कि करीब 150 से 200 दंगाइयों ने उनके घर पर हमला किया था। मनोरी के मुताबिक, हमले के वक्त उनका परिवार घर में नहीं था। दंगाइयों ने कई सामानों और उनकी भैंस समेत घर में लूटपाट के बाद उसमें आग लगा दी थी।

फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगे के मामले में कोर्ट ने पहली बार किसी को सजा सुनाई है। गौरतलब है कि दिल्ली में कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिनेश यादव को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। उस पर धारा 143 (गैरकानूनी सभा का सदस्य), 147 (दंगा करने की सजा), 148 (घातक हथियारों से दंगा), 457 (घर में अतिचार), 392 (डकैती), 436 (आगजनी), 149 के तहत कार्रवाई की गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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