Sunday, April 28, 2024
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राजस्थान में नौकरी के नाम पर 23 महिलाओं से गैंगरेप, कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व कमिश्नर पर आरोप: दोनों ने बताया साजिश, पुलिस कर रही जाँच

राजस्थान के सिरोही में अलग-अलग जगहों की लगभग 23 महिलाओं के साथ आँगनबाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पीड़िताओं ने आरोप लगाया है कि उनका अश्लील वीडियो भी बना लिया गया है। अब उन्हें ब्लैकमेल करके 5 लाख रुपए माँगे जा रहे हैं और रेप के लिए उन्हें बुलाया जा रहा है। मामले में आरोपित पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी ने इसे फर्जी बताया है।

राजस्थान के सिरोही में अलग-अलग जगहों की लगभग 23 महिलाओं के साथ आँगनबाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। पीड़िताओं ने आरोप लगाया है कि उनका अश्लील वीडियो भी बना लिया गया है। अब उन्हें ब्लैकमेल करके 5 लाख रुपए माँगे जा रहे हैं और रेप के लिए उन्हें बुलाया जा रहा है। मामले में आरोपित पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी ने इसे फर्जी बताया है।

राजस्थान की पाली जिला निवासी 8 महिलाओं ने सिरोही नगर परिषद के सभापति महेंद्र मेवाड़ा और पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी के साथ उनके दोस्तों 10-15 दोस्तों एवं परिचितों के खिलाफ नशीला पदार्थ खिलाकर गैंगरेप करने और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। न्यायालय के आदेश पर सिरोही के कोतवाली पुलिस थाना और जोधपुर में मामला दर्ज कराया है।

महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही मामले की जाँच सीओ सिरोही पारसाराम को सौंपी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी परसाराम का कहना है कि महिलाओं ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज करवाए हैं। दर्ज प्रकरण में अनुसंधान जारी है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सभी रिपोर्टों में एक जैसे आरोप लगाए गए हैं।

इस संबंध में ऑपइंडिया ने सिरोही की पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका सरकारी नंबर स्वीच ऑफ मिला। वहीं, राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर दी सिरोही जिले के डिप्टी एसपी परसाराम चौधरी का मोबाइल नंबर ने नेटवर्क क्षेत्र से बाहर मिला। वहीं, छोटे स्तर के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

पाली के सूरजपोल की रहने वाली महिला ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि आँगनबाड़ी में नौकरी के लिए वह 2-3 महीने पहले 15-20 महिलाओं के साथ वह पाली से सिरोही गई थी। वहाँ पर नगर परिषद सभापति महेन्द्र मेवाडा और तत्कालीन आयुक्त नगर परिषद महेन्द्र चौधरी मिले। दोनों ने उन्हें अपने परिचित के यहाँ ठहराया। वहीं पर खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई थी।

महिला का आरोप है कि खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया गया था। इसकी वजह से खाना खाने के बाद सभी महिलाएँ बेहोश हो गईं। इसके बाद मेवाडा और चौधरी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बेहोश महिलाओं के साथ गैंगरेप किया और उनके वीडियो भी बना लिए। महिलाओं को होश आया तो उनका सिर दर्द हो रहा था। जब इसके बारे में उन्होंने चौधरी से पूछा तो तब उन्होंने साजिश के बारे में बताया।

आरोप के अनुसार, मेवाडा और चौधरी ने महिलाओं से कहा, “तुम सभी से हमने खूब मजे लिए। इसके लिए ही हमने तुम लोगों को धोखे से बुलाया था।” महिलाओं ने बताया कि जब चौधरी उन्हें यह सब बता रहा था, तब इन लोगों के 10-15 दोस्त भी मौजूद थे। वे सभी जोर-जोर से हँस रहे थे। वे सभी शराब के नशे में थे और उनके सामने शराब की बाेतलें रखी हुई थीं। 

महिला का आरोप है कि यह पूरा षड्यंत्र महेंद्र मेवाडा और महेंद्र चौधरी ने अपने अन्य दोस्तों-परिचितों के साथ मिलकर रचा था। महिला ने यह आरोप लगाया है कि महेंद्र मेवाड़ा और महेंद्र चौधरी ने बेहोशी की हालत में बनाए गए अश्लील वीडियो को दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। उससे 5 लाख रुपए की माँग की जा रही है। इसके साथ ही फिर रेप के लिए दबाव बनाया जा रहा हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है ​कि महेंद्र मेवाडा ने नौकरी का झांसा देकर महिलाओं से खाली कागजों और स्टैंप पेपर पर साइन कराए हैं। उन कागजातों पर महिलाओं से अँगूठे के निशान भी लगवाए हैं। इसके बाद ये कागज अपने पास रख लिए है। बताते चलें कि महेंद्र मेवाड़ा कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता हैं।

इन आरोपों पर सिरोही नगर परिषद के सभापति महेंद्र मेवाडा ने कहा, “मेरे खिलाफ षडय़ंत्र रचा किया गया है। साल 2023 में भी 22 महिलाओं ने एक साथ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पीड़ित सामने तक सामने नहीं आए। वह आरोप भी झूठा साबित हुआ था। अब फिर से षडयंत्र रचकर मामला दर्ज कराया है। यह भी झूठा है। जाँच में सब साफ हो जाएगा।”

वहीं, पूर्व आयुक्त महेंद्र चौधरी ने भी मामले को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा, “मैं किसी को नहीं जानता। नगर पालिका आँगनबाड़ी की नौकरी नहीं देती है। मैं अगस्त 2022 में रिटायर हो गया हूँ। सब फर्जी है। जब मुकदमा दर्ज हुआ उस समय मैं कमिश्नर ही नहीं था।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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